गेस्ट टीचर्स ने 26 दिन से रोका है मेरे घर का रास्ता: शिक्षा मंत्री, इंटर्नशिप

गेस्ट टीचर्स ने 26 दिन से रोका है मेरे घर का रास्ता: शिक्षा मंत्री

चंडीगढ़। हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा का कहना है कि महेंद्रगढ़ में सरप्लस टीचरों ने बीते 26 दिन से धरना देकर उनके घर का रास्ता रोक रखा है। यह बात उन्होंने बुधवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ बातचीत में कही। उन्होंने
कहा कि प्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार को विपक्षी दल हजम नहीं कर पा रहे हैं। अतिथि अध्यापकों जैसे मुद्दे पिछली सरकार हमें विरासत में देकर गई है। बावजूद इसके वर्तमान सरकार ने पिछले आठ महीने के कार्यकाल के दौरान नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को लोगों ने जनादेश दिया है। हम इस जनादेश की अवज्ञा नहीं होने देंगे और जनसेवक बन कर सेवा करेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि गेस्ट टीचरों के साथ आज भी सरकार की पूरी सहानुभूति है। बातचीत के जरिए इस समस्या का समाधान करने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए उच्चाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। कहा कि न्यायालय के आदेशों की अनुपालना करना
सबका दायित्व है। अतिथि अध्यापकों को भी  अपना दायित्व समझना चाहिए। हाईकोर्ट ने भी कहा है कि अगर अतिथि अध्यापकों के लिए इस प्रकार की छूट देने के प्रावधान किए गए हैं तो धरने पर बैठने का क्या औचित्य है। संविधान से ऊपर कोई नहीं है। अतिथि अध्यापकों की समस्या पिछलीकांग्रेस सरकार की देन है।   हमने गेस्ट टीचरों के बचाव की कोशिश की
शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के समय शिक्षा विभाग की ओर से साल 2012 में 4079 गेस्ट टीचरों को सरप्लस बताते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हलफनामा दिया था। जबकि हमारी सरकार की ओर से 11 मई, 2015 को मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने न्यायालय में पीजीटी अध्यापकों के रिक्त पदों पर अतिथि अध्यापकों को पदोन्नति के माध्यम से समायोजित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया। साथ ही 24 घंटे में सरप्लस गेस्ट टीचरों को हटाने के आदेश दिए। कहा कि बड़े पैमाने पर अध्यापकों के पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए हैं। गेस्ट टीचरों को इन पदों के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट के साथ-साथ आठ अंक उनके अनुभव के अनुसार देने का भी निर्णय लिया गया है। सरस्वती विकास बोर्ड का गठन जल्द रामबिलास शर्मा ने बताया कि सरस्वती नदी के उद्गम स्थल की खोज की गई है। सरस्वती हमारी संस्कृति, श्रद्धा व विश्वास की प्रतीक है। उन्होंने  बताया कि शीघ्र ही सरस्वती विकास बोर्ड का गठन किया जाएगा। सरस्वती नदी का प्रवाह स्थल यमुनानगर, कुरुक्षेत्र से लेकर राजस्थान में बाड़मेर व जैसलमेर तक पाया गया है, जिसे इसरो व नासा ने भी प्रमाणित किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से तीन अंतरराष्ट्रीय पर्यटक सर्किट घोषित किए गए हैं, जिनमें रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट और कृष्णा सर्किट शामिल हैं। आने वाले समय में धर्मनगरी कुरुक्षेत्र को दिव्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा
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भिवानी:जेबीटी की कोर्स अवधि घटाने व इंटर्नशिप खत्म करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे छात्र
छात्रों पर बरसाई लाठियां

अमर उजाला ब्यूरो
भिवानी। डीएड, जेबीटी की कोर्स अवधि घटाने और इंटर्नशिप खत्म करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों पर बुधवार को पुलिस ने लाठियां बरसाईं। लाठीचार्ज से भगदड़ मच गई। पुलिस ने हंगामे के आरोप में एसएफआई के राज्य महासचिव समेत पांच को हिरासत में ले लिया है। पुलिस की इस कार्रवाई पर छात्र संगठन ने आक्रोश जताया है। चेतावनी दी है कि साथियों को शीघ्र रिहा नहीं किया तो बड़ा आंदोलन छेड़ने को बाध्य होंगे।
डीएड, जेबीटी कोर्स की अवधि को तीन वर्ष की बजाए दो वर्ष करने और इंटर्नशिप खत्म करने की मांग को लेकर स्टूडेंट लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। बीते 9 जून को भी शहर में प्रदर्शन कर शिक्षा बोर्ड अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था। बुधवार को दोबारा प्रदेश भर से जेबीटी, डीएड स्टूडेंट नेहरू पार्क में एकत्रित हुए। यहां से छात्र-छात्रा जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए शिक्षा बोर्ड कार्यालय पहुंचे। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को अंदर जाने से रोका तो वह गेट के सामने ही धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह बोर्ड सचिव को ही ज्ञापन देंगे और ठोस आश्वासन लेकर लौटेंगे। बोर्ड सचिव की अनुपस्थिति में पहुंचे अन्य अधिकारियों को ज्ञापन देने से इनकार कर दिया। इस दौरान गेट के अंदर घुसने को लेकर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से तीखी झड़प भी हुई। स्थिति नियंत्रण में न होता देख पुलिस ने लाठियां भांजनी शुरू कर दी। इससे भगदड़ मच गई। पुलिस ने तीन छात्राओं समेत आठ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। बाद में छात्राओं को रिहा कर दिया।
एसएफआई के प्रदेश महासचिव समेत पांच छात्र हिरासत में, भड़के छात्र संगठन
डेढ़ घंटे तक फंसे रहे छात्र-कर्मचारी
एसएफआई के नेतृत्व में जुलूस लेकर जेबीटी छात्र-छात्रा दोपहर 12.40 बजे बोर्ड कार्यालय के मुख्य गेट सामने एकत्रित होकर धरने पर बैठ गए। इससे आवागमन बंद हो गया। इस बीच दोपहर बोर्ड परिसर में संचालित सर्वपल्ली राधाकृष्णन स्कूल की भी छुट्टी हो गई। लंच होने पर कर्मचारी भी बाहर निकलने को छटपटाने लगे। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को हटाते हुए गेट खुलवाने की काफी कोशिशें भी की, मगर बात नहीं बनी। कोई रास्ता न देख लाठियां भांजकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। तब जाकर बोर्ड का गेट खुल पाया।

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