राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा और दस्तावेज शुल्क में भारी इजाफा कर दिया है। बोर्ड ने परीक्षा आवेदन शुल्क 100 रुपए बढ़ा दिया है। दस्तावेज शुल्क भी दो गुना कर दिया है। अब विषय बदलने पर विद्यार्थी को 2 हजार रुपए शुल्क देना होगा। आरटीआई के तहत उत्तर पुस्तिका देखने के लिए परीक्षार्थी को 400 रुपए देने होंगे। ये निर्णय बुधवार को बोर्ड की प्रबंध मंडल की बैठक में किए
गए।
प्रबंध मंडल ने वित्त समिति के परीक्षा व दस्तावेज शुल्क बढ़ाने के प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। नियमित परीक्षार्थियों के लिए सामान्य परीक्षा शुल्क अब 450 रुपए होगा। स्वयंपाठी परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क 500 रुपए होगा। प्रायोगिक परीक्षा शुल्क 50 रुपए प्रति विषय लिया जाएगा। संवीक्षा शुल्क रुपए 100 प्रति विषय लिया जाएगा।
बोर्ड दस्तावेज शुल्क भी बढ़ा :
प्रबंध मंडल ने विभिन्न बोर्ड दस्तावेजों की प्रतिलिपि शुल्क में वृद्धि के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है। अब अंकतालिका, अस्थाई प्रमाण पत्र, प्रोविजन प्रमाण पत्र और पात्रता प्रमाण पत्र के लिए 100 रुपए शुल्क चुकाना होगा। अंकतालिका की अंग्रेजी प्रतिलिपि के लिए शुल्क 80 रुपए होगा। परीक्षा प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि शुल्क 200 रुपए होगा। बोर्ड दस्तावेजों का निजी संस्थाओं द्वारा सत्यापन कराने पर 100 रुपये प्रतिवर्ष प्रति दस्तावेज की दर से शुल्क देना होगा।
उत्तर पुस्तिकाएं देखने के 400 रुपए शुल्क :
आरटीआई के तहत परीक्षार्थी 400 रुपए प्रति विषय शुल्क अदा कर अपनी उत्तर पुस्तिकाएं भी देख सकेंगे।
विद्यार्थियों पर पड़ेगा 20 करोड़ रुपए का भार
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा व अन्य प्रलेख शुल्क वृद्धि का भले ही बोर्ड को फायदा होगा, लेकिन प्रदेश के विद्यार्थियों पर करीब 20 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। अगले साल की परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को बढ़ी हुई फीस के साथ ही आवेदन पत्र भरना होगा।
अन्य राज्यों से फिर भी कम है
राजस्थान बोर्ड द्वारा दस्तावेजों की प्रतिलिपि शुल्क में वृद्घि करने के बाद भी इनकी दर देश के अन्य राज्यों के शिक्षा बोर्डो की तुलना में काफी कम है।
डॉ. सुभाष गर्ग, अध्यक्ष राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
गए।
प्रबंध मंडल ने वित्त समिति के परीक्षा व दस्तावेज शुल्क बढ़ाने के प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है। नियमित परीक्षार्थियों के लिए सामान्य परीक्षा शुल्क अब 450 रुपए होगा। स्वयंपाठी परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क 500 रुपए होगा। प्रायोगिक परीक्षा शुल्क 50 रुपए प्रति विषय लिया जाएगा। संवीक्षा शुल्क रुपए 100 प्रति विषय लिया जाएगा।
बोर्ड दस्तावेज शुल्क भी बढ़ा :
प्रबंध मंडल ने विभिन्न बोर्ड दस्तावेजों की प्रतिलिपि शुल्क में वृद्धि के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है। अब अंकतालिका, अस्थाई प्रमाण पत्र, प्रोविजन प्रमाण पत्र और पात्रता प्रमाण पत्र के लिए 100 रुपए शुल्क चुकाना होगा। अंकतालिका की अंग्रेजी प्रतिलिपि के लिए शुल्क 80 रुपए होगा। परीक्षा प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि शुल्क 200 रुपए होगा। बोर्ड दस्तावेजों का निजी संस्थाओं द्वारा सत्यापन कराने पर 100 रुपये प्रतिवर्ष प्रति दस्तावेज की दर से शुल्क देना होगा।
उत्तर पुस्तिकाएं देखने के 400 रुपए शुल्क :
आरटीआई के तहत परीक्षार्थी 400 रुपए प्रति विषय शुल्क अदा कर अपनी उत्तर पुस्तिकाएं भी देख सकेंगे।
विद्यार्थियों पर पड़ेगा 20 करोड़ रुपए का भार
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा व अन्य प्रलेख शुल्क वृद्धि का भले ही बोर्ड को फायदा होगा, लेकिन प्रदेश के विद्यार्थियों पर करीब 20 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। अगले साल की परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को बढ़ी हुई फीस के साथ ही आवेदन पत्र भरना होगा।
अन्य राज्यों से फिर भी कम है
राजस्थान बोर्ड द्वारा दस्तावेजों की प्रतिलिपि शुल्क में वृद्घि करने के बाद भी इनकी दर देश के अन्य राज्यों के शिक्षा बोर्डो की तुलना में काफी कम है।
डॉ. सुभाष गर्ग, अध्यक्ष राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
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पंचायती राज विभाग के शिक्षकों के तबादले तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती के बाद ही किए जा सकेंगे। शिक्षा मंत्री ब्रज किशोर शर्मा ने कहा कि तकनीकी कारणों से अभी इस वर्ग के शिक्षकों के तबादले करने की संभावना कम है। वहीं, शिक्षा विभाग में शिक्षकों के तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन लेने की अंतिम तिथि भी 12 या 13 मई रखने की संभावना है। इस संबंध में तैयार किए प्रस्ताव को एक दो दिन में मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि तबादलों पर प्रतिबंध 31 मई तक के लिए हटाया गया है।
उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग के शिक्षकों के तबादले अभी किए जाने संभव नहीं है। तबादले करते ही पद खाली हो जाएंगे, जबकि भर्ती की प्रक्रिया अगर निर्बाध रूप से भी चले तो अगस्त तक पदस्थापन हो पाएंगे। ऐसे में स्कूलों में खाली पद बच्चों के लिए उचित नहीं होगा। शर्मा का कहना है कि 41,000 पदों पर भर्ती के बाद ही पंचायती राज के शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी उठाए सवाल
इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने पंचायती राज विभाग की ओर से तैयार की गई तबादला नीति में रही खामियों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। इनमें प्रतिबंधित जिलों से सामान्य जिलों में जाने के इच्छुक शिक्षकों के तबादलों का मामला प्रमुख है। इनको कैसे निपटाया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में आने वालों के लिए क्या कैसे प्रावधान किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन लेने की अंतिम तिथि भी 12 या 13 मई रखने की संभावना है। इस संबंध में तैयार किए प्रस्ताव को एक दो दिन में मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि तबादलों पर प्रतिबंध 31 मई तक के लिए हटाया गया है।
उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग के शिक्षकों के तबादले अभी किए जाने संभव नहीं है। तबादले करते ही पद खाली हो जाएंगे, जबकि भर्ती की प्रक्रिया अगर निर्बाध रूप से भी चले तो अगस्त तक पदस्थापन हो पाएंगे। ऐसे में स्कूलों में खाली पद बच्चों के लिए उचित नहीं होगा। शर्मा का कहना है कि 41,000 पदों पर भर्ती के बाद ही पंचायती राज के शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी उठाए सवाल
इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने पंचायती राज विभाग की ओर से तैयार की गई तबादला नीति में रही खामियों को लेकर सवाल खड़े किए हैं। इनमें प्रतिबंधित जिलों से सामान्य जिलों में जाने के इच्छुक शिक्षकों के तबादलों का मामला प्रमुख है। इनको कैसे निपटाया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में आने वालों के लिए क्या कैसे प्रावधान किया जाएगा।
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