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हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ का सम्मेलन जोर शोर से भिवानी में शुरू
जिले के 200 शिक्षक सम्मेलन में, प्रशासन बोला, एक भी नहीं गैरहाजिर
स्कूलों में चल रहे स्वच्छता अभियान और प्रशासन को धता बताकर
प्रदेश भर से करीब 600 शिक्षकों ने राज्यस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया
प्रदेश भर से करीब 600 शिक्षकों ने राज्यस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया
हरियाणाविद्यालय अध्यापक संघ का तीन दिवसीय 21वां सम्मेलन
शुक्रवार को राधा स्वामी सत्संग भवन में शुरू हो गया। इसमें प्रदेश के
600 से ज्यादा अध्यापक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
वहीं जिले के लगभग 200 संघ प्रतिनिधि और अन्य अध्यापकों ने
हिस्सा लिया।
दूसरी ओर प्रशासन का दावा है कि जिले का कोई अध्यापक स्कूल
का काम छोड़कर इस प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ।
अध्यापकों के इस सम्मेलन को लेकर चार नवंबर को उस समय टकराव
पैदा हो गया था जब जिला शिक्षा अधिकारी निर्मल श्योराण
ने अपने तीन नवंबर के फैसले को वापस लेते हुए जिले के
सरकारी स्कूलों को सात नवंबर को खुला रखने के आदेश दिए थे। उन्होंने
इस मामले में गुरुवार को भी यह कहा था कि अगर इस सम्मेलन में जिले
का कोई अध्यापक शामिल होगा तो वह गलत है।
इसलिए इस सम्मेलन में शामिल होने देने के लिए वे जिले के
सभी जिला खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे चुकी हैं। उन
निर्देशों में उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि शुक्रवार को जिले के
सभी सरकारी स्कूल खुले रहने के अलावा उनमें सभी अध्यापकों को आ।
ना जरूरी है। इसका कारण उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर एक नवंबर से चल रहे
स्वच्छता अभियान का शुक्रवार को समापन बताया था। इसलिए इस
कार्यक्रम के समापन पर सभी सरकारी स्कूलों में
सभी अध्यापकों का हाजिर होना जरूरी था।
दूसरी ओर अध्यापक संघ ने प्रशासन को यह चेतावनी दे दी थी कि वे
इस सम्मेलन के पहले दिन स्कूलों की छुट्टी मानकर इसमें शामिल होंगे।
इसमें वे किसी तरह का फेरबदल नहीं कर सकते। इसी कड़ी में शुक्रवार
को राधा स्वामी सत्संग भवन में शिक्षकों का यह सम्मेलन अपने तय
समय दोपहर एक बजे शुरू हो गया। मगर इसमें सबसे पहले और सबसे
ज्यादा अध्यापक भिवानी जिले के ही थे। इसका एक कारण यह
भी था कि जब सम्मेलन यहां हो तो उसकी तैयारियों का काम
भी इसी जिले के अध्यापकों द्वारा किया जाना था। सम्मेलन में
वैसे तो प्रदेश भर के लगभग 600 अध्यापक प्रतिनिधियों ने
हिस्सा लिया। वहीं जिले से इस सम्मेलन में 200 अध्यापक शामिल
हुए।
शुक्रवार को राधा स्वामी सत्संग भवन में शुरू हो गया। इसमें प्रदेश के
600 से ज्यादा अध्यापक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
वहीं जिले के लगभग 200 संघ प्रतिनिधि और अन्य अध्यापकों ने
हिस्सा लिया।
दूसरी ओर प्रशासन का दावा है कि जिले का कोई अध्यापक स्कूल
का काम छोड़कर इस प्रतिनिधि सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ।
अध्यापकों के इस सम्मेलन को लेकर चार नवंबर को उस समय टकराव
पैदा हो गया था जब जिला शिक्षा अधिकारी निर्मल श्योराण
ने अपने तीन नवंबर के फैसले को वापस लेते हुए जिले के
सरकारी स्कूलों को सात नवंबर को खुला रखने के आदेश दिए थे। उन्होंने
इस मामले में गुरुवार को भी यह कहा था कि अगर इस सम्मेलन में जिले
का कोई अध्यापक शामिल होगा तो वह गलत है।
इसलिए इस सम्मेलन में शामिल होने देने के लिए वे जिले के
सभी जिला खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे चुकी हैं। उन
निर्देशों में उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि शुक्रवार को जिले के
सभी सरकारी स्कूल खुले रहने के अलावा उनमें सभी अध्यापकों को आ।
ना जरूरी है। इसका कारण उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर एक नवंबर से चल रहे
स्वच्छता अभियान का शुक्रवार को समापन बताया था। इसलिए इस
कार्यक्रम के समापन पर सभी सरकारी स्कूलों में
सभी अध्यापकों का हाजिर होना जरूरी था।
दूसरी ओर अध्यापक संघ ने प्रशासन को यह चेतावनी दे दी थी कि वे
इस सम्मेलन के पहले दिन स्कूलों की छुट्टी मानकर इसमें शामिल होंगे।
इसमें वे किसी तरह का फेरबदल नहीं कर सकते। इसी कड़ी में शुक्रवार
को राधा स्वामी सत्संग भवन में शिक्षकों का यह सम्मेलन अपने तय
समय दोपहर एक बजे शुरू हो गया। मगर इसमें सबसे पहले और सबसे
ज्यादा अध्यापक भिवानी जिले के ही थे। इसका एक कारण यह
भी था कि जब सम्मेलन यहां हो तो उसकी तैयारियों का काम
भी इसी जिले के अध्यापकों द्वारा किया जाना था। सम्मेलन में
वैसे तो प्रदेश भर के लगभग 600 अध्यापक प्रतिनिधियों ने
हिस्सा लिया। वहीं जिले से इस सम्मेलन में 200 अध्यापक शामिल
हुए।
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