ओबीसी के 21% कोटे में ही गुर्जर आरक्षण


जयपुर.ओबीसी आयोग ने अन्य पिछड़ा वर्ग के 21 प्रतिशत आरक्षण का वर्गीकरण करते हुए गुर्जर सहित एसबीसी की चार जातियों को इसी में आरक्षण देने की सिफारिश की है। आयोग ने यह सिफारिश आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 प्रतिशत को ध्यान में रखते हुए की है। 
 
एसबीसी (विशेष पिछड़ा वर्ग) में गुर्जरों के अलावा रेबारी, बंजारा और गाडिया लुहार जातियां शामिल हैं। ओबीसी आयोग के अध्यक्ष इंद्रसेन इसरानी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनके निवास पर १क्क् पेज की रिपोर्ट सौंप दी।
 
सियासी मायने :  सरकार के लिए बढ़ सकता है संकट
 
अब सरकार के सामने सबसे बड़ा सवाल ओबीसी की जातियों के आरक्षण में कटौती नहीं करके गुर्जरों का आरक्षण लागू करना है। आयोग के हिसाब से गुर्जरों की मांग पूरी की जाती है तो ओबीसी की जातियों का आरक्षण प्रभावित होगा। ओबीसी में जाट, यादव और अन्य प्रभावशाली जातियां विरोध करेंगी। चुनावी साल में सरकार किसी भी बड़ी जाति को नाराज करने का जोखिम मोल नहीं लेना चाहेगी।
 
आगे क्या : आरक्षण लागू होने में अब भी दो माह लगेंगे
 
अगर सरकार एसबीसी आरक्षण लागू करती है तो भी दो माह लगेंगे। दरअसर, सरकार ने गुर्जरों को एसबीसी में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया था। कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी और एसबीसी की जातियों के क्वांटिफाइड डाटा एकत्रित कर ओबीसी आयोग से सिफारिश लेकर ही इसे लागू करने को कहा था। अब रिपोर्ट पेश हो चुकी है, लेकिन कोर्ट के आदेश के अनुसार इसे दो माह बाद लागू किया जा सकेगा, ताकि चुनौती देने का पूरा समय मिल सके। 
 
15 पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के सरकार से मांगे डाटा
 
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में 15 पिछड़ी जातियों के बारे में सरकार से डाटा मांगे हैं। इन जातियों के प्रतिनिधियों ने आरक्षण के लिए ज्ञापन दिए थे लेकिन इनके बारे में आयोग के पास डाटा नहीं होने के कारण  आयोग ने सिफारिश नहीं की।  
 
आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं
 
आयोग ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। सभी पिछड़ी जातियों और अति पिछड़ी जातियों (एसबीसी) को 21 प्रतिशत के भीतर ही आरक्षण की सिफारिश की है। आर्थिक आधार पर आरक्षण की किसी जाति को सिफारिश नहीं की है, यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
 
-इंद्रसेन इसरानी, अध्यक्ष, ओबीसी आयोग  
 
सरकार जल्द लागू करे रिपोर्ट
 
सबसे बड़ा झगड़ा रिपोर्ट पेश कराने का ही था, आयोग से रिपोर्ट आने के बाद अब सरकार को चाहिए कि इसे कैबिनेट में रखकर उसकी सहमति ले और जल्द से जल्द हाईकोर्ट में पेश करके गुर्जरों का पांच प्रतिशत आरक्षण लागू करवाएं। हमें तो अपने पांच प्रतिशत आरक्षण से मतलब है।  
 
-राजेंद्र सिंह बिधूड़ी, कांग्रेस विधायक और गुर्जर नेता

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