सरकार के जवाब पर टिका भावी शिक्षकों का भविष्य 31



दयानंद शर्मा, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को अगर राज्य सरकार का जवाब पसंद नहीं आया तो नियुक्ति पत्र पा चुके भावी शिक्षकों का ज्वाइनिंग का इंतजार और लंबा खिंच सकता है। लगभग 20 हजार शिक्षकों का भविष्य अब पूर्णतया हरियाणा सरकार के जवाब व कोर्ट की संतुष्टि पर टिका है। वैसे अगर मंगलवार को हाई कोर्ट सरकार के जवाब से संतुष्ट हो जाता है तो हजारों टीचरों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा।1हरियाणा कार्मिक विभाग के सचिव अरूण गुप्ता द्वारा दायर जवाब में कोर्ट के आदेश के अनुसार जवाब न देकर केवल लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति बाबत जानकारी दी गई है। इस जवाब में कहीं भी शिक्षक भर्ती बोर्ड के गठन के बारे में ठोस पक्ष नहीं रखा गया है। दायर जवाब में कहा गया है कि हरियाणा लोक सेवा आयोग में चेयरमैन
समेत सात सदस्य नियुक्तकिए जाते हैं। पहले यह संख्या 12 थी। वर्तमान में केवल एक सदस्य का पद रिक्त है। 1सरकार द्वारा दायर जवाब में कहा गया है कि इन सदस्यों की नियुक्तिमें देरी सुप्रीम कोर्ट में एक मामले के विचाराधीन होने के कारण हुई है। सरकार ने अपने जवाब में कोर्ट को यह बताने की कोशिश की है कि जैसे केंद्र में संघ लोक सेवा आयोग व स्टाफ सलेक्शन कमीशन हैं, उसी तर्ज पर हरियाणा में भी काम किया जा रहा है। हालांकि सरकार ने कोर्ट द्वारा मांगी गई यह जानकारी नहीं दी कि जब राज्य में स्टाफ सलेक्शन कमीशन है तो हरियाणा टीचर सलेक्शन बोर्ड के गठन की क्या जरूरत पड़ गई?1हाई कोर्ट ने ये मांगी थी जानकारी : हाई कोर्ट ने स्वयं सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा था कि उसने टीचर भर्ती बोर्ड का गठन क्यों किया? कोर्ट ने सवाल किया था कि हरियाणा लोक सेवा आयोग जो पेरेंट्स बॉड़ी है, उसके सदस्यों की संख्या कम कर दी गई है जबकि दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि जल्दी भर्ती के लिए बोर्ड बनाना जरूरी था। सरकार से पूछा गया कि उसने हरियाणा लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति कर उसके माध्यम से भर्ती क्यों नहीं करवाई?।दयानंद शर्मा, चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट को अगर राज्य सरकार का जवाब पसंद नहीं आया तो नियुक्ति पत्र पा चुके भावी शिक्षकों का ज्वाइनिंग का इंतजार और लंबा खिंच सकता है। लगभग 20 हजार शिक्षकों का भविष्य अब पूर्णतया हरियाणा सरकार के जवाब व कोर्ट की संतुष्टि पर टिका है। वैसे अगर मंगलवार को हाई कोर्ट सरकार के जवाब से संतुष्ट हो जाता है तो हजारों टीचरों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा।1हरियाणा कार्मिक विभाग के सचिव अरूण गुप्ता द्वारा दायर जवाब में कोर्ट के आदेश के अनुसार जवाब न देकर केवल लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति बाबत जानकारी दी गई है। इस जवाब में कहीं भी शिक्षक भर्ती बोर्ड के गठन के बारे में ठोस पक्ष नहीं रखा गया है। दायर जवाब में कहा गया है कि हरियाणा लोक सेवा आयोग में चेयरमैन समेत सात सदस्य नियुक्तकिए जाते हैं। पहले यह संख्या 12 थी। वर्तमान में केवल एक सदस्य का पद रिक्त है। 1सरकार द्वारा दायर जवाब में कहा गया है कि इन सदस्यों की नियुक्तिमें देरी सुप्रीम कोर्ट में एक मामले के विचाराधीन होने के कारण हुई है। सरकार ने अपने जवाब में कोर्ट को यह बताने की कोशिश की है कि जैसे केंद्र में संघ लोक सेवा आयोग व स्टाफ सलेक्शन कमीशन हैं, उसी तर्ज पर हरियाणा में भी काम किया जा रहा है। हालांकि सरकार ने कोर्ट द्वारा मांगी गई यह जानकारी नहीं दी कि जब राज्य में स्टाफ सलेक्शन कमीशन है तो हरियाणा टीचर सलेक्शन बोर्ड के गठन की क्या जरूरत पड़ गई?1हाई कोर्ट ने ये मांगी थी जानकारी : हाई कोर्ट ने स्वयं सवाल उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा था कि उसने टीचर भर्ती बोर्ड का गठन क्यों किया? कोर्ट ने सवाल किया था कि हरियाणा लोक सेवा आयोग जो पेरेंट्स बॉड़ी है, उसके सदस्यों की संख्या कम कर दी गई है जबकि दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि जल्दी भर्ती के लिए बोर्ड बनाना जरूरी था। सरकार से पूछा गया कि उसने हरियाणा लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति कर उसके माध्यम से भर्ती क्यों नहीं करवाई?।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)imageview

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