कक्षा छोड़कर अधिकारियों के पीछे रहने वाले स्कूल स्टाफ की अब खैर नहीं। शिक्षा विभाग ने स्कूल समय में अध्यापकों के शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पहुंचने पर पाबंदी लगा दी है। साथ ही अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि स्कूल समय में अधिकारी शिक्षकों की बैठक न लें। जिला शिक्षा अधिकारियों को नए आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किए जाने को कहा गया है। शिक्षा विभाग के निदेशक ने नया सरकुलर जारी कर कहा है कि सभी अध्यापकों को स्कूल में 7 बजकर 45 मिनट पर हर हाल में हाजिरी लगानी होगी। इस समय के बाद हाजिरी लगाने वाले अध्यापक को पूरे समय के लिए उपस्थित नहीं माना जाएगा। विभाग ने एक तिहाई दैनिक अवकाश को पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। इस आदेश के अनुसार अब शिक्षा विभाग के कर्मचारी दो घंटे के लिए अवकाश नहीं ले सकेंगे। उन्हें लेट होने पर कम से कम आधे दिन का अवकाश लेना होगा। इसके अलावा विभाग ने दूसरा बड़ा फैसला अध्यापकों के कक्षा को छोड़कर सरकारी कार्य के लिए दफ्तरों में पहुंचने पर प्रतिबंध का है। स्कूल समय में अध्यापक किसी भी सरकारी कार्य से दफ्तरों में नहीं आ पाएंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अध्यापकों के साथ स्कूल समय में बैठकें नहीं करेंगे। नए आदेश के तहत विभाग ने अब अध्यापकों को सालभर की छुट्टियां साल के अंतिम दिनों में नहीं मिल सकेंगी। साल के आखिरी तीन माह में मात्र एक चौथाई छुट्टियां ही ली जा सकेंगी। यानी किसी अध्यापक की बीस छुट्टियां हैं तो उसे आखिरी तीन
माह में पांच छुट्टियां ही मिल पाएंगी। जिला शिक्षा अधिकारी मंजू गुप्ता ने बताया कि निदेशालय से नया निर्देश मिला है, इनका सख्ती से पालन किया जाएगा
माह में पांच छुट्टियां ही मिल पाएंगी। जिला शिक्षा अधिकारी मंजू गुप्ता ने बताया कि निदेशालय से नया निर्देश मिला है, इनका सख्ती से पालन किया जाएगा
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