अंग्रेजी में बच्चे ही नहीं, शिक्षक भी कमजोर 10 खंडों के 565 शिक्षकों को चेतावनी पत्र भेजकर गुणवत्ता में सुधारने के निर्देश जारी


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जब सरकारी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा के स्कूलों के शिक्षक ही अंग्रेजी में कमजोर हों, तो बच्चों को बेहतर शिक्षा कैसे मिल सकती है। यह खुलासा शिक्षा विभाग की एजेंसी के एक सर्वे में हुआ है। हाल में स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग(एससीईआरटी) विशेषज्ञों ने इंग्लिश सर्वे ऑफ एलीमेंट्री क्लासेज के पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 10 जिलों के 10 खंडों के अंग्रेजी के शिक्षकों सहित इसी विषय के स्टूडेंट्स पर सर्वे किया।

सर्वे में सामने आया कि 27 फीसदी शिक्षक (अंग्रेजी) ऐसे हैं, जिन्हें सुधार की आवश्यकता है। इसके अलावा 38 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी में कमजोर हैं। इस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अब एससीईआरटी ने 10 खंडों के 565 शिक्षकों को चेतावनी पत्र भेजकर अपनी गुणवत्ता में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं।

10 जिलों के 10 खंडों के सरकारी स्कूलों में सर्वे

॥ससीईआरटी के पायलट प्रोजेक्ट के तहत गत वर्ष स्कूलों में सर्वे कराया गया था, जिसमें 565 शिक्षकों को पढ़ाने की क्वालिटी में सुधार की जरूरत है। -सुरेंद्र सिंधु, इंचार्ज, लेंग्वेज विंग, एससीईआरटी

यह रहा सर्वे का परिणाम ... सर्वे में 18.09 प्रतिशत स्टूडेंट्स एक्सीलेंट, 21.52 प्रतिशत स्टूडेंट्स गुड, 22.69 स्टूडेंट्स एवरेज और 37.67 स्टूडेंट्स ऐसे मिले, जो अंग्रेजी में कमजोर थे। सर्वे में शिक्षकों का मूल्यांकन भी किया गया। विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों की अंग्रेजी क्षमता सुधारने के लिए शिक्षकों का योग्य होना जरूरी है। इसके तहत 2114 शिक्षकों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें 164 शिक्षक एक्सीलेंट, 1385 शिक्षक एवरेज मिले, जबकि 565(27 प्रतिशत) शिक्षक ऐसे मिले, जिन्हें अपने पढ़ाने की क्षमता में सुधार करने की जरूरत है। इन शिक्षकों को एएससीईआरटी ने पढ़ाने के स्टाइल में सुधार करने के निर्देश दिए हैं। विभाग दोबारा 10 मार्च 2014 से 30 मार्च 2014 को दोबारा इन्हीं स्कूलों में सर्वे करेगा।

एससीईआरटी विशेषज्ञों ने प्रदेश के 10 जिलों के 10 खंडों के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पहली से पांचवीं कक्षा के 43 हजार स्टूडेंट्स पर नवंबर 2012 से लेकर मार्च 2013 तक सर्वे किया गया। इनमें हिसार जिले का हिसार नंबर-2 खंड सहित गुडग़ांव का पटौदी खंड, मेवात का तावडू खंड, महेंद्रगढ़ जिले का नांगल चौधरी खंड, झज्जर जिले के बेरी खंड, सोनीपत जिले का गोहाना खंड, कैथल जिले का कैथल खंड, रेवाड़ी जिले का रेवाड़ी खंड, कुरुक्षेत्र का लाडवा खंड और जींद जिले के उचाना खंड के स्कूल शामिल है। सर्वे शुरू करने से पहले इन्हीं खंडों के तीन-तीन अंग्रेजी शिक्षकों को एससीईआरटी में बुलाया गया। इन शिक्षकों की मदद से प्रश्न पत्र तैयार करते समय उन पहलुओं पर ध्यान दिया गया, जिनमें शिक्षकों को लगता था कि बच्चे कमजोर हैं।

ये दिए निर्देश

एससीईआरटी की ओर से इन शिक्षकों को भेजे गए चेतावनी पत्र में लिखा गया है कि यदि उन्हें (शिक्षक) बच्चों को पढ़ाने में किसी तरह की दिक्कत आ रही है तो वे इसके लिए एससीईआरटी, डाइट, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी व ब्लॉक रिर्सोट पर्सन से मदद ले सकते हैं। निर्देशों में कहा गया है कि एससीईआरटी दोबारा से इन्हीं खंडों का सर्वे करेगी, सर्वे के दौरान यदि दोबारा से ह स्थिति मिली तो उचित कदम उठाए जाएंगे।

एससीईआरटी का सर्वे 

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