आंदोलनरत शिक्षकों को कोई रियायत मिलती नजर नहीं आ रही

आंदोलनरत शिक्षकों को कोई रियायत मिलती नजर नहीं आ रही 

रामबिलास ने अतिथियों को याद दिलाया संविधान
चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों से हटाए गए गेस्ट की नौकरी बचाने के लिए आंदोलनरत शिक्षकों को कोई रियायत मिलती नजर नहीं आ रही है। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने साफ कर दिया है कि संविधान से ऊपर कोई नहीं है। सरकार ने नई भर्ती में गेस्ट को अनेक छूट दी है तो फिर धरना देने का कोई औचित्य नहीं। अदालत ने भी कहा है कि अगर अतिथि अध्यापकों को नियमित भर्ती में छूट के प्रावधान किए गए हैं तो धरने पर नहीं
शर्मा ने कहा कि पूर्व सरकार ने दस वर्ष के कार्यकाल में नियमित भर्ती की ही नहीं। इससे ये समस्या उत्पन्न हुई है। अतिथि अध्यापकों के साथ सरकार की पूरी सहानुभूति है। मामले के समाधान के लिए उच्च अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। न्यायालय के आदेशों की अनुपालना करना सब का दायित्व है।
प्रो. रामबिलास ने कहा कि भाजपा सरकार 9883 पीजीटी/टीजीटी अध्यापकों के पद भरने जा रही है। गेस्ट को इसमें भाग लेना चाहिए। उनके लिए अनुभव के आधार पर आठ अंक व आयु में पांच वर्ष की छूट दी गई है।

आंदोलन के वातावरण के लिए सरकार जिम्मेदार : किरण


कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने प्रदेश में कर्मचारियों के आंदोलनों के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं की मांगें स्वीकार न करने की भी कड़ी आलोचना की है। किरण ने कहा कि सरकार आशा कर्मियों से कांगे्रस सरकार में दिए लाभ भी वापस ले रही है। इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।
आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन के रूप में 500 रुपये प्रतिमाह व हर डिलिवरी के पारिश्रमिक को देखते हुए 50 प्रतिशत वेतन वृद्धि की जाती थी। भाजपा सरकार ने ये सुविधाएं वापस ले ली हैं। किरण ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से गेस्ट टीचर्स को पक्का करने व नौकरी बहाली के साथ ही कंप्यूटर टीचर्स का अनुबंध बढ़ाने की मांग की है
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गेस्ट के लिए समैण के तीन स्कूलों को ताला लगाने वालों के खिलाफ केस दर्ज
सदर पुलिस ने मंगलवार को गांव समैण के तीन स्कूलों को ताला लगाने वाले करीब पचास साठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने गांव समैण निवासी धर्मपाल शेरे गिल की शिकायत पर अज्ञात करीब पचास साठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
पुलिस को दी शिकायत में धर्मपाल शेरे गिल ने बताया कि स्कूल को बंद करने से जहां बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है वहीं सरकारी काम में बाधा भी पहुंचती है। इसके अलावा तालालगाने वालों द्वारा धमकी दी कि यदि किसी ने स्कूल खुलवाने या अंदर जाने का प्रयास किया तो जान से मार देंगे। थाना प्रभारी ओमप्रकाश ने बताया कि शिकायत पर मामला दर्ज जांच शुरू कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को अनेक ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार द्वारा गेस्ट टीचरों को हटाए जाने के विरोध में गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक, मिडल प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को बाहर निकालकर स्कूलों को ताला लगा दिया था। उसके बाद धर्मपाल ने पुलिस को शिकायत देकर ताला लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है
अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बडा झटका
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने स्थायी मान्यता की मांग कर रहे अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को करारा झटका दिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने मात्र उन अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों को एक वर्ष की मोहलत दी है, जिनकी स्थायी मान्यता की फाइल जिला स्तरीय समितियों के पास लंबित है। बाकी अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों के अस्तित्व पर सरकार के फैसले से संकट के बादल मंडराना शुरू हो गए हैं। शिक्षा विभाग ने बकायदा बुधवार को इसका पत्र भी जारी किया है।
प्रदेश के सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में 3200 अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों में से एक भी स्कूल का नाम शामिल नहीं है। विभाग के इस निर्णय से निजी स्कूल संघ आग बबूला है। वीरवार को प्रदेश भर के प्राइवेट स्कूल संचालकों ने शिक्षा सदन के घेराव का निर्णय लिया है। चूंकि 32 सौ अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों में दस लाख से अधिक बच्चों ने दाखिला ले रखा है। इन्हें स्थायी मान्यता के लिए एक वर्ष की छूट न मिलने पर बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
केवल इन स्कूलों को मिली छूट
. अंबाला-17
. भिवानी-32
. फरीदाबाद- 56
. फतेहाबाद-6
. गुड़गाव-100
. हिसार-9
. झज्जार-74
. जींद- 64
. करनाल-151
. कैथल- 109
. कुरुक्षेत्र-35
. महेद्रगढ-8
. मेवात-2
. पंचकूला-6
. पलवल-135
. पानीपत-163
. रेवाड़ी-36
. रोहतक-130
. सिरसा-17
. सोनीपत-21
. यमुनानगर-33
सरकार ने नहीं माना तो बड़ा आंदोलन
निजी स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधिमंडल को अस्थायी स्कूलों को एक साल छूट देने का आश्वासन दिया था। लेकिन विभाग ने मात्र 1206 ऐसे स्कूलों को छूट दी है, जिनकी फाइल विभाग के पास लंबित है। सरकार ने अगर उनकी मांग नहीं मानी तो वे बच्चों सहित सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
अगले सत्र से नहीं चलेंगे अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल
हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि पहली अप्रैल 2016 से शुरू होने वाले आगामी शैक्षणिक सत्र में अमान्यता प्राप्त स्कूल को चलाने की अनुमति नहीं होगी। नियमों के विरुद्ध कार्य करने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस सत्र में सिर्फ 1206 अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक वर्ष का समय दिया गया है। इन्होंने स्थायी मान्यता के लिए आवेदन किया हुआ है

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