ईटीटी छात्रों का भविष्य अधर में

पेपर लीक प्रकरण के सवा माह बाद भी नहीं घोषित हुई नई तिथि
चंडीगढ़। पंजाब में ईटीटी का डिप्लोमा कर रहे हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। ईटीटी परीक्षा के कथित पेपर लीक के आरोप में रद किए गए पेपरों को सवा महीना बीत जाने के बावजूद परीक्षा के लिए नई तारीख की घोषणा नहीं हुई है। यह परीक्षाएं सेमेस्टर प्रणाली के जरिए हो रही हैं। इन सबों के लिए निजी संस्थाओं के ईटीटी छात्रों की परीक्षा के बारे में अधिसूचना जारी होने के इंतजार को जिम्मेवार माना जा रहा है।
शिक्षा मंत्री सेवा सिंह सेखवां ने 12 मई को पेपर लीक होने के आरोप में ईटीटी के सभी पेपर रद कर दिए थे और विभाग के अतिरिक्त सचिव संजय पोपली को इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी दी गई थी। जांच हो गई। जांच में किस जगह से पेपर लीक हुआ और किसने किया, इस संबंध में तो कुछ नहीं कहा गया था लेकिन पेपर लीक न होने की सावधानी के तौर पर पूरे कदम न उठाए जाने के आरोप में एसईआरटी के निदेशक अवतार सिंह, सीईओ रोशन सूद और एक उप निदेशक जगतार सिंह कुलड़िया को निलंबित कर दिया गया था। यह सब तो हुआ लेकिन नए सिरे से परीक्षा लेने के लिए नई तारीख की घोषणा नहीं हुई।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने भले ही प्राइवेट ईटीटी के गैर कानूनी तरीके से दाखिल किए गए छात्रों की परीक्षा लेने का फैसला तो ले लिया है लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के चलते अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है। इसी के इंतजार में ईटीटी के अधिकृत छात्रों के पेपर भी नहीं लिए जा रहे हैं। इससे पहले यह आरोप भी लगे हैं कि निजी संस्थाओं के कारण ही पेपर लीक का मामला भी उठाया गया। इसी मुद्दे पर मतभेदों के चलते शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सी, राऊल क ा विभाग बदल दिया गया है। इस पूरे प्रकरण के मामले में मंत्री सेवा सिंह सेखवां और डीजीएसई बी.पुरषार्था भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। लेकिन बेकसूर छात्र इस सबका खामियाजा भुगत रहे हैं।

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