बीएड की 40 फीसदी सीटें अभी भी खाली

जम्मू यूनिवर्सिटी द्वारा साढ़े तीन महीने तक एडमिशन प्रक्रिया चलाने के बावजूद संबद्धित निजी बीएड कालेजों में करीब 9 हजार सीटें खाली रह गई हैं। इन्हें भरने के लिए दोबारा से एडमिशन (री ओपन)शुरू की जाएगी या नहीं, इस बात का फैसला अब यूनिवर्सिटी के चांसलर एवं राज्यपाल एनएन वोहरा पर छोडा गया है। फिलहाल इस मामले पर राज्यपाल कार्यालय की ओर से यूनिवर्सिटी को कोई निर्देश नहीं आया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि एडमिशन प्रक्रिया दोबारा शुरू नहीं होगी। इससे तकरीबन 35 कालेजों को वित्तीय घाटा उठाना पडेगा। जानकारी अनुसार, यूनिवर्सिटी ने जून के मध्य में एडमिशन नोटिस जारी किया था।



आवेदन की आखिरी तारीख होने के बाद दो बार तारीख आगे बढाई गई। लेकिन बावजूद उसके बीएड कालेजों में पूरी सीटें नहीं भर पाईं। यूनिवर्सिटी से संबद्धित निजी बीएड कालेजों की कुल संख्या 74 है। उनमें लगभग साढ़े 21 हजार सीटें हैं। इसके अतिरिक्त एक हजार सीटें मैनेजमेंट कोटा के तहत बनती हैं। इस प्रकार कुल सीटों की संख्या साढे 22 हजार तक पहुंचती है। लेकिन अब तक काउंसलिंग के जरिए मात्र साढे 13 हजार सीटें ही भरी गई हैं। यानि 40 प्रतिशत सीटें खाली रह गई हैं। पिछले साल भी काफी सीटें खाली रह गई थीं। लेकिन, एडमिशन की प्रक्रिया को दिसंबर तक खींचा गया था।




मुश्किल है दोबारा एडमिशन : बीएड कालेजों के संगठन फोरम आफ रिकागनाईजड कालेजिस आफ एजुकेशन (फोर्स) के शिष्टमंडल ने इस मुद्दे पर वाइस चांसलर डॉ वरूण साहनी से बात की थी। उस पर कालेजिस डेवलेपमेंट काउंसिल के निदेशक ने एडमिशन दोबारा शुरू करने के लिए राज्यपाल से अनुमति मांगी थी। उसी बीच अक्टूबर 14 को बीएड के एकेडमिक सत्र की शुरूआत हुई। सूत्रों के हवाले से खबर है कि एडमिशन दोबारा शुरू करने को जो तारीखंे यूनिवर्सिटी ने सुझाई थीं, वो सब निकल चुकी हैं। साथ ही एकेडमिक सत्र भी काफी आगे निकल चुका है। ऐसे में राज्यपाल कार्यालय एडमिशन दोबारा खोलने की इजाजत दे, इसकी संभावना बहुत कम है। इससे इतना तो तय है कि कालेजों को इस बार घाटा उठाना ही पडेगा।




राज्यपाल से अनुमति का है इंतजार
इस बारे में पूछने पर कालेज डेवलेपमेंट काउंसिल के निदेशक प्रो. देशबंधु गुप्ता ने पुष्टि की कि एडमिशन दोबारा खोलने को लेकर राज्यपाल कार्यालय से अनुमति मांगी गई है। जैसे ही वहां से इजाजत मिलेगी, काउंसलिंग की तारीख घोषित कर देंगे। उन्होंने बताया कि बीएड कालेजों में 9 हजार के लगभग सीटें खाली हैं। उनमें मैनेजमेंट कोटा भी शामिल है।

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.