वेटिंग सूची के उम्मीदवारों ने खाली पदों पर जताया अपना हक -चयनित 9455 जेबीटी शिक्षक


वेटिंग सूची के उम्मीदवारों ने खाली पदों पर जताया अपना हक.

जागरण संवाददाता, जींद : सरकार द्वारा चयनित 9455 जेबीटी शिक्षकों की जारी मेरिट सूची की वेटग सूची में शामिल
उम्मीदवारों की रविवार को जींद की जाट धर्मशाला में सुंदर रूंडला की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में सरकार की ओर से चयनित उम्मीदवारों के अलावा जेबीटी के रिक्त पद होने की स्थिति में वेटिंग सूची के उम्मीदवारो को वे¨टग सूची से निकालकर मुख्य सूची में शामिल करने व चयनित उम्मीदवारों की तर्ज पर वे¨टग सूची के उम्मीदवारों को भी 31 जुलाई तक ज्वाइ¨नग देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार ने चयनित उम्मीदवारों के साथ वे¨टग सूची में शामिल उम्मीदवारों के
भी अंगूठी की जांच करवा चुकी है। जब सरकार स्वयं चयनित उम्मीदवारों के अतिरिक्त खाली सीटें होने की बात स्वीकार कर
रही है तो खाली सीटों पर सबसे पहला हक वे¨टग सूची में शामिल उम्मीदवारों का ही बनता है व सरकार को ऐसे सभी उम्मीदवारोंको वे¨टग सूची से निकालकर मुख्य सूची में शामिल कर उन्हें भी निर्धारित अवधि में ज्वाइ¨नग देनी चाहिये।
इससे न केवल सरकार द्वारा खर्च किये धन का सदुपयोग हो सकेगा, बल्कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा। बैठक को महिला ¨वग की प्रधान मीनाक्षी सचदेवा ने भी संबोधित करते हुए सरकार से रिक्त पदों के अनुसार वे¨टग सूची में शामिल जेबीटी शिक्षकों को वे¨टग सूची से निकालकर मुख्य सूची में शामिल कर ज्वाइ¨नग देने की मांग की। इस मौके पर राजीव, दीपक कुमार, भीम ¨सह, सुशीला, सोनिया, ममता, मीनाक्षी मलिक, बबीता देवी, सुमन, पूनम, अरूण, बलराज, सुशीला देवी आदि मौजूद थे।

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मुफ्त दाखिले चाह रहे बच्चों पर बहाना बना रहे अफसर.

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : निजी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में तीन लाख सीटों के प्रावधान के बावजूद पहली से 12वीं कक्षा के मात्र 85 हजार छात्र-छात्राओं ने मुफ्त दाखिले चाहे हैं। कक्षा नौ से 12 तक के 20 हजार विद्यार्थियों को तो प्राइवेट स्कूलों में दाखिले मिल गए, लेकिन कक्षा एक से आठ तक के 65 हजार विद्यार्थियों की फीस के भुगतान पर पेंच फंस गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 15 जुलाई तक इन विद्यार्थियों को हर हाल में दाखिले देने के आदेश से उनका साल बर्बाद होने से बचने की उम्मीद बंधी है। हाई कोर्ट ने पात्र बच्चों को दाखिले नहीं देने पर 17 जुलाई को सेकेंडरी शिक्षा महानिदेशक को अवमानना के मामले में स्वयं अदालत में पेश होने को कहा है। हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 2000 की धारा 134-ए के तहत गरीब विद्यार्थी प्राइवेट और मान्यता प्राप्त स्कूलों में मुफ्त दाखिले चाह रहे हैं। दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के
संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा इन बच्चों की लड़ाई लड़ रहे हैं। वर्ष 2015-16 के शिक्षा सत्र के लिए कक्षा 9 से 12 तक के 20 हजार छात्र-छात्राओं ने दाखिलों के लिए ऑनलाइन आवेदन किए थे, जिनके ड्रा घोषित कर दि गए हैं। इन बच्चों से सरकारी स्कूलों केसमान फीस वसूलने का आदेश है। पेंच कक्षा एक से आठ तक के 65 हजार विद्यार्थियों का ड्रा रोक देने पर फंसा है। राज्य सरकार नेसिर्फ इसलिए इन बच्चों के ड्रा घोषित करने पर रोक लगा दी थी क्योंकि उनकी फीस का खर्च सालाना 200 करोड़ रुपये बन रहा है। सत्यवीर सिंह हुड्डा हालांकि इस आंकड़े को गलत करार देते हुए इसे 100 करोड़ रुपये से कम ही बता रहे हैं, लेकिन बच्चों की फीस का स्थायी बंदोबस्त नहीं होने तक ड्रा पर रोक लगी हुई है। अब हाई कोर्ट ने 15 जुलाई तक ड्रा घोषित कर सभी बच्चों को उनकी पसंद के स्कूलों में दाखिले दिलाने का आदेश जारी किया है। यदि राज्य सरकार यह काम नहीं करती तो 17 जुलाई को हाई कोर्ट मेंअवमानना की अर्जी देते हुए सरकार और अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जाएगी।




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