आदर्श आचार संहिता लागू शिक्षक भर्ती बोर्ड व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कई भर्तियों के रिजल्ट तीन माह के लिए रुक गए हैं


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लोकसभा चुनाव आते देख हरकत में आई प्रदेश सरकार आदर्श आचार संहिता लागू होने तक कई बड़े फैसले नहीं कर पाई। शिक्षक भर्ती बोर्ड व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कई भर्तियों के रिजल्ट तीन माह के लिए रुक गए हैं। अब नई लोकसभा के गठन के बाद ही रिजल्ट आ पाएंगे।
युवाओं को उम्मीद थी कि आचार संहिता लगने से पहले भर्तियों के रिजल्ट आ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पटवारी व शिक्षक की भर्तियों के इंटरव्यू एक साल पहले हुए थे। उनके रिजल्ट भी नहीं निकाला। पात्र अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा, जसवीर गुर्जर व मजेंद्र राविश ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों भी कमी है। इसके बावजूद रिजल्ट निकालने में जानबूझकर देरी की गई। पीजीटी भर्ती के लिए वर्ष 2012 में आवेदन मांगे थे। जनवरी 2013 में इंटरव्यू हो चुके हैं।
पीजीटी संस्कृत, बायोलॉजी, फिजिकल एजूकेशन और जेबीटी के इंटरव्यू एक साल पहले हुए थे। लेकिन अभी तक रिजल्ट नहीं निकाला है। जबकि कई विषयों का रिजल्ट जारी कर उन्हें ज्वाइन भी करवा दिया है।
इन भर्तियों का रुका रिजल्ट
पटवारी 1007
पीजीटी संस्कृत 1590
फिजिकल एजुकेशन 450
बायोलॉजी 687
एफपीए 262
जेबीटी 9870
प्रदेश सरकार ने 27 फरवरी को सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। तीन साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को इसका लाभ मिलना था। कैथल के बिजली निगम, पब्लिक हेल्थ, स्वास्थ्य विभाग, आईटीआई, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, बोर्ड और निगमों में कार्यरत कैथल के करीब तीन कर्मचारियों को फायदा होना था। लेकिन सरकार ने घोषणा के एक सप्ताह बाद तक इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया। कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने का मामला अधर में लटक गया। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव से उन्हें नियमित होने का तोहफा मिल जाएगा। लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। जबकि सरकार के पास के पास पांच से छह दिन का समय था। गेस्ट अध्यापकों ने 15 दिन तक दिल्ली जंतर-मंत्र पर भूख हड़ताल की। सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने खुद जूस पिलाकर उनकी भूख हड़ताल समाप्त करवाई। लेकिन उन्हें भी सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला। गेस्ट अध्यापकों को उम्मीद थी कि उन्हें सामान काम सामान वेतन का तोहफा मिलेगा। लेकिन आचार संहिता लगने से उनकी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया।
नोटिफिकेशन अटका, इंतजार में तीन हजार कर्मचारी
एक साल पहले हुआ साक्षात्कार, अब रिजल्ट का इंतजार
विक्रम, सत्यनारायण व महीपाल ने बताया कि उनके इंटरव्यू एक साल पहले हुआ था। पटवारी की भर्ती प्रक्रिया के लिए इंटरव्यू एक वर्ष पहले हुआ था। लेकिन इसका परिणाम आज तक नहीं आया है। हजारों युवक रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। एफपीए की भर्ती के लिए तीन वर्ष पहले टेस्ट लिया था। लेकिन आज तक इसका परिणाम नहीं निकाला है। असिस्टेंट सहायक फिल्ड ऑफिसर के लिए भी दो वर्ष पहले आवेदन मांगे थे। लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं आया है। बिजली निगम में लाइनमैन व लिपिक के लिए एक वर्ष पहले आवेदन मांगे थे। इनका अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने का नहीं हुआ नोटिफिकेशन 

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