Result: Sr.Secondary & HOS Oct. 2011 Link-1 Link-2 Link-3 link-4
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कुवि में परीक्षाएं और पीसीपी एक साथ
कुरुक्षेत्र, जागरण संवाद केंद्र : कुरुक्षेत्र विश्र्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय ने सेमेस्टर की परीक्षाओं के साथ ही कक्षाएं (पीसीपी) शुरू कर दी हैं। दोनों कार्य पूरे जनवरी माह साथ-साथ होंगे। मालूम हो कि कुवि में सभी कक्षाओं के प्रथम और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं 20 दिसंबर से शुरू हो चुकी हैं। छात्र परीक्षाओं में व्यस्त हैं। इसके अलावा जिन छात्रों को अपनी पिछली कक्षाओं की रि-अपीयर या फिर अंक सुधार की परीक्षा देनी होती है, वे भी परीक्षा दे रहे हैं। ऐसे में उन छात्रों के लिए समस्या खड़ी हो हो गई है जिन्होंने पहले कुवि से नियमित डिग्री करने के बाद अब दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में दाखिला ले लिया है। कुवि की परीक्षा शाखा और दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में आपसी तालमेल नहीं होने के कारण सैंकड़ों छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक ही समय में दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय की पीसीपी और समेस्टर की परीक्षा होने के कारण ये अगर परीक्षा देते हैं तो पीसीपी में हाजिरी कम हो जाती है और अगर पीसीपी में जाते हैं तो परीक्षा नहीं दे सकते हैं। दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश भर में कुवि परिसर के अलावा लगभग 18 पीसीसी केंद्र बनाए हैं। इनमें से कुछ कॉलेजों में
परीक्षाएं भी हो रही हैं। एक ही कॉलेज में परीक्षा और पीसीपी की कक्षाएं साथ-साथ होने के कारण दोनों कार्य प्रभावित होने की आशंका है। इसके अलावा परीक्षाओं में ड्यूटी के कारण शिक्षकों की उपलब्धता पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है। कुवि के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के पीसीपी कन्वीनर डॉ. एमपी माथुर का कहना है कि उन्होंने सभी पहलुओं को देखकर ही पीसीपी का आयोजन किया है। विद्यार्थियों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए सभी केंद्रों पर जांच के लिए दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं।
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25 फीसद सीटों पर दाखिला नहीं दिया तो एफआइआर
परीक्षाएं भी हो रही हैं। एक ही कॉलेज में परीक्षा और पीसीपी की कक्षाएं साथ-साथ होने के कारण दोनों कार्य प्रभावित होने की आशंका है। इसके अलावा परीक्षाओं में ड्यूटी के कारण शिक्षकों की उपलब्धता पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है। कुवि के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के पीसीपी कन्वीनर डॉ. एमपी माथुर का कहना है कि उन्होंने सभी पहलुओं को देखकर ही पीसीपी का आयोजन किया है। विद्यार्थियों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए सभी केंद्रों पर जांच के लिए दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों की ड्यूटियां लगाई गई हैं।
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25 फीसद सीटों पर दाखिला नहीं दिया तो एफआइआर
कैप्टन अजय सिंह यादव ने निजी स्कूल संचालकों को हर हाल में शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों को दाखिला देने के लिये कहा है। इसके साथ ही मंत्री ने निजी स्कूल संचालकों की उस मांग को खारिज कर दिया है, जिसमें उनसे इस कानून में राहत देने की अपील की गई है। साथ ही कहा कि चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान यदि निजी स्कूल संचालकों ने इस नियम के तहत 25 फीसदी सीटों पर दाखिला नहीं दिया तो एफआइआर दर्ज कराने के लिए तैयार रहें। बिजली मंत्री ने बुधवार शाम उक्त आदेश निजी स्कूल के प्रतिनिधिमंडल प्रधान कुलभूषण शर्मा द्वारा शिक्षा के अधिकार के तहत दाखिला में निजी स्कूल संचालकों को सरकारी तंत्र से निजात दिलाने की गुहार संबंधी मांग को सुनने के बाद दिए। उन्होंने एसोसिएशन की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में आप शिक्षा मंत्री से मिलें। कैप्टन द्वारा यह कहे जाने के बाद कि प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मिल चुका है। यह सुनने के बाद उन्होंने कहा कि नियम का तो पालन करना ही होगा। साथ ही कैप्टन ने एसोसिएशन की मांग को समझने के लिए कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी जगत सिंह डांगी को बुलाया और वस्तु स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा। दूसरी ओर निजी स्कूल एसोसिएशन के जिला प्रधान कृष्ण सिंह ने कहा कि सरकार निजी स्कूलों के प्रति उदारतापूर्ण रवैया अपनाए। इस अवसर पर अनिल जताना, सुरेश गोयल, राजेश बतरा, धर्मवीर शर्मा आदि मौजूद थे।
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