भर्ती विवाद: एक हजार शिक्षक करेंगे हल्ला बोल

शिमला
हेडमास्टरों की सीधी भर्ती को लेकर उपजा विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है। इस मुद्दे पर छह शिक्षक संगठनों की बुधवार को शिक्षा सचिव के. संजय मूर्ति के साथ हुई वार्ता फेल हो गई। इसके विरोध में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के बैनर तले करीब एक हजार संख्या में शिक्षक निदेशालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

सीधी भर्ती पर छह शिक्षक संगठनों ने आपत्ति जताई है। इसमें हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ, टीजीटी कला अध्यापक संघ, टीजीटी साइंस अध्यापक संघ, पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ, टीजीटी समन्वय समिति और हेडमास्टर व प्रिंसिपल संघ शामिल है। शिक्षक संघ से जुड़े नेता पीआर सांख्यान, राकेश कानूनगो, योगराज डोगरा, सोमदत्त, भाग सिंह और अजय शर्मा ने कहा कि शिक्षकों के हितों से खिलवाड़ हो रहा है।

सीएम से भी हुई थी बात

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष पीआर सांख्यान के बैनर तले शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल पहले मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के समक्ष अपना पक्ष रख चुका है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षक नेताओं को बुधवार शिक्षा सचिव से वार्ता करने को कहा था।

सांख्यान के अनुसार 212 हेडमास्टरों की सीधी भर्ती नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने वर्ष 1998 में बने भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को बदलने और हेडमास्टरों के सभी पद पदोन्नति प्रक्रिया से भरने की मांग की। साथ ही सीनियर सेकंडरी स्कूलों में खाली पड़े हेडमास्टरों के 236 पद भरने की मांग भी की। हाई स्कूलों में 333 पद खाली हैं।

ये है विरोध की जड़

प्रदेश सरकार ने हेडमास्टरों के 212 पदों को सीधी भर्ती से भरने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया में प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक भी भाग ले सकते हैं। शिक्षक संगठनों का तर्क है कि यह मामला टीजीटी काडर के 25 हजार शिक्षकों से जुड़ा है। ऐसे में हेडमास्टरों की सीधी भर्ती नहीं होनी चाहिए। इससे पहले हेडमास्टरों की भर्ती सरकारी शिक्षकों से ही होती रही है। यह पहला मौका है जब इसे सीधे तौर पर भरा जा रहा है।

11 को जोगेंद्रनगर में धरना देंगे पीटीए शिक्षक

धर्मपुर. पीटीए अध्यापक/प्राध्यापक संघ के तहत पीटीए शिक्षक 11 नवंबर को प्रदर्शन करेंगे। मंडी के अध्यक्ष हरि ओम वर्मा ने सरकार पर पीटीए शिक्षकों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लगभग चार साल के कार्यकाल में पीटीए शिक्षकों को आश्वासनों के सिवा कुछ नहीं मिला है। सरकार ने पीटीए शिक्षकों को छोड़ प्रदेश के सभी कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ दिया है। पैराटीचर, विद्या उपासक और ग्रामीण विद्या उपासकों को वित्तीय लाभ के साथ नियमित भी किया है, लेकिन पांच साल का समय बीत जाने के बावजूद पीटीए शिक्षकों को कोई लाभ नहीं दिया गया।





डीयू छात्रों को एक माह में मिलेगी उत्तर पुस्तिका

नई दिल्ली अक्सर अपेक्षा के अनुरूप परीक्षा परिणाम न होने के चलते भटकने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों के लिए अच्छी खबर है। सेमेस्टर सिस्टम की मार कहें या फिर सर्वोच्च न्यायालय का आदेश कि अब डीयू छात्रों के लिए न सिर्फ पुनमरूल्यांकन (रिवैल्यूएशन) और पुन: जांच (री चेकिंग) का काम समय सीमा के भीतर किया जाएगा। बल्कि, उत्तर पुस्तिका की कॉपी भी आवेदन के एक महीने के भीतर छात्र को सौंप दी जाएगी। हालांकि, यह बात और है कि इन सुविधाओं का लाभ उठाने के एवज में छात्रों को अपनी जेब भी अच्छी-खासी ढीली करनी होगी।

 

परीक्षा विभाग की ओर से इस बाबत जारी अधिसूचना की जानकारी देते हुए डीन प्रो. आरसी शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय में सेमेस्टर सिस्टम लागू हो चुका है और अब हर छह माह में परीक्षाएं और उसके एक माह के भीतर नतीजे जारी होंगे, ऐसे में पूर्व व्यवस्था की तरह महीनों तक पुनमरूल्यांकन व पुन: जांच की प्रक्रिया अंजाम नहीं दी जा सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विभाग ने इस काम को 45 दिन के भीतर निपटाने का लक्ष्य तय किया है।

 
बशर्ते परिणाम वेबसाइट पर जारी होने के 15 दिन के भीतर छात्र इसके लिए आवेदन कर दे। प्रो. शर्मा ने बताया कि छात्रों की सहूलियत के लिए अब विभाग सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार छात्रों को उत्तर पुस्तिकाएं भी ऑन डिमांड उपलब्ध कराएगा। इसके लिए विधार्थी को परीक्षा परिणाम घोषित होने के 61 से 75 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा और आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर विभाग कॉपी छात्र को सौंप देगा। हालांकि, इसके एवज में उसे प्रति पेपर के हिसाब से 750 रुपए का शुल्क अदा करना होगा। प्रो. शर्मा ने बताया कि उत्तर पुस्किाओं की उपलब्धता को लेकर विभाग वेबसाइट पर जानकारी देगा और इसके बाद 15 दिनों के भीतर छात्र उत्तर पुस्तिका प्राप्त कर सकेगा।

 
परीक्षा विभाग की ओर से छात्रों को निर्धारित समय सीमा के भीतर उपलब्ध कराई जा रही सुविधा के एवज में विभाग उनसे पहले के मुकाबले दोगुना से ज्याद शुल्क भी लेगा। प्रो. शर्मा के मुताबिक पुनमरूल्यांकन के लिए पांच सौ रुपए की जगह अब एक हजार रुपए का भुगतान करना होगा। इसी प्रकार, पुन: जांच के लिए 300 के बजाए अब 750 रुपए देने होंगे। पुनर्मूल्यांकन में उत्तर पुस्तिका में किसी उत्तर के कितने अंक दिए गए हैं और अंक सही दिए गए हैं या नहीं, इसका पुनमरूल्यांकन हाेता है।

 

जबकि, पुन: जांच के तहत उत्तर पुस्तिका की फिर जांच होती है। विद्यार्थियाें काे अपने आवेदन पत्र उत्तरी व दक्षिणी परिसर स्थित  परीक्षा विभाग कार्यालय में जमा कराने हांेगे।

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