आयकर रिटर्न में अब नहीं चलेगा सिर्फ बैंक अकाउंट से काम!


आयकर रिटर्न में अब करदाताओं को बैंक खाता नंबर के साथ माइकर (एमआईसीआर) नंबर भी देना होगा। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर रिटर्न में करदाताओं के लिए पहली बार नया प्रावधान किया है।

बोर्ड के मुताबिक रिटर्न में बैंक अकाउंट नंबर तो पहले भी भरने का कॉलम होता था, लेकिन माइकर नंबर का कॉलम पहली बार दिया गया है। इससे करदाताओं का रिफंड सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करने में सुविधा होगी। उन सभी करदाताओं को 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल करनी है, जो वेतनभोगी कर्मचारी हैं तथा जिन व्यापारिक फर्मो का ऑडिट नहीं होता है।

जिन वेतनभोगी कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सालाना पांच लाख रुपए तक आय है, उन्हें रिटर्न देने की जरूरत नहीं है, यदि उनका टीडीएस कटता है। वेतन के अलावा बचत खाते में 10 हजार रुपए तक के ब्याज पर भी रिटर्न की जरूरत नहीं है। किंतु ऐसे वेतनभोगी करदाता जिनकी वेतन के अलावा शेयर बाजार, मकान या किराये की आय, कृषि से आय एवं एफडी पर दस हजार रुपए से अधिक ब्याज मिल रहा हो तो उन्हें रिटर्न देना जरूरी है। उन्हें रिटर्न के साथ टीडीएस सर्टिफिकेट लगाना जरूरी है।


क्या है माइकर नंबर 

हर बैंक का एक माइकर नंबर होता है जो नो डिजिट का होता है। बैंक की माइकर चेक बुक पर यह कोड प्रिंट रहता है।

रिटर्न समय से पहले देने के फायदे

>समय पर रिटर्न दाखिल करने से एक प्रतिशत ब्याज की पेनल्टी से बचा जा सकता है। यदि टैक्स का दायित्व बनता है तो ब्याज लगेगा।

>समय से पूर्व रिटर्न दाखिल करने पर रिटर्न में रह गई भूल या गलती को सुधार कर रिवाइज रिटर्न दाखिल की जा सकती है।

>देरी से रिटर्न दाखिल करने पर कारोबार में हुए नुकसान को अगले वित्तीय वर्ष में केरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते।

आयकर सलाहकार एवं सीए प्रमोद लाहोटी के अनुसार 


किसे कौन से फार्म में भरनी है रिटर्न

>आईटीआर-1 वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए रिटर्न इसी फार्म में भरी जाएगी। इसे सहज फार्म भी कहते हैं।

>आईटीआर-2 जिनकी बिजनेस से इनकम नहीं हो, लेकिन अन्य स्त्रोत जैसे शेयर बाजार, हाउस प्रोपर्टी का किराया, एफडी से ब्याज आदि से आय हो तो इस फार्म में रिटर्न भरी जाती है।

>आईटीआर-3 पार्टनरशिप फर्म के लिए इस फार्म में रिटर्न भरनी है।

>आईटीआर-4 व्यापारिक फर्में अपनी रिटर्न इस फार्म में भरती हैं। चाहे उनकी ऑडिट हो या नहीं हो।

>आईटीआर-4 (एस) यानी सुगम फार्म खाता बही नहीं रखते हों, लेकिन उन्होंने आठ प्रतिशत प्रोफिट दिखाया हो, वे इस फार्म में रिटर्न भर सकते हैं।

>आईटीआर-5 यह फार्म पार्टनरशिप फर्मो के लिए है।

>आईटीआर-6 यह फार्म कंपनियों की रिटर्न के लिए है।

>आईटीआर-7 आयकर विभाग में पंजीकृत ट्रस्ट को अपनी रिटर्न इसी फार्म में देनी होती है।
 

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