ये होती है परेशानी
एससीईआरटी अधिकारियों के मुताबिक काउंसलिंग के दौरान छात्र अपनी पसंद का कॉलेज तो ले लेते हैं, लेकिन किन्ही कारणों से निर्धारित कॉलेज में फीस जमा कराने नहीं पहुंचते हैं। इससे डीएड की सीटें तो खाली जाती ही हैं, वहीं अन्य छात्रों का चांस भी खत्म हो जाता है। बच्चों के भविष्य का ख्याल रखते हुए शिक्षा विभाग को बार-बार काउंसलिंग करानी पड़ती है। इससे समय व पैसे की बर्बादी के साथ-साथ उन छात्रों को भी मुश्किल आती है, जिनका दाखिला देरी से होता है। ऐसे में काउंसलिंग के समय ही फीस लेने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
एससीईआरटी अधिकारियों के मुताबिक काउंसलिंग के दौरान छात्र अपनी पसंद का कॉलेज तो ले लेते हैं, लेकिन किन्ही कारणों से निर्धारित कॉलेज में फीस जमा कराने नहीं पहुंचते हैं। इससे डीएड की सीटें तो खाली जाती ही हैं, वहीं अन्य छात्रों का चांस भी खत्म हो जाता है। बच्चों के भविष्य का ख्याल रखते हुए शिक्षा विभाग को बार-बार काउंसलिंग करानी पड़ती है। इससे समय व पैसे की बर्बादी के साथ-साथ उन छात्रों को भी मुश्किल आती है, जिनका दाखिला देरी से होता है। ऐसे में काउंसलिंग के समय ही फीस लेने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
अब भी खाली हैं सीटें
एससीईआरटी ने डीएड की 19 हजार 500 सीटों के लिए चार बार काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की है, इसके बावजूद 500 के लगभग सीटें खाली हैं। इन सीटों के लिए पांचवीं काउंसलिंग होगी या नहीं, इसपर एससीईआरटी के अधिकारी मौन साधे हैं। अधिकारियों के मुताबिक शिक्षा के उच्च अधिकारियों को पास रिपोर्ट भेजी गई है। वहां से मिली हिदायतों के अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी। उधर छात्र रोजाना काउंसलिंग की जानकारी के लिए एससीईआरटी के चक्कर काट रहे हैं।
॥बार-बार काउंसलिंग कराने से छात्रों को तो आने-जाने में परेशानी होती है साथ ही देरी से दाखिला लेने वाले छात्र पाठ्यक्रम में पीछे रह जाते है। ऐसे में काउंसलिंग के दौरान ही फीस जमा कराने से छात्र को कॉलेज में जाना अनिवार्य होगा। इससे न तो सीट खाली रहेगी और न ही अन्य छात्रों का चांस मारा जाएगा।
स्नेहलता, निदेशक, एससीईआरटी, गुडग़ांव
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स्नेहलता, निदेशक, एससीईआरटी, गुडग़ांव
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डीएड: अब काउंसलिंग पर ही जमा होगी फीस
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गुडग़ांवत्न डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) के छात्रों को अब काउंसलिंग के समय ही फीस जमा करानी होगी। छात्रों की फीस जमा कराने के प्रति लापरवाही को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। शिक्षा अधिकारियों के मुताबिक छात्र स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी)में काउंसलिंग के समय पसंद के कॉलेजों में दाखिले का सर्टिफिकेट ले जाते हैं। मुसीबत तब होती है जब वे कॉलेज में समय पर फीस नहीं जमा करते, जिससे सीटें खाली रह जाती हैं। अब छात्र एससीईआरटी में होने वाली काउंसलिंग में शामिल होंगे, मनपसंद कॉलेज चुनेंगे भी, लेकिन फीस भी साथ-साथ जमा करानी होगी। एससीईआरटी ने डीएड की 19 हजार 500 सीटों के लिए चार बार काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की है, इसके बावजूद 500 के लगभग सीटें खाली हैं। |