बाकी जिलों में नहीं आई मेवात जैसी जागरूकता
प्रवेश उत्सव के तहत एक लाख बच्चों का दाखिला
चंडीगढ़। मेवात में बेहतर रिजल्ट का श्रेय जहां शिक्षा विभाग और शिक्षक लेने में लगे हैं, वहीं शेष हरियाणा के मामले में एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि संसाधन और स्टाफ पूरा होने की स्थिति में नतीजे बेहतर ही आते हैं। शिक्षा विभाग सीधे आरोप लगाने से बच रहा है, लेकिन मेवात का श्रेय लेने से चूक भी नहीं रहा है। परीक्षा परिणामों के मामले में हमेशा पीछे रहने वाला मेवात इस बार दसवीं के परीक्षा परिणामों में प्रदेश में दूसरे स्थान पर रहा।
मेवात में बेहतर रिजल्ट पर शिक्षा विभाग का कहना है कि अधिकारियों के गांव-गांव जाकर जागरूक करने से ही बेहतर रिजल्ट रहा। इस परिणाम से जिले में शिक्षक और अभिभावक सभी खुश हैं। शेष हरियाणा में स्थिति विपरीत है। उधर शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग को अन्य जिलों में भी जागरूकता अभियान चलाना चाहिए था। हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रधान कुलभूषण शर्मा का कहना है कि जहां पर शिक्षकों की संख्या पूरी है, वहां रिजल्ट खराब होने पर शिक्षकों की गलती मानी जा सकती है। जहां शिक्षक ही पूरे नहीं हैं, स्कूलों में किताबें ही नहीं आईं तो वहां खराब रिजल्ट की जिम्मेदारी शिक्षकों पर क्यों डाली जाए।
डेढ़ साल में ऐसे बदली तस्वीर
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शिक्षा विभाग के निदेशक से लेकर वित्तायुक्त तक ने 154 गांव का दौरा किया
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दस्तके तालीम को अमली जामा पहनाया
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शिक्षा का हक के तहत जागरूक किया
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मेवात का काडर अलग कर टीचर भर्ती किए
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जज्बा ए तालीम से जगाया शिक्षा का जज्बा
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स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों से ट्रेनिंग करवाई
•अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा का शिक्षा विभाग इस बार प्रवेश उत्सव कार्यक्रम से गदगद है। विभाग का दावा है कि करीब एक लाख बच्चों ने कक्षा एक से आठ तक सरकारी स्कूलों में प्रवेश लिया है। इसमें भिवानी की दो पंचायतों ने सरकार का सहयोग कर अपने सारे बच्चे निजी स्कूलों से हटाकर सरकारी स्कूल में भर्ती करवा दिए हैं।
भिवानी के आदमपुर और आदमपुर ढाड़ी गांव की पंचायतों ने सरकार के इस अभियान में खासा रोल अदा किया है। शिक्षा विभाग ने हरियाणा के स्कूलों में 24 मार्च से प्रवेश उत्सव अभियान शुरू किया था। इसके बाद 29 मई को राज्य भर में आए परिणामों का रिव्यू किया गया। विभाग का दावा है कि कक्षा एक में 23782, दो में 12237, तीन में 12296, चार में 8945, पांच में 10181, छह में 17505, सात में 10220 तथा कक्षा आठ में 9534 दाखिले हुए हैं।
शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन का कहना है कि हमने दाखिलों के लिए अभियान चलाया था।
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