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गेस्ट टीचर्स पर 45 दिन में कार्रवाई
डॉ. सुरेंद्र धीमान. चंडीगढ़
एजी ने हाईकोर्ट में दी जानकारी
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जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने कहा कि एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने पहले ही 11 मई को इस अदालत में स्टेटमेंट देकर पीजीटी और टीजीटी टीचर्स की भर्ती के लिए जो शेड्यूल दिया था, उसके अनुसार विज्ञापन जारी होगा और उसी के अनुसार ये पद भरे जाएंगे। इसलिए इस बाबत आगामी निर्देश जारी करने की जरूरत नहीं है।
सरप्लस सिर्फ 3581
केस की 29 मई को सुनवाई के समय तीन सरकारी वकीलों समेत कुल 29 वकीलों ने अदालत में पैरवी की थी। एडवोकेट जनरल ने खंडपीठ को जानकारी दी थी कि जिन सरप्लस गेस्ट टीचर्स को सार्वजनिक नोटिस जारी किया था, उनमें से 3581 ने जवाब दिए थे जबकि 28 ने जवाब नहीं दिए थे और कुछ ने या तो इस्तीफा दे दिया था या उनकी मौत हो चुकी थी। इसलिए सरप्लस तो सिर्फ 3581 हैं।
सरप्लस गेस्ट टीचर्स की नौकरी जाएगी या नहीं, इस पर सीएम मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और गेस्ट टीचर्स के प्रतिनिधियों में मंथन चल रहा है। एडवोकेट जनरल (एजी) बीआर महाजन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बताया कि कि सरप्लस 3581 गेस्ट टीचर्स पर 45 दिन के भीतर कार्रवाई करेंगे। यह कार्रवाई कानून के अनुसार होगी।
गेस्ट टीचर्स के प्रतिनिधियों राजेंद्र शास्त्री, सुखजिंदर सिंह व शशि भूषण ने सेकेंडरी और मौलिक शिक्षा निदेशकों से कहा है कि जिन गेस्ट टीचर्स को सरप्लस बताया गया है, वे वास्तव में नहीं हैं। उन्होंने मिडल, मैट्रिक और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या के अनुसार टीजीटी टीचर्स के पदों की संख्या दोबारा से गणना करने की मांग की है। जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ का आदेश अब सार्वजनिक हो गया है। खंडपीठ ने अंतरिम आदेश में कहा है कि जैसा एडवोकेट जनरल ने कहा है कि 45 दिन के भीतर कानून के अनुसार कार्रवाई कर देंगे। इसलिए यह स्पष्ट किया जाता है कि अगर सरकार इस पीरियड (45 दिन) के भीतर कोई निर्णय नहीं करती है या नियमों से पीछे हटती
है, अदालत को नियमानुसार कार्रवाई करने पर मजबूर नहीं करेगी। एडवोकेट जनरल के बयान के बाद अदालत ने कहा कि सरप्लस स्टाफ की सेवाओं के बारे, किस स्कूल में गेस्ट टीचर की जरूरत है या कोई स्कूल बंद न हो, के बारे में पता लगाने के लिए हरियाणा सरकार को छूट दे दी है। खंडपीठ ने कहा कि इस अदालत से कोई आदेश लेने की भी प्रदेश सरकार को छूट दी जाती है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 45 दिन के बजाय 37 दिन बाद 6 जुलाई तय की है।
अदालत ने प्रदेश सरकार को आदेश लेने की अनुमति दी
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