सीबीआइ की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद भी हरियाणा के 3206 जेबीटी शिक्षकों के भविष्य पर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि सीबीआइ कोर्ट के फैसले पर कानूनी राय के बाद ही इन शिक्षकों के भविष्य पर कोई फैसला लिया जा सकता है। अनिश्चिय के साये में जी रहे 3206 जेबीटी शिक्षकों को वैसे तो पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने 27 जनवरी तक प्रमोशन सहित सभी लाभ देने के निर्देश दिए हुए हैं लेकिन अब सीबीआइ कोर्ट के फैसले के बाद राज्य का शिक्षा विभाग कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। अहम सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जिन शिक्षकों की भर्ती में घोटाले का आरोप लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला को जेल भेज दिया गया है, क्या उन्हीं शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखा जाए। इस सवाल पर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों में बेहद माथापच्ची चल रही है। जहां तक इन जेबीटी शिक्षकों के भविष्य का सवाल है, नियुक्ति के बाद वे दिसंबर 2010 में हाईकोर्ट गए थे। वहां उन्होंने प्रमोशन की मांग की थी। राज्य सरकार इस केस के ट्रायल के चलते इनके नियुक्तियों संबंधी दस्तावेजों की पड़ताल भी कर चुकी है। ऐसे में हाई कोर्ट ने पिछले साल 27 सितंबर को सरकार को चार महीने में मामले का निपटारा करने को कहा था। शिक्षा विभाग को अब 27 जनवरी तक मामले में कोई कदम तो उठाना ही पड़ेगा
अदालती फैसले के बाद भी जेबीटी का भविष्य अनिश्चित
सीबीआइ की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद भी हरियाणा के 3206 जेबीटी शिक्षकों के भविष्य पर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बुधवार को चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा कि सीबीआइ कोर्ट के फैसले पर कानूनी राय के बाद ही इन शिक्षकों के भविष्य पर कोई फैसला लिया जा सकता है। अनिश्चिय के साये में जी रहे 3206 जेबीटी शिक्षकों को वैसे तो पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने 27 जनवरी तक प्रमोशन सहित सभी लाभ देने के निर्देश दिए हुए हैं लेकिन अब सीबीआइ कोर्ट के फैसले के बाद राज्य का शिक्षा विभाग कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। अहम सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जिन शिक्षकों की भर्ती में घोटाले का आरोप लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला को जेल भेज दिया गया है, क्या उन्हीं शिक्षकों की सेवाओं को जारी रखा जाए। इस सवाल पर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों में बेहद माथापच्ची चल रही है। जहां तक इन जेबीटी शिक्षकों के भविष्य का सवाल है, नियुक्ति के बाद वे दिसंबर 2010 में हाईकोर्ट गए थे। वहां उन्होंने प्रमोशन की मांग की थी। राज्य सरकार इस केस के ट्रायल के चलते इनके नियुक्तियों संबंधी दस्तावेजों की पड़ताल भी कर चुकी है। ऐसे में हाई कोर्ट ने पिछले साल 27 सितंबर को सरकार को चार महीने में मामले का निपटारा करने को कहा था। शिक्षा विभाग को अब 27 जनवरी तक मामले में कोई कदम तो उठाना ही पड़ेगा
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