राजकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को अब विद्यालय समय से15 मिनट पहले विद्यालय पहुंचना होगा और स्कूल की छुट्टी होने के समय से 15 मिनट बाद तक विद्यालय में रहना होगा। ये आदेश वित्तायुक्त सुरीना राजन द्वारा डीईओ व डीईईओ की बैठक में उन्हें दिए गए। इसके अलावा विद्यालयों में अनुशासनात्मक माहौल बनाने के लिए भी दिशा-निर्देश दिए गए है। इन्हीं आदेशों से स्कूल मुखियाओं को अवगत करवाने के लिए सोमवार को सीनियर माडल स्कूल में खंड स्तरीय स्कूल मुखिया की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक
शिक्षा अधिकारी ने स्कूल मुखिया को संबोधित किया।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आशा ग्रोवर ने बताया कि बैठक में सभी स्कूल मुखियाओं को आदेश जारी किए गए है कि विद्यालय में स्कूल खुलने से 15 मिनट पहले उपस्थित होगे और स्कूल छुट्टी के 15 मिनट बाद तक वहां रहेंगे। इसके अलावा स्कूल मुखिया को निर्देश दिए गए हैं कि सतत मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करें। शिक्षकों को दिसम्बर माह में पांच दिन से अधिक आक्समिक अवकाश नहीं दिया जाएगा। स्कूल मुखिया को विद्यालयों में भूमिगत पानी के टैंक की सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त करने होंगे। यदि विद्यालय में कोई बोरवेल खुला है तो उसे तुरंत बंद करवाएं। इसके अलावा विद्यालयों में मिड-डे-मील सुचारु रुप से जारी रखें। ये आदेश अधिकारियों ने बैठक के दौरान दिए।कार्यालय में आने के लिए लिखित अनुमति अनिवार्य
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि किसी भी राजकीय विद्यालय का कोई भी शिक्षक विद्यालय समय में विद्यालय से बाहर नहीं जाएंगे। यदि विद्यालय के किसी जरुरी कार्य के कारण किसी शिक्षक को विद्यालय के बाहर जाना पड़ता है तो इसके लिए शिक्षक को विद्यालय मुखिया से लिखित अनुमति पत्र लेकर अनिवार्य होगा। यदि ऐसा नहीं पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए वित्तायुक्त सुरीना राजन के दिशा-निर्देश पर लिया गया
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