अध्यापकों की ट्रेनिंग पर जोर


मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्कूल शिक्षा में अधिक गुणात्मक सुधार के लिए अध्यापक प्रशिक्षण को ज्यादा मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इसके लिए उन्होंने अलग से अध्यापक प्रशिक्षण विशेषज्ञों की सेवा की आवश्यकता पर बल दिया है। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को यहां आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापक प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों की अलग से पहचान की जाए तथा उनका कार्य केवल अध्यापक प्रशिक्षण का ही होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को स्कूलों में जिला शिक्षा अधिकारियों तथा निदेशालय स्तर पर निरीक्षण करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अध्यापक प्रशिक्षण केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाए। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन ने अवगत करवाया कि अध्यापकों को प्रशिक्षण की वर्तमान व्यवस्था से अवगत कराया। स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नियमित भर्ती होने तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों का सेवा विस्तार कम से कम छह माह की अवधि के लिए किया जाए, ताकि कार्य बाधित न हो। विभाग के न्यायालयों में लंबित मामलों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा महाधिवक्ता कार्यालय से विधि विशेषज्ञों की सेवाएं ली जा सकती हैं, ताकि विभाग के उच्च अधिकारी न्यायालय में जाने से बचे और वे नियमित कार्य सही ढंग से कर सकें। बैठक में उच्चतर शिक्षा आयुक्त एसएस प्रसाद ने अवगत करवाया कि वर्ष 2005 से अब तक राज्य में 28 नए महाविद्यालय स्थापित किए गए है तथा वर्ष 2012 में आठ नए महाविद्यालय स्थापित किए गए हैं। वर्ष 2011-12 के दौरान उच्चतर शिक्षा के लिए लड़कियों की संख्या में 53 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री ने नए महाविद्यालयों में कला संकाय के साथ-साथ वाणिज्य या विज्ञान संकाय आरंभ करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता बताया। बैठक में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, मुख्य सचिव पीके चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव छतर सिंह, अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ केके खंडेलवाल, शिवरमन गौड़, प्रधान ओएसडी एमएस चोपड़ा, उप प्रधान सचिव आरएस दून, ओएसडी बीआर बेरी, वित्त विभाग के प्रधान सचिव संजीव कौशल मौजूद रहे

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