रायपुर.राज्य के पौने दो लाख शिक्षा कर्मियों को शिक्षा विभाग में समायोजित करने के आसार बनने लगे हैं। शासन स्तर पर इसके लिए मंथन शुरु कर दिया गया है। 18 जुलाई को प्रमुख सचिव और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में बैठक होगी।इसमें शिक्षा कर्मियों की सभी बड़ी मांगों विचार होगा।
उच्च स्तरीय बैठक में पंचायत एवं समाज सेवा विभाग के संचालक भी शामिल रहेंगे। बैठक में शिक्षा कर्मियों का पक्ष भी सुना जाएगा।इसके लिए शिक्षा कर्मियों के तीनों संघ छत्तीसगढ़ शिक्षा कर्मी संघ, शालेय शिक्षाकर्मी संघ और संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है। मंत्रालय में बैठक दोपहर 12 बजे शुरु होगी।
छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले सबसे पहले यह मांग उठायी गई। बाद में विभिन्न कारणों से शिक्षाकर्मी तीन धड़ों में बंट गए। इसके बावजूद शिक्षा कर्मियों की मांगों में कोई बदलाव नहीं आया। छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष संजय शर्मा और शालेय शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने बताया कि संगठन की ओर से कई बार मांग की जा चुकी है।
शासन का ध्यान अब उस ओर गया है। शासन स्तर पर की जा रही पहल के बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि सरकार शिक्षा कर्मियों की विभिन्न लंबित मांगों को पूरा करने के संबंध में गंभीर है।इसी वजह से मंथन शुरु किया जा रहा है।
इन मुद्दों पर शासन स्तर पर होगी चर्चा
0 शिक्षा कर्मियों को शासकीय कर्मियों के समान सुविधा।
0 व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षक के पद पर संविलियन।
0 छठवां वेतनमान का लाभ।
0 स्थानांतरण नीति।
0 अनुकंपा नियुक्ति।
0 अनुग्रह राशि।
0 समूह बीमा योजना एवं भविष्य निधि कटौती।
0 शिक्षाकर्मी वर्ग-01 की पदोन्नति क्रमोन्नति के संबंध में।
0 परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष वेतन वृद्धि।
0 शिक्षा कर्मियों से संबंधित परामर्श दात्री समिति का गठन।
आंदोलन की तैयारी में, धरने से शुरुआत
शिक्षा का नया सत्र शुरु होने के साथ ही शिक्षाकर्मी अपनी पूर्व लंबित मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी में हैं। 28 जुला ईको शालेय शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले सभी जिला मुख्यालयों में धरना दिया जाएगा।
संघ के अध्यक्ष श्री दुबे ने कहा कि जिला स्तरीय धरने के बाद राज्य स्तरीय आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।इधर, छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारी भी राज्य के विभिन्न जिलों में दौरा कर रहे हैं।इसके जरिये आंदोलन की तैयारी की जा रही है।
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