अब कॉमर्स ग्रेजुएट भी बन सकेंगे टीजीटी

शिमला. प्रदेश में अध्यापक बनने के अवसर से अब तक महरूम हजारों बीकॉम स्नातकों के लिए खुशी की खबर है। अब बीकॉम स्नातकों की टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) उत्तीर्ण करने के बाद प्रदेश भर के स्कूलों में बतौर टीजीटी आर्ट्स नियुक्ति हो सकेगी। बीए स्नातकों की तर्ज पर इनके लिए भी बीकॉम में 50 प्रतिशत अंकों के साथ एक साल का बीएड डिप्लोमा (बेचलर ऑफ एजूकेशन) की शर्त रखी गई है।

हालांकि बीकॉम स्नातकों की टीजीटी आर्ट्स के पद पर नियुक्ति को लेकर भर्ती एवं पदोन्नति नियम बाद में बनाए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने टीईटी परीक्षा के लिए नियम बना दिए हैं और अब इसी आधार पर शिक्षकों की भर्ती होगी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक राजीव शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि टीईटी शिक्षा के अधिकार के तहत यह एक अनिवार्य कदम है जिस पर काम शुरू कर दिया गया है।

समान मानकों पर होगी शिक्षकों की भर्ती

प्रदेश भर के स्कूलों में अब टीजीटी आर्ट्स, टीजीटी नॉन मेडिकल, टीजीटी मेडिकल, शास्त्री और भाषा अध्यापकों की भर्ती टीईटी टैस्ट पास करने के बाद ही होगी। सभी वर्गो में स्नातक स्तर और शास्त्री की परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं। हालांकि एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स ट्रेनिंग) से मानकों के आधार पर 45 प्रतिशत अंकों की मान्यता वाले अभ्यर्थी भी टीईटी परीक्षा के लिए पात्र हैं। वहीं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए पांच प्रतिशत की छूट देने का भी प्रावधान किया गया है।

ऐसा रहेगा पेपर

टीईटी परीक्षा में पेपर विषय विशेष पर आधारित होगा। टीजीटी आर्ट्स, नॉन मेडिकल, मेडिकल की परीक्षा एक वर्ग में होगी। प्रश्न पत्र में आर्ट्स, मेडिकल व नॉन मेडिकल के प्रश्नों के अलग-अलग सेक्शन बनाए गए हैं। वहीं शास्त्री व भाषा अध्यापकों का टीईटी टैस्ट अलग-अलग होगा।

भाषा अध्यापक के लिए हिंदी स्नातक के अलावा प्रभाकर के बाद आर्ट्स में उत्तीर्ण स्नातक भी पात्र होंगे। टीईटी परीक्षा को प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड आयोजित करेगा और अंकों के आधार पर मेरिट सूची तैयार करेगा। टीईटी में योग्यता के लिए प्रदेश सरकार ने 60 फीसदी अंकों की शर्त रखी है।

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