जींद : हरियाणा लोक सेवा आयोग ने फिर से अनोखा कारनामा कर दिखाया है। आयोग ने स्क्रीनिंग परीक्षा में फेल उम्मीदवारों को अंतिम चयन सूची में पास कर नौकरी परोस दी है। यह कारनामा राजनीति शास्त्र के लेक्चरार की भर्ती में किया गया है। इस विषय छह उन उम्मीदवारों का सिलेक्शन किया गया है, जो स्क्रीनिंग परीक्षा भी पास नहीं कर पाए थे। इससे एक बार फिर आयोग की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए हैं। हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2009 में 4/2009 के तहत राजनीति शास्त्र के विषय के लिए स्कूल कैडर लेक्चरार भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे गए थे। यह भर्ती एससी बैकलॉग कैटेगरी के तहत होनी थी, जिसके लिए 42 पद विज्ञापित हुए थे। इसके लिए आयोग द्वारा 27 मार्च 2011 को स्क्रीनिंग टेस्ट लिया गया था। स्क्रीनिंग टेस्ट में पदों का गुणा उम्मीदवार यानी 126 को पास करना था, लेकिन आयोग ने स्क्रीनिंग टेस्ट में 132 उम्मीदवारों को पास किया। इन्हीं उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेकर फिर अंतिम चयन होना था। गत 31 अक्टूबर 2012 को आयोग द्वारा अंतिम चयन सूची जारी की गई, लेकिन 42 चयनित उम्मीदवारों में से छह उम्मीदवार ऐसे हैं, जो स्क्रीनिंग में फेल घोषित किए गए थे। आखिर इन्होंने अंतिम चयन सूची में बाजी कैसे मारी, यह समझ से परे है। इससे पहले भी आयोग द्वारा की गई स्कूल कैडर लेक्चरार की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। उस वक्त भी स्क्रीनिंग में फेल उम्मीदवारों का सिलेक्शन किया गया है, लेकिन आयोग की ओर से सार्वजनिक तौर पर सफाई भी दी गई थी कि साक्षात्कार विज्ञापित पदों के तीन गुणा उम्मीदवारों का लेना होता। स्क्रीनिंग में पास उम्मीदवारों में सभी साक्षात्कार के लिए नहीं पहुंचे और तीन गुणा उम्मीदवार पूरे करने के लिए स्क्रीनिंग में फेल कुछ उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए कॉल कर लिया गया। साक्षात्कार में पास होने पर उनका अंतिम चयन सूची में सिलेक्शन हो गया, लेकिन इस केस में यह दलील भी लागू नहीं होती है, क्योंकि एचपीएससी पहले ही तीन गुणा से ज्यादा उम्मीदवारों को स्क्रीनिंग में पास किए हुए है। स्क्रीनिंग में पास 126 उम्मीदवार होने थे जबकि पहले ही 132 उम्मीदवारों को पास किया हुआ है। इसके लिए पुरुष उम्मीदवारों का कट ऑफ 53 अंक है तो महिला का 28 अंक रखा गया है, लेकिन स्क्रीनिंग में फेल इन छह उम्मीदवारों के लिए बाद में कट ऑफ अंक की शर्त घटा दी गई
HPSC फिर दिखाया कारनामा स्क्रीनिंग परीक्षा में फेल उम्मीदवारों को अंतिम चयन सूची में पास
जींद : हरियाणा लोक सेवा आयोग ने फिर से अनोखा कारनामा कर दिखाया है। आयोग ने स्क्रीनिंग परीक्षा में फेल उम्मीदवारों को अंतिम चयन सूची में पास कर नौकरी परोस दी है। यह कारनामा राजनीति शास्त्र के लेक्चरार की भर्ती में किया गया है। इस विषय छह उन उम्मीदवारों का सिलेक्शन किया गया है, जो स्क्रीनिंग परीक्षा भी पास नहीं कर पाए थे। इससे एक बार फिर आयोग की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए हैं। हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2009 में 4/2009 के तहत राजनीति शास्त्र के विषय के लिए स्कूल कैडर लेक्चरार भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगे गए थे। यह भर्ती एससी बैकलॉग कैटेगरी के तहत होनी थी, जिसके लिए 42 पद विज्ञापित हुए थे। इसके लिए आयोग द्वारा 27 मार्च 2011 को स्क्रीनिंग टेस्ट लिया गया था। स्क्रीनिंग टेस्ट में पदों का गुणा उम्मीदवार यानी 126 को पास करना था, लेकिन आयोग ने स्क्रीनिंग टेस्ट में 132 उम्मीदवारों को पास किया। इन्हीं उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेकर फिर अंतिम चयन होना था। गत 31 अक्टूबर 2012 को आयोग द्वारा अंतिम चयन सूची जारी की गई, लेकिन 42 चयनित उम्मीदवारों में से छह उम्मीदवार ऐसे हैं, जो स्क्रीनिंग में फेल घोषित किए गए थे। आखिर इन्होंने अंतिम चयन सूची में बाजी कैसे मारी, यह समझ से परे है। इससे पहले भी आयोग द्वारा की गई स्कूल कैडर लेक्चरार की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। उस वक्त भी स्क्रीनिंग में फेल उम्मीदवारों का सिलेक्शन किया गया है, लेकिन आयोग की ओर से सार्वजनिक तौर पर सफाई भी दी गई थी कि साक्षात्कार विज्ञापित पदों के तीन गुणा उम्मीदवारों का लेना होता। स्क्रीनिंग में पास उम्मीदवारों में सभी साक्षात्कार के लिए नहीं पहुंचे और तीन गुणा उम्मीदवार पूरे करने के लिए स्क्रीनिंग में फेल कुछ उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए कॉल कर लिया गया। साक्षात्कार में पास होने पर उनका अंतिम चयन सूची में सिलेक्शन हो गया, लेकिन इस केस में यह दलील भी लागू नहीं होती है, क्योंकि एचपीएससी पहले ही तीन गुणा से ज्यादा उम्मीदवारों को स्क्रीनिंग में पास किए हुए है। स्क्रीनिंग में पास 126 उम्मीदवार होने थे जबकि पहले ही 132 उम्मीदवारों को पास किया हुआ है। इसके लिए पुरुष उम्मीदवारों का कट ऑफ 53 अंक है तो महिला का 28 अंक रखा गया है, लेकिन स्क्रीनिंग में फेल इन छह उम्मीदवारों के लिए बाद में कट ऑफ अंक की शर्त घटा दी गई