यह दूध कुछ खास है। तभी तो इसकी कीमत 75 रुपए प्रति लीटर है। इसके ग्राहकों में शामिल हैं पुणे और मुंबई की 4 हजार से ज्यादा नामी हस्तियांं। मसलन मुकेश अंबानी, सचिन तेंडुलकर, रितिक रोशन, शिल्पा शेट्टी, आदि गोदरेज, गरवारे, शबाना आजमी आदि। पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड दूध उत्पादन की प्रक्रिया में इंसानी हाथों का स्पर्श कतई नहीं है। सब तरह के रसायनों से मुक्त ऑर्गनिक दूध।
यह दूध गायों का है और गायों का रुतबा भी 'वीआईपी' से कम नहीं है। खानपान और रहन-सहन सब कुछ आलीशान। भीमाशंकर के पास स्थित 35 करोड़ रुपए लागत के इस फार्म की हर गाय के लिए कॉयरफोम का केरल से मंगाया रबर-कोटिंग वाला खास गद्दा है। हरेक की कीमत सात हजार रुपए। खाने में अल्फा-अल्फा घास, ओट्स, कॉटनसीड्स जैसी हाईप्रोटीन डाइट का बुफे। रोज नहाने के लिए मल्टीजेट शॉवर।
वे 35 एकड़ के फॉर्म में खुला घूमती हैं। उनके रहने के लिए अलग जगह है, खाने की अलग और सोने के लिए एकदम अलग। डेयरी के अध्यक्ष देवेंद्र शहा कहते हैं, 'हमारे उपभोक्ता क्वालिटी के प्रति बेहद जागरूक हैं। शिल्पा शेट्टी जैसे कई उपभोक्ताओं ने आकर न सिर्फ उत्पादन देखा बल्कि दूध उन तक पहुंचेगा कैसे, इसका पूरा प्रजेंटेशन देखकर ही हमसे जुड़े। '
गोवंश की सेहत एक अहम मसला है। तयशुदा वक्त पर टीके लगते हैं। किसी गलती की गुंजाइश न हो इसलिए यह काम किसी कर्मचारी के भरोसे नहीं छोड़ा गया है। गायों के कान में लगी एक माइक्रोचिप में इसका रिकॉर्ड है।
टीके का वक्त होने पर यह कम्प्यूटर को याद दिलाती है। अगर फिर भी टीका न लगे तो गाय का दूध निकालना नामुमकिन हो जाता है, क्योंकि दूध भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के जरिए निकलता है दूध निकालने से पहले हर गाय का एक ट्रांसपोंडर से गुजरना अनिवार्य है। बीमार गाय को यह मशीन खुद ही कतार से बाहर कर देती है। रोज तीन बार में करीब 40-45 लीटर दूध देने वाली इन गायों के शरीर में मिनरल्स की कमी भी रोज पूरी की जाती है।
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जर्मनी और स्विटजरलैंड से कुछ साल पहले कर्नाटक और तमिलनाडु मेें होलस्टिन फ्रिझन वंश की दस हजार गाएं आई थीं। इसी वंश की फस्र्ट ब्रीड इस डेयरी में लाई गई। दूध उत्पादन को बेहतर बनाने वाली हर तकनीक के प्रति डेयरी के कर्ता-धर्ता शुरू से सजग हैं। मसलन, अमेरिका-कनाडा के सांडों का गौवंश को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करना।