गरीब बच्चों के दाखिले के लिए हेल्पलाइन शुरू

नई दिल्ली, जासं : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत नर्सरी दाखिले में 25 फीसदी गरीबी कोटे की सीटों पर दाखिले के लिए वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल ने एक हेल्पलाइन शुरू की है। इसका मकसद निजी स्कूलों में गरीबों के लिए आरक्षित सीटों पर गरीब बच्चों का दाखिला सुनिश्चित करना है। शिक्षा के अधिकार कानून में सभी स्कूलों में 25 फीसदी मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की बात कही गई है। वकील अशोक अग्रवाल ने बताया कि सोशल जूरिस्ट संस्था की ओर से हेल्पलाइन शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल में दाखिला लेना प्रत्येक बच्चे का कानूनी अधिकार है। कमजोर और पिछड़े वर्ग के बच्चे निजी स्कूलों में नर्सरी कक्षा में दाखिला ले सकते हैं और आठवीं तक मुफ्त में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। आरटीई कानून के तहत निजी और सरकारी स्कूल गरीब बच्चों को दाखिला से मना नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि फोन करने वाले लोगों को यह बताया जा रहा है कि दाखिले के लिए कौन-कौन सा प्रमाण पत्र जरूरी है और अगर नहीं है तो तुरंत बनवाने की बात कही जा रही है। गरीबी कोटे के लिए आय प्रमाण बेहद जरूरी होता है। ईडब्ल्यूएस कोटे की राशि तय करने की मांग: नर्सरी दाखिले की शुरुआत होने से पहले ही निजी स्कूलों ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों पर होने वाले खर्च के भुगतान को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। स्कूलों का कहना है कि ईडब्ल्यूएस कोटे के बच्चों पर होने वाली खर्च की राशि सरकार की ओर से अभी तक तय नहीं की गई और न ही इसके भुगतान के लिए ठोस कारवाई की गई। दरअसल, शिक्षा के अधिकार कानून के मुताबिक निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस के तहत 25 प्रतिशत बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने के साथ-साथ यूनिफार्म और किताब-कॉपी देने की बात है।

No comments:

Post a Comment

thanks for your valuable comment

See Also

Education News Haryana topic wise detail.