www.teacherharyana.blogspot.com (Recruitment , vacancy , job , news) www.facebook.com/teacherharyana
प्रदेश सरकार ने भंग किया अल्पसंख्यक आयोग
प्रदेश सरकार ने भंग किया अल्पसंख्यक आयोग
चंडीगढ़|प्रदेश सरकारद्वारा अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन और सदस्यों को हटाए जाने के फैसले के बाद शुक्रवार को सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जानकारी दी कि दो मार्च को अधिसूचना जारी कर आयोग को भंग कर दिया गया है। इसके बाद जस्टिस सतीश कुमार मित्तल जस्टिस एचएस सिद्धू की खंडपीठ ने इस संबंध में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया।
आयोग के चेयरमैन तरलोचन सिंह सदस्य हरभजन सिंह की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि सरकार ने राजनीतिक रंजिश के चलते उन्हें पदों से हटाने का फैसला लिया है। ऐसे में सरकार के फैसले को खारिज किया जाए। इससे पहले भी तरलोचन सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे संशोधित करने के लिए वापस ले लिया था। अब दोबारा याचिका दायर कर सरकार के फैसले को खारिज करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि सरकार ने बिना कोई कारण दिए आयोग के सदस्यों और चेयरमैन को हटाने का फैसला ले लिया। हटाने से पहले तो उन्हें कोई कारण बताया गया और ही नोटिस दिया गया। आयोग का गठन करते हुए इसके लिए नियम निर्धारित किए गए थे। नियमों में इन बात को स्पष्ट किया गया था कि किन स्थितियों में सदस्यों और चेयरमैन को हटाया जा सकता है। बावजूद इसके नई सरकार ने नोटिफिकेशन कर सदस्यों और चेयरमैन को हटाने का फैसला कर लिया, जबकि आयोग को भंग नहीं किया गया। सरकार ने कोर्ट में जानकारी दी कि हरियाणा में आयोग की जरूरत नहीं है, लिहाजा इसे भंग करने की अधिसूचना 2 मार्च को जारी कर दी गई है।
आयोग के चेयरमैन तरलोचन सिंह सदस्य हरभजन सिंह की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि सरकार ने राजनीतिक रंजिश के चलते उन्हें पदों से हटाने का फैसला लिया है। ऐसे में सरकार के फैसले को खारिज किया जाए। इससे पहले भी तरलोचन सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे संशोधित करने के लिए वापस ले लिया था। अब दोबारा याचिका दायर कर सरकार के फैसले को खारिज करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि सरकार ने बिना कोई कारण दिए आयोग के सदस्यों और चेयरमैन को हटाने का फैसला ले लिया। हटाने से पहले तो उन्हें कोई कारण बताया गया और ही नोटिस दिया गया। आयोग का गठन करते हुए इसके लिए नियम निर्धारित किए गए थे। नियमों में इन बात को स्पष्ट किया गया था कि किन स्थितियों में सदस्यों और चेयरमैन को हटाया जा सकता है। बावजूद इसके नई सरकार ने नोटिफिकेशन कर सदस्यों और चेयरमैन को हटाने का फैसला कर लिया, जबकि आयोग को भंग नहीं किया गया। सरकार ने कोर्ट में जानकारी दी कि हरियाणा में आयोग की जरूरत नहीं है, लिहाजा इसे भंग करने की अधिसूचना 2 मार्च को जारी कर दी गई है।
No comments:
Post a Comment
thanks for your valuable comment