कार्यालय में आने के लिए लिखित अनुमति अनिवार्य


अब स्कूलों की डीडी पावर मुख्य अध्यापक व सीनियर अध्यापकों के पास नहीं होगी। शिक्षा निदेशालय के दिशा निर्देशानुसार डीडी पावर इन पदों से हटाकर प्रिंसिपल व बीईओ को सौंपी जाएगी। स्कूलों में हेड टीचर को दिए जाने वाला यह अधिकार बीईओ के पास होगा। सीनियर सेकें
डरी स्कूलों में यह अधिकार प्रिंसिपल को मिलेगा। इसके अलावा जिन सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपल का पद खाली है, उसमें डीडी पावर का अधिकार नजदीक लगने वाले स्कूल प्रिंसिपल को दिया जाएगा।इससे स्कूल में पैसों के लेने देने से संबंधित जितना भी कार्य होगा वह केवल शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए डीडीओ (आहरण एवं वितरण अधिकारी ) की अनुमति से ही हो पाएगा।
निदेशालय ने यह फैसला विभाग एवं स्कूल की कार्यशैली में अधिक सुधार लाने के लिए लिया है। इसके अलावा इससे सीनियर अध्यापकों व स्कूल इंचार्ज पर अधिक कार्य का बोझ भी कम होगा।
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बैठक में हुई थी चर्चा
डीडी पावर मुख्य अध्यापकों अथवा सीनियर अध्यापकों को न देने की चर्चा गत दिनों जिला शिक्षा अधिकारियों की डायरेक्टर के साथ हुई बैठक में हुई थी। शिक्षा विभाग के पास निदेशक के दिशा निर्देश भी लिखित में पहुंच चुके हैं। निदेशक के दिशा निर्देशों को स्थानीय शिक्षा अधिकारी लागू करने की प्रक्रिया में लगे हुए हैं।
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ये हैं डीडी पावर
डीडी पावर शिक्षा विभाग पहले स्कूल के मुखियाओं व सीनियर अध्यापकों को दे देता था। डीडी पावर का अर्थ विभाग किसी एक अध्यापक को डीडीओ (आहरण एवं वितरण अधिकारी) बनाना है। जो अध्यापकों का वेतन निकालने, स्कूल में पैसों से संबंधित फंड इत्यादि निकालने की अनुमति देने, स्टाफ की एसीआर लिखने, स्कूल का रिकार्ड रखने का अधिकार देती है।
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प्रक्रिया जारी है
इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना देवी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें निर्देशक के निर्देश मिले हैं। डीडी पावर का अधिकार अब मुख्य अध्यापक व सीनियर अध्यापकों को न देकर प्रिंसीपल व बीईओ को सौंपा जाएगा। शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इसके लिए विभाग की तरफ से प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। अगले स्तर तक यह पूरी तरह से लागू हो जाएगा।

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