अब विद्यार्थी किसी की मेहरबानी नहीं बल्कि अपनी मेहनत से ही परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे।


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रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने ए-ग्रेड की तर्ज पर कार्य करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि अब विद्यार्थी किसी की मेहरबानी नहीं बल्कि अपनी मेहनत से ही परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे। इससे, पहले इंटरनल असेसमेंट (आंतरिक मूल्यांकन) और थ्योरी में मिलाकर निर्धारित 40 अंक हासिल करने होते थे, बेशक, थ्योरी में फेल ही क्यों न हो। लेकिन अब इंटरनल असेसमेंट के अंक तभी काम आएंगे, जब थ्योरी में निर्धारित अंक लेकर उत्तीण होंगे। 1मदवि के नियमों के अनुसार परीक्षा में उत्तीर्ण होना बड़ा ही आसान था। विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए इंटरनल और थ्योरी को मिलाकर कुल 40 अंक हासिल करने होते हैं। नियम ऐसा था कि चाहे थ्योरी में फेल हो, लेकिन इंटरनल असेसमेंट के अंक शामिल करने के बाद विद्यार्थी के 40 फीसद अंक हो गए तो उसे उत्तीर्ण कर दिया जाता था। 1इससे विवि के शिक्षकों की मेहरबानी खास रुप से रहती थी। अगर किसी शिक्षक के पास कोई सिफारिश आ जाती तो उसके असेसमेंट में अधिक अंक दे दिए जाते थे, जबकि मेहनती विद्यार्थियों को अधिक अंक नहीं मिल पाते थे। इतना ही नहीं असेसमेंट के अंक से मेरिट में भी इजाफा होता था। 1जागरण संवाददाता, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय ने ए-ग्रेड की तर्ज पर कार्य करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि अब विद्यार्थी किसी की मेहरबानी नहीं बल्कि अपनी मेहनत से ही परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे। इससे, पहले इंटरनल असेसमेंट (आंतरिक मूल्यांकन) और थ्योरी में मिलाकर निर्धारित 40 अंक हासिल करने होते थे, बेशक, थ्योरी में फेल ही क्यों न हो। लेकिन अब इंटरनल असेसमेंट के अंक तभी काम आएंगे, जब थ्योरी में निर्धारित अंक लेकर उत्तीण होंगे। 1मदवि के नियमों के अनुसार परीक्षा में उत्तीर्ण होना बड़ा ही आसान था। विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने के लिए इंटरनल और थ्योरी को मिलाकर कुल 40 अंक हासिल करने होते हैं। नियम ऐसा था कि चाहे थ्योरी में फेल हो, लेकिन इंटरनल असेसमेंट के अंक शामिल करने के बाद विद्यार्थी के 40 फीसद अंक हो गए तो उसे उत्तीर्ण कर दिया जाता था। 1इससे विवि के शिक्षकों की मेहरबानी खास रुप से रहती थी। अगर किसी शिक्षक के पास कोई सिफारिश आ जाती तो उसके असेसमेंट में अधिक अंक दे दिए जाते थे, जबकि मेहनती विद्यार्थियों को अधिक अंक नहीं मिल पाते थे। इतना ही नहीं असेसमेंट के अंक से मेरिट में भी इजाफा होता था। 

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