गैर शैक्षिक कार्य में लगे शिक्षकों को उनके मूल कार्यस्थल पर भेजे जाने संबंधी आदेश की पालना नहीं हो रही है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने न मुख्य सचिव का आदेश माना न शिक्षा निदेशक का। जिला प्रशासन ने तो मुख्य सचिव के आदेश की पालना करते हुए एक माह पहले चुनाव कार्य के नाम पर कलेक्ट्रेट की विभिन्न शाखाओं में लगे शिक्षकों को हटाने का फरमान जारी कर दिया लेकिन शिक्षा विभाग में आज भी कई शिक्षक डेपुटेशन पर कार्यरत हैं। इससे ग्रामीण के साथ ही शहरी क्षेत्र में भी शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।
यह था आदेश:
मुख्य सचिव मैथ्यू के आदेश पर निदेशक (प्रारंभिक शिक्षा) सभी उप निदेशकों व डीईओ को हाईकोर्ट के आदेश हवाला देते हुए कहा था कि शिक्षकों से निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार के तहत जनगणना, आपदा प्रबंधन, पंचायतीराज संस्थाओं, स्थानीय निकायों, विधान मंडलों, विधानसभा और संसदीय चुनाव से जुड़े कार्यो के अतिरिक्त कोई कार्य नहीं कराया जाए।
इस संबंध में तत्काल रिपोर्ट पेश करने की भी हिदायत दी गई थी। शिक्षा निदेशक ने जिन 52 शिक्षकों की सूची भेजी थी उनमें से 15 आज भी डेपुटेशन पर जमे हैं।
जोधपुर
कहां कितने डेपुटेशन पर:
शिक्षा विभाग की सूची के अनुसार गोशाला मैदान में 8, सर्व शिक्षा अभियान में 1, डीईओ कार्यालय (शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी) में 1, पंचायत समिति भोपालगढ़ में 1, रसद विभाग में 2, नगर निगम में 1 व जिला परिषद में 1 शिक्षक डेपुटेशन पर कार्यरत हैं।
विभाग के अनुसार डीईओ कार्यालय के शैक्षिक प्रकोष्ठ में कार्यरत शिक्षक तत्कालीन कलेक्टर नरेशपाल गंगवार के आदेश की आड़ में आज तक कार्यरत हैं, जबकि इस दौरान जोधपुर में चार कलेक्टर बदल चुके हैं। इधर गोशाला में लगे अध्यापकों में से अधिकांश शहर के स्कूलों के हैं, इसके बावजूद वे डेपुटेशन पर हैं। कलेक्टर गौरव गोयल व शिक्षा उप निदेशक बद्रीनारायण दायमा ने कहा कि अगर अधिकारियों ने डेपुटेशन से शिक्षक नहीं हटाकर आदेश की अवहेलना की है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।