हरियाणा लोक सेवा आयोग के चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने के लिए सर्च कमेटी गठित की गई है। हाल ही में मुख्य सचिव पीके चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस संबंध में शुक्रवार को यहां मुख्य सचिव पीके चौधरी ने बताया कि पैनल उम्मीदवार की निष्ठा, निष्पक्षता, पारदर्शिता और तर्कसंगत मापदंड के मद्देनजर तैयार किया जाएगा
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हिसार करीब दस माह से हिसार स्थित पटवार भवन में चल रही है सूबे के भावी पटवारियों की प्रशिक्षण कक्षाएं। शुरू से अब तक व्यवस्था की अव्यवस्था बरकरार है। आलम यह है कि इतने दिनों में न तो मुख्याध्यापक के दर्शन हुए और न ही द्वितीय मुख्याध्यापक के। बुनियादी सुविधाएं गायब हैं। हॉस्टल में खाना तो दूर, भविष्य के पटवारियों
को पीने का पानी भी मयस्सर नहीं। गत साल सितंबर के पहले दिन से करीब ढाई सौ पटवारियों का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। व्यवस्था बनाई गई कि प्रशिक्षण की कक्षाएं एक हेडमास्टर और एक सेकेंड हेडमास्टर की देखरेख में चलेंगी। कभी नायब तहसीलदार तो कभी तहसीलदार को इसकी जवाबदेही सौंपी गई। कोई दो माह तो कोई एक माह के बाद ही तबादला करवा कर दायित्व से मुंह मोड़ गया। नतीजा, बिना मुखियाओं के रामभरोसे चल रही हैं कक्षाएं। महज छह कानूनगो 252 प्रशिक्षणार्थियोंके भविष्य संवारने में जुटे हैं। अंबाला क्षेत्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा एक भावी पटवारी कहता है कि यह प्रशिक्षण तो महज औपचारिकता रह गया है। बुनियादी असुविधाएं भी प्रशिक्षण पाने वालों की कड़ी परीक्षा ले रही हैं। कहने को यहां पटवारी छात्रावास बना हुआ है, पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी तो नहीं है। प्रशिक्षण पा रहे पटवारियों के लिए यहां न खाने की व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की। इस सच्चाई को यूं समझा जा सकता है कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पटवारियों सहित लगभग 500 लोगों की प्यास 60 लीटर के एक वाटर कूलर से बुझाई जा रही है। अठारह बरस एयरफोर्स की सेवा करने के बाद अब पटवारी की ट्रेनिंग ले रहा पटौदी का योगेंद्र कहता है कि यहां हॉस्टल होते हुए भी कोई फायदा नहीं है। कोई व्यवस्था ही नहीं की गई है। जाम सीवरेज चहुंओर बदबू फैला रहा है। कुल मिलाकर यही कहा जाएगा कि तमाम अव्यवस्थाओं के बीच पटवारियों का प्रशिक्षण किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं। हवा भी न छू सकी कंप्यूटर को पटवारियों के प्रशिक्षण का अंग है कंप्यूटर। बताते हैं कि प्रशिक्षण के लिए 19 कंप्यूटर खरीदे गए। बस ये डिब्बे में बंद पड़े हैं। हवा तक नहीं लग पाई है। नया हूं, सब ठीक कर दूंगा पटवारियों को प्रशिक्षण के दौरान आ रही बाधाओं के समाधान पर जब भू राजस्व विभाग के निदेशक प्रदीप कासनी से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि नया आया हूं। पहली बार मसला सामने आया है। शीघ्र ही समाधान निकाला जाएगा। कासनी कहते हैं कि थोड़ा समय तो चाहिये ही
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हिसार करीब दस माह से हिसार स्थित पटवार भवन में चल रही है सूबे के भावी पटवारियों की प्रशिक्षण कक्षाएं। शुरू से अब तक व्यवस्था की अव्यवस्था बरकरार है। आलम यह है कि इतने दिनों में न तो मुख्याध्यापक के दर्शन हुए और न ही द्वितीय मुख्याध्यापक के। बुनियादी सुविधाएं गायब हैं। हॉस्टल में खाना तो दूर, भविष्य के पटवारियों
को पीने का पानी भी मयस्सर नहीं। गत साल सितंबर के पहले दिन से करीब ढाई सौ पटवारियों का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। व्यवस्था बनाई गई कि प्रशिक्षण की कक्षाएं एक हेडमास्टर और एक सेकेंड हेडमास्टर की देखरेख में चलेंगी। कभी नायब तहसीलदार तो कभी तहसीलदार को इसकी जवाबदेही सौंपी गई। कोई दो माह तो कोई एक माह के बाद ही तबादला करवा कर दायित्व से मुंह मोड़ गया। नतीजा, बिना मुखियाओं के रामभरोसे चल रही हैं कक्षाएं। महज छह कानूनगो 252 प्रशिक्षणार्थियोंके भविष्य संवारने में जुटे हैं। अंबाला क्षेत्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा एक भावी पटवारी कहता है कि यह प्रशिक्षण तो महज औपचारिकता रह गया है। बुनियादी असुविधाएं भी प्रशिक्षण पाने वालों की कड़ी परीक्षा ले रही हैं। कहने को यहां पटवारी छात्रावास बना हुआ है, पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी तो नहीं है। प्रशिक्षण पा रहे पटवारियों के लिए यहां न खाने की व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की। इस सच्चाई को यूं समझा जा सकता है कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पटवारियों सहित लगभग 500 लोगों की प्यास 60 लीटर के एक वाटर कूलर से बुझाई जा रही है। अठारह बरस एयरफोर्स की सेवा करने के बाद अब पटवारी की ट्रेनिंग ले रहा पटौदी का योगेंद्र कहता है कि यहां हॉस्टल होते हुए भी कोई फायदा नहीं है। कोई व्यवस्था ही नहीं की गई है। जाम सीवरेज चहुंओर बदबू फैला रहा है। कुल मिलाकर यही कहा जाएगा कि तमाम अव्यवस्थाओं के बीच पटवारियों का प्रशिक्षण किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं। हवा भी न छू सकी कंप्यूटर को पटवारियों के प्रशिक्षण का अंग है कंप्यूटर। बताते हैं कि प्रशिक्षण के लिए 19 कंप्यूटर खरीदे गए। बस ये डिब्बे में बंद पड़े हैं। हवा तक नहीं लग पाई है। नया हूं, सब ठीक कर दूंगा पटवारियों को प्रशिक्षण के दौरान आ रही बाधाओं के समाधान पर जब भू राजस्व विभाग के निदेशक प्रदीप कासनी से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि नया आया हूं। पहली बार मसला सामने आया है। शीघ्र ही समाधान निकाला जाएगा। कासनी कहते हैं कि थोड़ा समय तो चाहिये ही
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