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जेबीटी टीचरों को हटाने पर रोक जारी ।
हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
चौटाला सरकार के समय प्रदेश में भर्ती किए गए 3206 प्राथमिक टीचरों के मामले में सरकार द्वारा कोई कदम न उठाने पर अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला करने का निर्णय लिया है। कार्यवाहक चीफ जस्टिस एसजे वजीफदार व जस्टिस एजी मसीह की खंडपीठ ने शिक्षकों को नौकरी से हटाने पर रोक फिलहाल जारी रखते हुए प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
एकल जज के फैसले के खिलाफ खंडपीठ के समक्ष अपील दायर की गई थी। एकल जज ने इन सभी शिक्षकों को नौकरी से हटाने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने याचिका पर हरियाणा सरकार को फैसला लेने को कहा था। इसके बाद से ही लगातार मामला लटक रहा था।
हरियाणा सरकार की तरफ से बार बार समय दिए जाने की मांग की गई। एक साल बीत जाने पर भी कोई फैसला न लेने पर सोमवार को खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने इससे पहले सरकार से पूछा था कि 13 वर्ष से काम कर रहे इन शिक्षकों के लिए हरियाणा सरकार क्या कर सकती है। सरकार की तरफ से समय दिए जाने की मांग बार बार करने पर हाईकोर्ट ने अब दोबारा सुनवाई का फैसला लिया है।
चौटाला को इसी मामले में हुई है जेल
चौटाला शासन में हुई इस भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली पाई गई थी। जांच की गई और बाद में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को दिल्ली कोर्ट ने सजा भी सुनाई थी। इसके बाद हाईकोर्ट में जस्टिस के कानन ने अहम फैसला सुनाते हुए इन शिक्षकों की सेवाओं को समाप्त करने का आदेश दिया था। इन आदेशों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इन शिक्षकों की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि उन्हें नौकरी में बने रहने दिया जाए। उम्मीदवारों के स्तर पर भर्ती में अनियमितताओं की कोई शिकायत नहीं है।
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