बल्ला (करनाल), संवाद सहयोगी : कैमला गांव में एक बच्चे की टीचर के खौफ से शनिवार की रात मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बच्चे को होमवर्क नहीं करने पर स्कूल टीचर ने बाथरूम में बंद कर दिया था। जिसके बाद से बच्चा सदमे में था। हालांकि दोनों पक्षों के बीच पंचायत के बाद बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। स्कूल प्रबंधन बच्चे को सजा दिए जाने की बात स्वीकार कर रहा है, लेकिन मौत का कारण बच्चे की किसी बीमारी को बता रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कैमला गांव के जयवीर सिंह व उसकी पत्नी रीना का कहना है कि उनके तीनों बच्चे सागर, सलोनी व पंकज बालरांगड़ान गांव स्थित राजकुल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ते हैं। छह वर्षीय पंकज एलकेजी कक्षा का छात्र था। पिछले साल 27 दिसंबर को होमवर्क पूरा नहीं करने पर क्लास टीचर ने पंकज को स्कूल के बाथरूम में बंद कर दिया। करीब ढाई बजे छुट्टी होने पर जब सभी बच्चे बस से अपने घर जाने लगे तो पंकज के बड़े भाई सागर ने बस चालक को बताया कि उसका छोटा भाई बस में नहीं है। तलाशने पर पता चला कि पंकज करीब दो-तीन घंटे से बाथरूम में बंद था। बाहर निकाला गया तो वह सदमे में था। बच्चे को करनाल के निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने रोहतक पीजीआइ रेफर कर दिया। पीजीआइ के डॉक्टरों ने बताया कि पंकज सदमे में है। वहां से उसे दिल्ली भेज दिया गया। परिजनों ने बताया कि उपचार के बाद बच्चे को एक दिन स्कूल भेजा गया था लेकिन वह फिर सदमे में आ गया और उसकी तबीयत खराब हो गई। तीन-चार दिन पूर्व उसे घरौंडा स्थित अर्पणा अस्पताल में लाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने सदमे की बात दोहराकर कहीं और ले जाने की सलाह दी। इसके बाद परिजन बच्चे का घर पर ही इलाज करा रहे थे। शनिवार रात पंकज ने दम तोड़ दिया।