सवर्ण गरीबों को भी 10 फीसद आरक्षण


मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सामान्य श्रेणी के गरीब लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया गया। बैठक में प्रदेश सरकार ने गरीब व्यक्ति की परिभाषा भी तय कर दी है। 2.50 लाख से कम आमदनी वाला सामान्य श्रेणी का व्यक्ति गरीबी रेखा के दायरे में होगासामान्य श्रेणी के गरीब व्यक्तियों में पंजाबी, अरोड़ा, वैश्य, राजपूत और ब्रांाण समेत कई जाति शामिल हैंप्रदेश सरकार जाट, जाट सिख, रोड़, त्यागी और बिश्नोई समाज के व्यक्तियों को विशेष श्रेणी में शामिल करते हुए दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ पहले ही दे चुकी है। राज्य में अब आरक्षण हासिल करने वाली जातियों की संख्या बढ़कर 69.5 फीसद हो गई है। प्रदेश सरकार विशेष श्रेणी में दिए गए दोनों तरह के आरक्षण के बारे में जल्दी ही अधिसूचना जारी करेगी। मंत्रिमंडल ने प्रदेश में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षण देने के संबंध में वित्त मंत्री एचएस चट्ठा के नेतृत्व वाली छह मंत्रियों की मंत्रिमंडल उप कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। ध्यान रहे कि बीते 12 दिसंबर को मंत्रिमंडल ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आरक्षण के संबंध में पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों पर विचार करने के लिए एक मंत्रिमंडल उप क मेटी का गठन किया था। ये लोग होंगे गरीबी रेखा के दायरे में हरियाणा मंत्रिमंडल उप कमेटी और पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा निर्धारित मानदंड के मुताबिक आरक्षण के इच्छुक परिवार का अभिप्राय परिवार का मुखिया और उसका पति या पत्नी, अविवाहित पुत्र या अविवाहित पुत्री, आवेदक और उसका पति या पत्नी, आश्रित माता-पिता या आश्रित बच्चे, अविवाहित आश्रित भाई या अविवाहित आश्रित बहनें और परिवार के मुखिया या आवेदक पर आश्रित कोई अन्य व्यक्ति गरीब होगा। इस परिवार की कृषि आय सहित सभी स्रोतों से कुल वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी। यदि परिवार का कोई सदस्य आयकर या संपत्ति करदाता है तो आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा

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