इस साल पीएचडी में दाखिला लेने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अब छात्र कॉलेज में कार्यरत शिक्षकों के दिशा-निर्देशन में भी पीएचडी कर सकेंगे। शोध कराने वाले शिक्षकों की कमी से जूझ रहे कुवि प्रशासन ने इस बार यूनिवर्सिटी कॉलेज के शिक्षकों को भी शोध कराने की शिक्षकों की मांग को मान लिया है। इस नियम को कुवि की कार्यकारिणी परिषद ने भी पास कर दिया है। कई सालों से कुवि प्रशासन विभागों में शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। इस कारण कई विभागों में इस बार पीएचडी में दाखिले मुश्किल हो गए थे, क्योंकि शिक्षकों के पास पीएचडी की सीटें ही नहीं बची थी। इस कमी को दूर करने लिए कुवि प्रशासन ने विश्वविद्यालय स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज के शिक्षकों को भी शोध कराने का अधिकार दे दिया है। कुवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि कुवि कुलपति ने शिक्षकों की मांग को मान लिया है। उन्होंने बताया कि कुवि प्रशासन ने यह फैसला विद्यार्थियों के हित में लिया है। कुवि के कार्यकारिणी परिषद सदस्य डॉ. भगवान सिंह का कहना है कि यह फैसला परिषद ने पिछली बार हुई परिषद की बैठक में लिया था।
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