द इंडिपेंडेंट, लंदन : विश्व में पांच वर्ष से कम उम्र के 17 करोड़ बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। वहीं भारत में लगभग आधे बच्चे कुपोषण से प्रभावित हैं। एक चौथाई बच्चे तो प्राय: बिना भोजन के ही रह जाते हैं। इस कारण उनका शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। सेव द चिल्ड्रन संस्था की ओर से कराए गए अध्ययन में यह बात कही गई है। अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में एक चौथाई युवा बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पा रहा है। विश्व में कुपोषण के कारण प्रति घंटे 300 बच्चों की मौत होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, पेरु, और नाइजीरिया में विश्व के आधे कुपोषित बच्चे रहते हैं। विश्व में खाद्य पदार्थो के मूल्य में हाल में हुई वृद्धि ने इन देशों के बच्चों की माताओं को उनके भोजन में कटौती के लिए मजबूर किया है। इसके अलावा बच्चों को काम करने के लिए स्कूल छोड़ने पर भी मजबूर किया गया है। ए लाइफ फ्री फ्रॉम हंगर: टेकलिंग चाइल्ड मालन्यूट्रीशन रिपोर्ट के मुताबिक, एक तिहाई माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चे नियमित रूप से शिकायत करते हैं कि उन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है। छह में से एक अभिभावक ने कहा कि वह कभी भी मांस, दूध और सब्जी नहीं खरीद सकते हैं। अफगानिस्तान में 10 में
से छह बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।
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चंडीगढ़, जाब्यू : शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार लाने के लिए एक ड्राफ्ट मास्टर प्लान बनाया गया है, ताकि लोगों व विद्यार्थियों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आइसीटी) के ज्ञान का विकास किया जा सके। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने बुधवार को बताया कि मास्टर प्लान को विभाग की वेबसाइट पर डाल दिया गया है। लोग एजुकेशन मास्टर प्लान में आइसीटी के रूप में दिए गए प्रारूप पर अपनी राय दें। भुक्कल ने बताया कि नीति स्तरों की जटिलता और प्रक्रियाओं को समझने में शिक्षा निदेशालय की सहायता करने के लिए ऐसे मास्टर प्लान की आवश्यकता हुई है। मास्टर प्लान को समुदाय, निजी और सार्वजनिक संगठनों की सहभागिता से लागू किया जाएगा