254 मेडिकल अफसरों के नियुक्ति पत्र रद+++कर लो टेस्ट की तैयारी, आने वाली है ढाई लाख नौकरियां!++नौ हजार तनख्वाह के बदले मिल रहे सिर्फ 5700!+


254 मेडिकल अफसरों के नियुक्ति पत्र रद
निर्धारित समयावधि में ज्वाइन न करने पर राज्य सरकार ने 254 मेडिकल अफसरों के नियुक्ति पत्र रद कर दिए हैं। सभी को अलग-अलग तिथियों में नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे। स्वास्थ्य विभाग की वित्तायुक्त एवं मुख्य सचिव नवराज सिंधू ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है। सरकार ने 6 दिसंबर 2010 को 25/48/2010-6एचबी-1 के तहत 86 मेडिकल अफसरों की नियुक्ति की थी। 5 मई 2011 को 25/34/2011-6एचबी-1 के तहत 145 और 3 अगस्त 2011 को 25/34/2011-6एचबी-1 के तहत 23 मेडिकल अफसरों को नियुक्त किया गया था। इन सभी मेडिकल अफसरों को 15 दिन के अंदर नियम और शर्तो के अनुसार ज्वाइन करना था, लेकिन कई माह बाद भी उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। इस कारण अब सरकार ने नियुक्ति पत्रों को रद कर दिया है। हालांकि सरकार ने 5 मई 2011 को 25/34/2011-6एचबी-1 के तहत 145 मेडिकल अफसरों को स्टेशन तक अलॉट कर दिए थे। इसके बावजूद इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में ज्वाइन नहीं किया। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. नरवीर सिंह ने बताया कि सरकार ने विभिन्न तिथियों में 254 मेडिकल अफसर नियुक्त किए थे, लेकिन उन्होंने 15 दिन में ज्वाइन नहीं किया। कुछ समय पहले भी कई मेडिकल अफसरों ने ज्वाइन नहीं किया था। किस जिले के कितने डॉक्टर : हिसार के सात, फरीदाबाद के सात, झज्जर के छह, रोहतक के छह, रेवाड़ी के छह, यमुनानगर के सात, पानीपत के पांच, कैथल के नौ, सिरसा के 12, भिवानी के आठ, करनाल के आठ, सोनीपत के आठ, फतेहाबाद के आठ, महेंद्रगढ़ के 11, जींद के आठ, कुरुक्षेत्र के तीन, गुड़गांव का एक, पलवल के सात और पंचकूला का एक मेडिकल ऑफिसर शामिल है।
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आने वाले समय में प्रदेश में करीब ढाई लाख नौकरियां पैदा होंगी। ऐसे में युवा आवेदन और टेस्ट की तैयारी अभी से करें, जिससे उन्हें नौकरी मिल सके। यह बात पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल ने कही। वे पलवल पंचायत भवन में रविवार को बतौर मुख्य अतिथि यूथ कांग्रेस के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।


इस दौरान उन्होंने युवाओं को डेयरी उद्योग आदि लगाने की भी सलाह दी। उन्होंने पूर्व की सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कभी इतनी नौकरियां पलवल जिले को नहीं दीं जितनी हुड्डा सरकार में मिली हैं। हाल ही में पलवल जिले को 272 नौकरियां मिली हैं। इस दौरान पूर्व मंत्री ने कहा कि एक अप्रैल को पलवल के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा आएंगे। उनके समक्ष पलवल जिले की ओर से एक मांग पत्र रखा जाएगा।


इससे पहले पूर्व जिलाध्यक्ष तरुण तेवतिया व फिरे सिंह पोसवाल सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने दलाल का स्वागत किया। नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन केशवदेव मुंजाल, रज्जू शर्मा, आशीष गौतम, दीपू छाबड़ा, सुखबीर उर्फ सुक्खी, नारायणसिंह, महेंद्र प्रताप शर्मा, कपिल चुघ, सतबीर उर्फ लाला, राकेश भारद्वाज लेफ्टी, मुकेश कुमार, प्रशांत भारद्वाज, सन्नी मदान, राजेंद्र शर्मा, सोनू, राहुल, देव, नितिन शर्मा, हरीश शर्मा, सतबीर भारद्वाज, घोड़ी निवासी पवन कुमार आदि मौजूद थे।


युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्वागत : युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव सातव का पलवल पहुंचने पर युवाओं ने जोरदार स्वागत किया। जिलाध्यक्ष फिरे सिंह पोसवाल व एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दिनेश पोसवाल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को गुलदस्ता भेंट किया। उनके साथ पश्चिमी यूपी के युवा अध्यक्ष लोकेश और सचिव रजत भी थे।


स्वागत करने वालों में कृष्ण देशवाल, विनोद राणा, अफजल खां, डॉ. वीरेंद्र तेवतिया, हेमराज पोसवाल, सुशील, बिन्नी, सन्नी मदान, दिनेश, लखविंदर, नेपाल डागर, मनोज यादव, संदीप, ज्ञान, जयप्रकाश बैंसला, गजेंद्र आदि शामिल थे।
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 स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध पर लगे एंबुलेंस ड्राइवरों की नियुक्ति के समय नौ हजार रुपये तनख्वाह तय हुई और अब उन्हें 5700 रुपये दिए जा रहे हैं। ऐसे में उनमें रोष हैं।
विभाग में 47 ड्राइवर अनुबंध पर लगे है जो विभिन्न एंबुलेंस पर नियुक्त है। विभाग की ओर से नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत एंबुलेंस के लिए अनुबंध पर ड्राइवर लगाने व उन्हें वेतन देने का निर्णय लिया था।
निर्णय के तहत प्रत्येक ड्राइवर को प्रतिदिन आठ घंटे कार्य के बदले सात हजार रुपये देने तय किए गए थे। ओवरटाइम करने पर दो हजार रुपये अतिरिक्त। फिलहाल 25 एंबुलेंस पर 47 ड्राइवर है तथा सभी आठ की बजाए 12 घंटे कार्य कर रहे है। इसके तहत कर्मचारियों को नौ हजार रुपये मिलने चाहिए मगर मिल रहे है सिर्फ 57 सौ रुपये। इसे लेकर कर्मचारियों में रोष है। कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें तो डीसी रेट के अनुसार भी नहीं दिए जा रहे।
इतनी महंगाई में 57 सौ रुपये में परिवार का गुजारा कैसे चले। अन्य जिलों में ड्राइवरों को पूरा वेतन नौ हजार मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कह रहे है कि विभागीय भर्ती के बाद पूरा वेतन देंगे जबकि अन्य जिलों में भी विभागीय भर्ती नहीं हुई है तथा उसके बाद भी पूरा वेतन मिल रहा है।

ठेकेदार भी ले भागा था पीएफ के पैसे

दो साल पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर एंबुलेंस 102 स्कीम शुरू की गई थी। उस समय ठेकेदार के माध्यम से ड्राइवर लगाए गए थे। ठेकेदार के समय में भी ड्राइवरों को कभी समय पर वेतन नहीं मिला। कभी चार महीने में तो कभी पांच महीने में पैसे मिले। पीएफ के पैसे ठेकेदार ने जमा ही नहीं कराए। दिसंबर 2011 में ठेकेदार का अनुबंध खत्म होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने स्वयं ही इसकी कमान संभाली ताकि ठेकेदार का फंडा खत्म हो। उस समय एनआरएचएम के नियमों के तहत एंबुलेंस ड्राइवरों का वेतन सात हजार व ओवर टाइम दो हजार रुपये निर्धारित किया गया। अब यह भी नहीं मिल रहा।
विभागीय भर्ती के बाद मिलेगा बढ़ा हुआ वेतन

॥एंबुलेंस पर अनुबंध पर लगे सभी ड्राइवर पहले ठेकेदार द्वारा लगाए हुए है। अब सरकार के नियमों के अनुसार भर्ती करनी है। वह गाइडलाइन पूरी साफ नहीं होने के कारण देरी हो रही है। मार्च में नई भर्ती होगी। जिसके बाद बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा। अन्य जिलों में भी ऐसा ही है।ञ्जञ्ज - डा. रमेश धनखड़, सीएमओ

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