ई पेमेंट की पेंच में फंसी प्रोत्साहन राशि


वित्त विभाग ने लाभार्थियों के खाते में राशि ट्रांसफर करने की लगाई शर्त
प्रवीण पाण्डेय
चंडीगढ़। हरियाणा में शिक्षा विभाग को जितना बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, सरकारी योजनाओं में उतने ही पेंच फंस रहे हैं। मिड डे मील के बाद अब अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के बच्चों को कक्षा एक से 12 तक दी जानेवाली प्रोत्साहन राशि स्कूलों के खाते में अप्रैल माह से नहीं पहुंची है।
लिहाजा स्कूलों के मुखिया इधर-उधर चक्कर काट रहे हैं। वित्त विभाग ने यह पैसा आनलाइन लाभार्थियों के खाते में स्थानांतरित करने की शर्त रख दी है और पैसा स्थानांतरित नहीं हो रहा। पहले यह राशि प्रधानाचार्य, हेड टीचर और हेड मास्टर के खाते में आने के बाद आगे वितरित होती थी। अब इसके लिए यूसीपी (यूनीक कोड पेई) होना जरूरी है। उधर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की इस बाबत वित्त विभाग से चार बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। अधिकारी इस बाबत बोलने से भी कतरा रहे हैं। एक अधिकारी के मुताबिक वित्त विभाग इस मामले में उनकी नहीं चलने दे रहा है। लंबी बातचीत के बाद ई पेमेंट के मामले में पचास फीसदी छूट देने को राजी हुआ है।
आनलाइन ट्रांसफर के लिए यूनीक कोड पेई होना जरूरी
हरियाणा सरकार एक से बारहवीं के बच्चों को दे रही प्रोत्साहन राशि
अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के छात्रों हैं लाभार्थी
बच्चों के खाते लिंक करने का हमारा पूरा प्रयास है। इससे वित्तीय घपले पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। मानदेय न पहुंचने का मामला मेरे संज्ञान में है। दो से तीन दिन में समाधान हो जाएगा।
-शिक्षा मंत्री, गीता भुक्कल, हरियाणा।
वित्त विभाग कह रहा है कि पैसा हम ई पेमेंट के माध्यम से ही देंगे। हमारी यह मांग है कि पहले की तरह पैसा दिया जाए। प्रत्येक स्कूल में न तो इंटरनेट है और न ही बच्चों का एकाउंट बनाने के लिए कंप्यूटर टीचर।
-कुलभूषण शर्मा, प्रधान, हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ।
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