राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में 14 हजार 268 पदों पर एलडीसी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नए पदों को मंजूरी दे दी है। इन पदों पर मृतक राज्य कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्तियां मिल सकेंगी। साथ ही सहायक कर्मचारियों की पदोन्नति के रास्ते भी खुल गए हैं।
राज्य में वर्ष 2002 से 2011 तक क्रमोन्नत 7134 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों में कनिष्ठ लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का एक-एक पद सृजित किया गया है। यानी 7134 एलडीसी और इतने ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियां होंगी। कर्मचारियों के कुल 14 हजार 268 नए पद सृजित किए गए हैं। इन पदों के लिए सैद्धांतिक सहमति पूर्व में ही मिल चुकी थी। दो दिन पहले ही सरकार ने फाइल पर मुहर लगाई थी। राज्य के उप शासन सचिव शिक्षा (ग्रुप-6)विभाग ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक को नव सृजित पदों के मद वार प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। आयोजना मद की बी एफसी में इन पदों पर होने वाले व्यय भार का आकलन सहित बजट प्रावधान करवाया जाएगा। नए पद सृजित करने से प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के कर्मचारियों में खुशी है। शिक्षा विभाग में करीब 15 साल के बाद कर्मचारियों के पद मिलने पर निदेशालय कर्मचारियों ने स्वागत किया है।
300 से अधिक आश्रितों को मिलेगी नियुक्तियां
विभाग में एलडीसी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नए पद सृजित होने से 300 से अधिक मृतक कार्मिकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्तियां मिल सकेंगी। विभाग के पास रिक्त पद नहीं होने से आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के प्रस्ताव लंबित पड़े हैं। शिक्षा निदेशक डॉ. वीना प्रधान ने बताया कि राज्यभर में विभाग के कार्यालयों और स्कूलों से भी प्रकरण मंगवाए हैं। इनकी संख्या 300 से अधिक हो सकती है। अब सभी को अनुकंपा नियुक्ति मिल जाएगी।
कर्मचारियों ने किया था संघर्ष
विभाग में मंत्रालयिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नए पद सृजित करने के लिए कर्मचारी लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेन्द्र पांडे, शिक्षा विभागीय कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष शिव कुमार आचार्य सहिम कई कर्मचारी नेताओं ने खुशी जाहिर की है। इन नेताओं ने इसे लंबे संघर्ष का नतीजा बताया है।
'राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में एल डीसी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नए पद सृजित कर दिए हैं। इससे अनुकंपा नियुक्ति का इंतजार कर रहे आशार्थियों को नौकरी दी जा सकेगी। नए पदों पर भर्ती प्रक्रिया का निर्णय सरकार के स्तर पर विचाराधीन है।'
डॉ. वीना प्रधान, माध्यमिक शिक्षा निदेशक
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