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हिसार
प्रो. संपत सिंह की विधानसभा सत्र में की गई एक सिफारिश शिक्षकों पर भारी पड़ रही है। भले ही प्रो. साहब की इस सिफारिश के पीछे का मकसद शिक्षा के स्तर में और सुधार लाना था। मगर एक बार शिक्षकों को उनकी इस सिफारिश का खामियाजा ट्रांसफर के रूप में भुगतना पड़ सकता है। शिक्षकों ने भी सरकार व विभाग की एक ही कैंपस में स्थापित लड़कों व लड़कियों के अलग अलग प्राइमरी स्कूलों को एक ही करने के फैसले का विरोध किया है। प्राथमिक शिक्षक संघ का कहना है कि अगर विभाग को इस योजना को लागू ही करना है, तो इसे कुछ बदलाव के साथ लागू किया जाए, अन्यथा संघ इसके विरोध में धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होगा।
यह है मामला
विधायक संपत सिंह ने विधानसभा में यह मामला उठाया था कि जगह जगह सरकारी स्कूल खुले हुए है। किसी स्कूल में विद्यार्थी कम है, तो कही शिक्षकों की संख्या कम है। विधायक ने सिफारिश की थी कि जहां छात्र संख्या कम व शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, उन स्कूलों को अन्य स्कूलों के साथ मिला दिया जाए। उधर इस सिफारिश के बाद विभाग ने उन सभी जीपीएस व जीजीपीएस स्कूलों को आपस में मिलाने का फैसला किया, जो एक ही कैंपस में स्थित है। विभाग के इस फैसले का नुकसान शिक्षकों को उठाना पड़ रहा है। शिक्षकों के मुताबिक इस फैसले के लागू होने से कई स्कूलों में शिक्षक सरप्लस हो रहे हैं। इस स्थिति में उनकी ट्रांसफर होना तय है। शिक्षकों का कहना है कि विभाग एक ही कैंपस में स्थित सभी स्कूलों को आपस में न मिलाए, बल्कि सिर्फ उन्हीं स्कूलों का आपस में मिलाए, जहां छात्रों की संख्या कम है।
फैसले के असर को इस तरह समझें
मान लीजिए विभाग के मुताबिक 360 छात्रों पर 9 शिक्षकों का प्रावधान है। उधर एक गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल व एक गवर्नमेंट गल्र्स प्राइमरी स्कूल है। गवर्नमेंट प्राइमरी में 160 छात्र व 5 शिक्षक है। इसके अलावा गवर्नमेंट गल्र्स प्राइमरी स्कूल में 199 छात्राएं व 5 शिक्षक है। मगर जब दोनों स्कूलों को समायोजित किया जाएगा, तो छात्रों की संख्या 359 बनेगी, जिससे एक शिक्षक सरप्लस हो जाएगा और उसकी किसी दूसरी जगह ट्रांसफर कर दी जाएगी।
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