पीएचडी में भी आरक्षण, नये निमय को मिली हरी झंड़ी

इंदौर. समन्वय समिति की बैठक में पीएचडी के लिए नए नियम संबंधी आर्डिनेंस मंजूर कर लिया गया है। आर्डिनेंस के एक बिंदु में लिखा है कि इंटरव्यू बोर्ड जब गाइड की सीटें शोधार्थियों को आवंटित करेगा, उस समय राज्य सरकार की आरक्षण नीति के तहत आरक्षण का ध्यान रखा जाएगा और उसी के अनुक्रम में सीटें आवंटित होंगी।

इसका अर्थ है कि गाइड के पास अधिकतम उपलब्ध आठ सीटों में से अधिकतम चार सीटें आरक्षित हो सकेंगी। आरक्षण का यह प्रावधान पीएचडी के लिए प्रवेश परीक्षा करा चुके महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक यूनिवर्सिटी, उज्जैन ने किया भी है। इसी यूनिवर्सिटी से प्रेरित होकर अन्य यूनिवर्सिटी द्वार भी अपना आर्डिनेंस बनाया गया है।

पाणिनी यूनिवर्सिटी के इस एक्ट में है आरक्षण का प्रावधान- आर्डिनेंस 9 (6)

हमारी यूनिवर्सिटी के आर्डिनेंस में भी आरक्षण- यूनिवर्सिटी के पीएचडी आर्डिनेंस बनाने के लिए तत्कालीन कुलपति डॉ. पीके मिश्रा ने रेक्टर डॉ. राजकमल व प्रोफेसर दिनेश वाष्र्णेय की कमेटी बनाई थी। इनके द्वारा तैयार किए गए आर्डिनेंस में भी उज्जैन यूनिवर्सिटी का आरक्षण बिंदु लिया गया है। आर्डिनेंस को समन्वय समिति में मंजूरी मिल गई है।

जहां प्रवेश परीक्षा वहां नियम

प्रोफेसर मंगल मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नियमानुसार जहां सीट व प्रवेश परीक्षा की बात आती हैं, वहीं पर आरक्षण नियम लागू हो जाता है। इसलिए आरक्षण तो रहेगा।

अभी क्या- वर्तमान में गाइड के पास छह सीट रहती है और वह अपनी इच्छा से शोधार्थी को चुनता है। इसमें कोई आरक्षण नहीं रहता।

दे रहे हैं आरक्षण

इंटरव्यू बोर्ड द्वारा शोधार्थियों को सीटें आवंटित करते वक्त हम आरक्षण नियमों का पालन करते हैं।

- मनोज तिवारी, कुलसचिव महर्षि संस्कृत पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक यूनिवर्सिटी, उज्जैन

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