करनाल
प्रदेश भर में शनिवार को हुई हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा में शिक्षा विभाग की पोल खुल गई। विभाग कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई परीक्षा केंद्रों में एक विषय की जगह दूसरे विषय का पेपर थमा दिया गया तो कई जगह हल की हुई प्रश्न पुस्तिका दी गई।
मामला करनाल के सेक्टर-६ स्थित प्रताप पब्लिक स्कूल का है। यहां दो ब्लाकों में एचटेट कैटेगरी नंबर-३ में लेक्चरर की परीक्षा होनी थी। सुबह १० बजे से ही परीक्षा केंद्र में आईडी प्रूफ और फोटो मिलान कर परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश कराया गया। इस केंद्र में ज्यादातर परीक्षार्थी संस्कृत, पंजाबी, अंग्रेजी आदि विषय के थे। यहां पर संस्कृत विषय के परीक्षार्थियों को बोर्ड की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। 11 बज चुके थे, परीक्षा केंद्र के ब्लाक नंबर-२ की दूसरी मंजिल पर स्थित कमरों में प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। कुछेक परीक्षार्थियों ने परीक्षा में देरी होने की शिकायत भी की। तकरीबन साढ़े 11 बजे उन्हें प्रश्न पुस्तिका और ओएमआर शीट उपलब्ध कराई गई। निर्देश दिया गया कि घंटी बजने इसे न खोले, पर सभी प्रश्न पुस्तिकाओं की सील टूटी हुई थी। इन पर पहले से ही परीक्षार्थियों के नाम, पिता का नाम, रोल नंबर, यहां तक के हस्ताक्षर भी किए हुए थे।
ओएमआर शीट भी प्रयोग की हुई
ऐसी ही स्थिति ओएमआर शीट की थी, सीट के रोल नंबर, पेपर कोड, परीक्षार्थी का नाम के स्थान के तो गोले काले किए हुए ही थे, इसके साथ-साथ कुछ शीटों पर तो प्रश्न क्रमांक के अनुसार उत्तरों के गोले भी काले किए मिले। हालांकि ये औसतन आठ से दस ही थे। उसी समय केंद्र के दूसरी मंजिल पर स्थित एक कमरे के परीक्षार्थियों ने विरोध जताना शुरू कर दिया और ड्यूटी स्टाफ से पेपर बदलने की मांग की। मामले को बढ़ता देख ड्यूटी स्टाफ ने कहा कि यह दिक्कत आप अकेलों की नहीं है। हमें कहा गया है कि आप फ्लूड से लिखे हुए मैटर को मिटा दें, और अपने लेवल पर पेपर दें। केंद्र में आए बोर्ड के प्रतिनिधि ने कहा है कि ऐसी ओएमआर शीटों में फ्लूड प्रयोग करने दिया जाए, इनकी अलग से चैकिंग करा दी जाएगी। इसके लिए आपको फ्लूड भी उपलब्ध कराया जाएगा और जो समय आपका बीता है उसकी भरपाई भी कराई जाएगी। करीबन दस मिनट तक चले मामले में ओएमआर के चैकिंग होने के आश्वासन के बाद ही परीक्षार्थियों ने पेपर हल करने शुरू किए।
कैथल प्रदेश भर में शनिवार को हुई हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा में शिक्षा विभाग की पोल खुल गई। विभाग कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई परीक्षा केंद्रों में एक विषय की जगह दूसरे विषय का पेपर थमा दिया गया तो कई जगह हल की हुई प्रश्न पुस्तिका दी गई।
मामला करनाल के सेक्टर-६ स्थित प्रताप पब्लिक स्कूल का है। यहां दो ब्लाकों में एचटेट कैटेगरी नंबर-३ में लेक्चरर की परीक्षा होनी थी। सुबह १० बजे से ही परीक्षा केंद्र में आईडी प्रूफ और फोटो मिलान कर परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश कराया गया। इस केंद्र में ज्यादातर परीक्षार्थी संस्कृत, पंजाबी, अंग्रेजी आदि विषय के थे। यहां पर संस्कृत विषय के परीक्षार्थियों को बोर्ड की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। 11 बज चुके थे, परीक्षा केंद्र के ब्लाक नंबर-२ की दूसरी मंजिल पर स्थित कमरों में प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। कुछेक परीक्षार्थियों ने परीक्षा में देरी होने की शिकायत भी की। तकरीबन साढ़े 11 बजे उन्हें प्रश्न पुस्तिका और ओएमआर शीट उपलब्ध कराई गई। निर्देश दिया गया कि घंटी बजने इसे न खोले, पर सभी प्रश्न पुस्तिकाओं की सील टूटी हुई थी। इन पर पहले से ही परीक्षार्थियों के नाम, पिता का नाम, रोल नंबर, यहां तक के हस्ताक्षर भी किए हुए थे।
ओएमआर शीट भी प्रयोग की हुई
ऐसी ही स्थिति ओएमआर शीट की थी, सीट के रोल नंबर, पेपर कोड, परीक्षार्थी का नाम के स्थान के तो गोले काले किए हुए ही थे, इसके साथ-साथ कुछ शीटों पर तो प्रश्न क्रमांक के अनुसार उत्तरों के गोले भी काले किए मिले। हालांकि ये औसतन आठ से दस ही थे। उसी समय केंद्र के दूसरी मंजिल पर स्थित एक कमरे के परीक्षार्थियों ने विरोध जताना शुरू कर दिया और ड्यूटी स्टाफ से पेपर बदलने की मांग की। मामले को बढ़ता देख ड्यूटी स्टाफ ने कहा कि यह दिक्कत आप अकेलों की नहीं है। हमें कहा गया है कि आप फ्लूड से लिखे हुए मैटर को मिटा दें, और अपने लेवल पर पेपर दें। केंद्र में आए बोर्ड के प्रतिनिधि ने कहा है कि ऐसी ओएमआर शीटों में फ्लूड प्रयोग करने दिया जाए, इनकी अलग से चैकिंग करा दी जाएगी। इसके लिए आपको फ्लूड भी उपलब्ध कराया जाएगा और जो समय आपका बीता है उसकी भरपाई भी कराई जाएगी। करीबन दस मिनट तक चले मामले में ओएमआर के चैकिंग होने के आश्वासन के बाद ही परीक्षार्थियों ने पेपर हल करने शुरू किए।
॥कुछ परीक्षार्थियों के साथ ऐसा हुआ है। बोर्ड स्टाफ की जल्दबाजी में प्रश्न पत्रों का गलत वितरण हो गया। ऐसे परीक्षार्थियों को समय भी अतिरिक्त दिया गया। हमारे स्टाफ या स्कूल का इस मामले में कोई दोष नहीं है। हमने इस बारे में बोर्ड को अवगत करा दिया गया था।’’
निशा साहनी, प्राचार्या, प्रताप पब्लिक स्कूल
बोर्ड ने हमारे पेपर चैक नहीं किए तो...
परीक्षा केंद्र की इस लापरवाही के शिकार बने परीक्षार्थी हनुमान, सरिता, पूनम, सीमा, सुनीला आदि का कहना था कि गलती तो परीक्षा केंद्र की है। हमें तो डर है कि बोर्ड फ्लूड लगी हमारी ओएमआर सीटों को कहीं चैक ही न करें। कहा तो यही गया है कि इन्हें चैक कराया जाएगा। इस बारे में हम भी बोर्ड सचिव को शिकायत करेंगे। उन्होंने यह भी मांग की पेपर लेट होने के कारण आधा घंटे का समय तो हमें दिया गया, पर इन प्रश्नों के उत्तर और अन्य लिखे मैटर को मिटाने में हमारा जो समय खर्च हुआ, उस पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में कइयों के प्रश्न भी रह गए। ऐसे में बोर्ड को इस मामले में कम से कम 15 से बीस अंक तक ग्रेस माक्र्स देने चाहिए।
पंजाबी वालों को दे दिए संस्कृत के पेपर
मामले की जब पड़ताल की गई तो पाया गया कि परीक्षा केंद्र स्टाफ ने संस्कृत विषय के पेपर गलती से पंजाबी विषय वाले परीक्षार्थियों को दे दिए। समय नष्ट न हो ऐसे में उन परीक्षार्थियों ने प्रश्न बुकलेट पर नाम, पिता का नाम, रोल नंबर आदि लिखने के साथ-साथ हस्ताक्षर तक कर दिए। इसके अलावा कइयों ने तो ओएमआर सीटों को भी भरना शुरू कर दिया। ऐसे में वो आठ से दस प्रश्न ही इतने समय में ओएमआर सीट में हल कर पाए। बाद में उनमें किसी ने विषय का पेपर न होने की कही तो मामला सामने आया। आनन फानन में उनसे सीट वापस ली गई। यही सीट संस्कृत विषय वालों को दी गई।
सेके्रट हार्ट कांवेट स्कूल में बने परीक्षा केंद्र के रूम नंबर-१० में कुछ परीक्षार्थियों को राजनीति शास्त्र की जगह इतिहास का पेपर थमा दिया। इस पर परीक्षार्थी भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। इसकी सूचना केंद्र के स्टाफ की ओर से प्रशासन को दी गई। प्रशासन की ओर से एसडीएम जगाधरी देवेंद्र कौशिक व डीएसपी जगाधरी सुरेश कौशिक मौके पर पहुंचे। उन्होंने केंद्र अधीक्षक व परीक्षार्थियों से बात की। इतिहास का पेपर देने व अतिरिक्त समय देने की बात पर मामला सुलझ गया।
निशा साहनी, प्राचार्या, प्रताप पब्लिक स्कूल
बोर्ड ने हमारे पेपर चैक नहीं किए तो...
परीक्षा केंद्र की इस लापरवाही के शिकार बने परीक्षार्थी हनुमान, सरिता, पूनम, सीमा, सुनीला आदि का कहना था कि गलती तो परीक्षा केंद्र की है। हमें तो डर है कि बोर्ड फ्लूड लगी हमारी ओएमआर सीटों को कहीं चैक ही न करें। कहा तो यही गया है कि इन्हें चैक कराया जाएगा। इस बारे में हम भी बोर्ड सचिव को शिकायत करेंगे। उन्होंने यह भी मांग की पेपर लेट होने के कारण आधा घंटे का समय तो हमें दिया गया, पर इन प्रश्नों के उत्तर और अन्य लिखे मैटर को मिटाने में हमारा जो समय खर्च हुआ, उस पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में कइयों के प्रश्न भी रह गए। ऐसे में बोर्ड को इस मामले में कम से कम 15 से बीस अंक तक ग्रेस माक्र्स देने चाहिए।
पंजाबी वालों को दे दिए संस्कृत के पेपर
मामले की जब पड़ताल की गई तो पाया गया कि परीक्षा केंद्र स्टाफ ने संस्कृत विषय के पेपर गलती से पंजाबी विषय वाले परीक्षार्थियों को दे दिए। समय नष्ट न हो ऐसे में उन परीक्षार्थियों ने प्रश्न बुकलेट पर नाम, पिता का नाम, रोल नंबर आदि लिखने के साथ-साथ हस्ताक्षर तक कर दिए। इसके अलावा कइयों ने तो ओएमआर सीटों को भी भरना शुरू कर दिया। ऐसे में वो आठ से दस प्रश्न ही इतने समय में ओएमआर सीट में हल कर पाए। बाद में उनमें किसी ने विषय का पेपर न होने की कही तो मामला सामने आया। आनन फानन में उनसे सीट वापस ली गई। यही सीट संस्कृत विषय वालों को दी गई।
सेके्रट हार्ट कांवेट स्कूल में बने परीक्षा केंद्र के रूम नंबर-१० में कुछ परीक्षार्थियों को राजनीति शास्त्र की जगह इतिहास का पेपर थमा दिया। इस पर परीक्षार्थी भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। इसकी सूचना केंद्र के स्टाफ की ओर से प्रशासन को दी गई। प्रशासन की ओर से एसडीएम जगाधरी देवेंद्र कौशिक व डीएसपी जगाधरी सुरेश कौशिक मौके पर पहुंचे। उन्होंने केंद्र अधीक्षक व परीक्षार्थियों से बात की। इतिहास का पेपर देने व अतिरिक्त समय देने की बात पर मामला सुलझ गया।
आईजी पब्लिक स्कूल के परीक्षा केंद्र में काफी गड़बडिय़ां मिली। परीक्षा शुरू होने पर कुछ पात्रों को हिंदी की जगह इंग्लिश का पेपर थमा दिया गया। पेपर समय पर न मिलने और पेपर कोड की उलझन के चक्कर में परीक्षा पंद्रह मिनट देरी से शुरू हुई। यही नहीं चेकिंग के दौरान जींद जिले से आई एक महिला पात्र की उत्तरपुस्तिका खाली पाए जाने पर डीसी ने सुपरीडेंट और ड्यूटी स्टाफ को फटकार लगाई।
९७,४१८
३२६
अम्बाला
परीक्षा खत्म होने के बाद कुछ परीक्षार्थियों में परीक्षा नियंत्रकों की ओर से प्रश्न पत्र न लौटाने पर नाराजगी जताई। इस मामले को लेकर कुछ परीक्षार्थियों ने अपने अभिभावकों को इस बात की जानकारी दी। जिस पर अभिभावकों ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की चेतावनी भी दी।
कुरुक्षेत्र
डीएन कालेज में बने परीक्षा केंद्र में राजनीतिक विज्ञान विषय के विद्यार्थियों को इकोनामिक्स का प्रश्न पत्र थमा दिया गया। कमरा नंबर-६, ७ व ८ में इसका पता विद्यार्थियों को १५ मिनट बाद चला। तब तक वे इस पर रोल नंबर व अन्य जानकारियां भर चुके थे। फ्लूड लगाकर विद्यार्थियों ने उत्तर पुस्तिकाओं को ठीक किया। इसके चलते परीक्षा २० मिनट देरी से शुरू हुई। हालांकि परीक्षार्थियों को बाद में अतिरिक्तसमय दिया गया।
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