BOOK FAIR DELHI_PRAGTI MAIDAAN
पढ़ाई का ऑनलाइन ऑफलाइन फार्मूला हिट
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संतोष कुमार
नई दिल्ली। बच्चों के हर विषय का ट्यूशन पर मोटी रकम खर्च करनी पड़ती हो, तो प्रगति मैदान की सैर आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। दरअसल, पुस्तक मेला ई-फॉर्म में पढ़ाई की ऑनलाइन/ ऑफलाइन सामग्री का सेंटर भी बन गया है।
यहां हिंदी-अंग्रेजी की बंदिश तोड़ती पाठ्यसामग्री मौजूद है। अपनी सहूलियत के अनुसार आप भाषा चुन सकते हैं।
ई-फॉर्म में विषयवस्तु का दायरा काफी लंबा है। क्लास एक से लेकर आईआईटी/पीएमटी तक की पढ़ाई सीडी और पेन ड्राइव में सिमट गई है। कई स्टॉल पर ज्योतिष, पर्सनालिटी डेवलपमेंट से इनसाइक्लोपीडिया तक छोटी सी हार्ड डिस्क में अपलोड है। ऑनलाइन की बात की जाए तो ई-ट्यूटर पर पढ़ाई के साथ होमवर्क भी पूरा कराया जाता है। खास बात यह है कि छात्रों के जेहन में उठने वाले सवालों का जवाब भी चार घंटे में मुहैया करा दिया जाता है।
ऑफलाइन पाठ्य सामग्री मुहैया करा रही एलएफएक्स टेक्नोलॉजी के वाइस प्रेसीडेंट राकेश डांडू के मुताबिक, समय क्वालिटी और वेरायटी का है। इससे शिक्षकों की जरूरत बेशक खत्म न हो लेकिन छात्रों के लिए कारगर साबित हो रहा है। यही वजह है कि कारोबार तीन गुना की दर से बढ़ रहा है। हमारे पास हिंदी-अंग्रेजी में पाठ्य सामग्री मौजूद है। वहीं, ई-ट्यूटर की सुविधा मुहैया करा रही त्रिरूमाला सॉफ्टवेयर्स के सीईओ राकेश गुप्ता के मानना है कि ई-मेटेरियल का कारोबार दस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है। हमारे पास डीवीडी और पेन ड्राइव में पाठ्य सामग्री भी मौजूद है। अकेले वेबसाइट पर इस समय करीब दो लाख से ज्यादा बच्चे रजिस्टर्ड हैं।
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फिल्म भी देखिए : प्रगति मैदान के शाकुंतलम थियेटर में नौ दिनों तक पुरस्कृत फिल्में दिखाई जाएंगी। इसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सीट बुक होगी। इस दौरान हिंदी फिल्म कागज के फूल व भूमिका, मलयालम फिल्म ओरू फ्लैशबैक, बंगाली फिल्म अकलेर शांधाने, व मराठी फिल्म हरिश्चद्रांची फैक्ट्री और सम्हिता को दर्शक देख सकेंगे।
नई दिल्ली (ब्यूरो)। किताब के शौकीनों के लिए प्रगति मैदान में पुस्तक मेला सज गया है। अगले नौ दिनों तक यहां करीब एक लाख नई पुस्तकें भी उपलब्ध होंगी। मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार ने शुक्रवार को इसकी शुरुआत की।
इस मौके पर फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिसर्स के अध्यक्ष सुधीर मल्होत्रा, इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाईजेशन (आईटीपीओ) की निदेशक रीता मेनन, दिल्ली पुस्तक मेला के निदेशक अशोक गुप्ता के साथ कई प्रकाशक और वितरक मौजूद थे। दिल्ली पुस्तक मेला 31 अगस्त तक चलेगा। मेले की थीम ‘पुस्तकालय और पाठक’ पर प्रदीप कुमार ने कहा, ‘पुस्तकालय ऐसी पाक जगह है, जहां सभी मजहब के पुस्तक प्रेमी व छात्र मिलते हैं और अपने ज्ञान का विस्तार करते हैं।’ वहीं, रीता मेनन ने कहा कि इस लाइब्रेरी में छोटे बच्चों से लेकर दादा-दादी के मतलब तक की पुस्तकें मिल जाती हैं।
किताबों का महाकुंभ हॉल नंबर 8 से 12-ए में लगा है, जबकि स्टेशनरी की दुकानें हॉल नंबर 15 में हैं। फेयर में चीन और अमेरिका के साथ-साथ 250 प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। चीन में पुस्तकालय आंदोलन की जानकारी देने के लिए सात सदस्यीय चीनी प्रतिनिधिमंडल भी आया है। दर्शक 31 अगस्त तक सुबह 11 बजे से रात 8 बजे तक यहां आ सकते हैं। प्रवेश शुल्क बीस रुपये रखा गया है। छात्रों को इसमें पचास फीसदी छूट दी गई है। आयोजकों को उम्मीद है कि पिछले साल तीन लाख दर्शकों की तुलना में इस साल इनकी संख्या चार लाख से ऊपर जा सकती है। इस दौरान 24 से अधिक नई पुस्तकों का विमोचन होगा। पहले दिन बीस हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे। शनिवार और रविवार को भारी भीड़ होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली (ब्यूरो)। अगर आप कंप्यूटर की ए-बी-सी नहीं जानते तो एक सीडी इसकी अबूझ पहेली को सुलझा देगी। प्रगति मैदान में शुरू हुए दिल्ली पुस्तक मेले मेें इसका एक स्टॉल लगा है। प्रोग्राम का सूत्र वाक्य ‘खुद से कंप्यूटर सीखो’ है। सीडी ऑडियो-वीडियो फॉर्म में है। इसे फोटोशॉप, विंडो-7, एमएस वर्ड व एक्सेल, टैली, जावा, थ्रीडी मैक्स मॉडलिंग और एनिमेशन समेत दो दर्जन से ज्यादा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के लिए तैयार किया गया है। अलग-अलग प्रोग्राम का समय चार से आठ घंटे के बीच रखा गया है। एक सीडी की कीमत 199 रुपये है। अंग्रेजी के साथ सीडी तमिल, तेलगू और कन्नड़ में उपलब्ध है।
दो महीने में इसे हिंदी में भी लांच किया जाएगा। वर्चुअल टीचर के नॉर्थ जोन के सीईओ जॉन के मुताबिक, दक्षिण भारत के साथ हमारा कारोबार दक्षिण-पूर्वी एशिया में फैला हुआ है।
नई दिल्ली (ब्यूरो) बच्चों को किताबों में लिखी कहानी पढ़कर सुनाने का समय किसी के पास नहीं है। बच्चों की इस शिकायत को दूर करेगा बोलने वाला पेन। जी हां, शुक्रवार को प्रगति मैदान में ऐसे ही एक बोलने वाले पेन की लॉंचिंग हुई। जो कि किताब में लिखे शब्द और वाक्यों को पढ़कर सुनाएगा।
अमेरिका बेस्ड ग्रोलियर नाम की कंपनी ने इस शुक्रवार को मेले में उतारा है। सेंसर युक्त इस पेन को टॉकिंग पेन नाम दिया गया है, जो कि खास तरह के सेंसर युक्त पन्ने पर छपे अक्षरों को पढ़कर सुनाता है। बस पेन को आपको शब्दों के ऊपर रखना होगा। बच्चों की खास 20 किताबों के साथ इसकी कीमत 17,400 रुपये है।
चरित्र की आवाज में बोलेगा पेन
यह पेन सिर्फ किताबों में लिखे शब्दों या वाक्यों को नहीं पढ़ता। यह आवाज बदलकर भी बोलता है। अगरएक लड़का एक लड़की की तस्वीर वाक्य के सामने है और आप लड़की की तस्वीर पर पेन रखकर फिर वाक्य पर पेन ले जाएंगे तो वह लड़की की आवाज में ही पढ़ेगा।
हॉल नंबर 8 में ऑर्थस गिल्ड ऑफ इंडिया की तरफ से ‘पुस्तकालय एवं पाठक’ विषय पर चर्चा व कवि सम्मेलन : सुबह 11:00 से 5:15 बजे तक।
ऑडिटोरियम में ‘आईएलए की तरफ से रोल ऑफ एनआईएस प्रोफेशनल्स-कल आज और कल’ विषय पर सेमीनार: सुबह 11:00 बजे
पुस्तक मेले को कॉलोनी लेवल तक ले जाना चाहिए। संभव हो, गीता प्रेस की तरह दूसरे प्रकाशकों को भी मोबाइल पुस्तकालय सुविधा शुरू करनी चाहिए। पुस्तक सहेली जैसी होती है।
-अनामिका, साहित्यकार व कवयित्री
पढ़वाने के साथ संगीत का भी मजा
सामान्य पेन से थोड़ा मोटा दिखने वाले इस पेन से सिर्फ किताब में लिख्े शब्द ही नहीं सुने जाएंगे बल्कि, इसका इस्तेमाल संगीत सुनने में भी किया जा सकता है। पेन में सेंसर के साथ यूएसबी चार्जर, माइक्रो एसडी पोर्ट के साथ ईयर फोन लगाने की सुविधा है।
हॉल नंबर आठ में डायमंड पॉकेट बुक्स द्वारा पुस्तक विमोचन : शाम 5:15 बजे से 7:00 बजे तक।www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news)
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