लाखों विद्यार्थियों का पढ़ने का सपना ध्वस्त


 सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के एक्ट में संशोधन करने से दूरस्थ शिक्षा ग्रहण करने वाले लाखों विद्यार्थियों का इसके जरिये पढ़ाई करने का रास्ता बंद हो गया है। अब प्रदेश में कोई भी विद्यार्थी मदवि के साथ अन्य किसी भी विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकेगा। अकेले मदवि से प्रति वर्ष करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा प्राप्त करते थे। प्रदेश में अन्य विश्वविद्यालयों में इनकी संख्या कई गुणा हो सकती है। दूरस्थ शिक्षा बंद किए जाने से मदवि सहित अन्य विश्वविद्यालयों में आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा। विश्वविद्यालयों के लिए दूरस्थ शिक्षा से होने वाली आमदनी आय का मुख्य स्त्रोत थी। प्रदेश सरकार ने हाल ही में विधानसभा सत्र में विश्वविद्यालय के एक्ट में दूसरा संशोधन किया था। इस संशोधन के गजट नोटिफिकेशन में साफ तौर पर विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा को बंद कर दिया गया है। हालांकि बिल पेश करते समय स्टडी सेंटर को बंद किया था, लेकिन गजट नोटिफिकेशन में मदवि के कैंपस में दी जाने वाली दूरस्थ शिक्षा पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में अकेले मदवि से दूरस्थ शिक्षा ग्रहण करने वाले करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी प्रभावित हो गए हैं। इससे तो विद्यार्थियों के लिए दूरस्थ शिक्षा ग्रहण करने का एक तरह से रास्ता ही बंद हो गया है। प्रदेश में अन्य विश्वविद्यालय भी दायरे में : विधानसभा में पारित बिल के दायरे में प्रदेश के चारों विश्वविद्यालय आते हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के अलावा, कुवि, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा और भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां, सोनीपत में भी दूरस्थ शिक्षा पर प्रतिबंध लग गया है। 

खानपुर कलां, सोनीपत में भी दूरस्थ शिक्षा पर प्रतिबंध लग गया है। इसलिए प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय से विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकेंगे। गजट नोटिफिकेशन हो चुका है : गर्ग मदवि के दूरस्थ शिक्षा विभाग के निदेशक प्रो. नरेंद्र कुमार गर्ग का कहना है कि विधानसभा द्वारा गजट नोटिफिकेशन में स्टडी सेंटर के साथ कैंपस से भी दूरस्थ शिक्षा को बंद कर दिया गया है। स्टडी सेंटर तो पहले ही बंद कर दिए गए थे, अब गजट नोटिफिकेशन के बाद दूरस्थ शिक्षा के लिए विद्यार्थियों के दाखिले नहीं किए जा रहे हैं।

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