BLO duty and court

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जेबीटी शिक्षकों की बीएलओ ड्यूटी का पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने लिया कड़ा संज्ञान, शुक्रवार तक सरकार से माँगा जवाब।

चंडीगढ़:
बीएलओ ड्यूटी के खिलाफ जिला कुरुक्षेत्र के जेबीटी शिक्षकों द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट की जस्टिस अमित रावल की बेंच ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए मामले में आगामी शुक्रवार तक जवाब तलब कर लिया है। बेंच ने शिक्षकों को शिक्षण की बजाय वर्षों से बीएलओ जैसे गैर-शैक्षणिक कार्यो में व्यस्त रखने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की और सरकारी वकील से पूछा कि शिक्षकों का काम पढ़ाना है या बीएलओ ड्यूटी करना ?  याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अनुराग गोयल ने बेंच को बताया कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून भी ये साफ करता है कि शिक्षकों की बीएलओ जैसे गैर-शैक्षणिक कार्यो में ड्यूटी नही लगाई जा सकती। शिक्षकों का एकमात्र दायित्व शिक्षा देना है ना कि अन्य कार्यो में ऊर्जा नष्ट करना। उन्होंने बेंच को बताया कि गुडगाँव में तो बीएलओ नियुक्त शिक्षको का वेतन रोकने व ऍफ़आईआर तक दर्ज करने की अनुसंशा की जा चुकी है। एक तरफ तो शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यो से दूर रहने व बच्चों के दाखिलों पर एवम शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दे रहे है जबकि दूसरी तरफ जिला उपायुक्त कार्यालय शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी देने के लिए बाध्य कर रहा है। ऐसे में शिक्षक करे भी तो क्या करे। दायर याचिका में उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद बेंच की मुख्यन्यायधीश वाली डिवीजन बेंच द्वारा 25 मार्च 2015 को एक जनहित याचिका में दिए फैसले का भी हवाला दिया गया है जिसमे डिवीजन बेंच ने स्कूल टाइम के बाद भी या छूटी के दिन भी शिक्षकों की गैर-शैक्षणिक कार्यो में ड्यूटी को गलत ठहराते हुए कहा कि स्कूल टाइम के बाद भी एक शिक्षक को अगले दिन के शिक्षण कार्य हेतु तैयारी करनी होती है और छूटी के दिन अपने पारिवारिक कार्यो को भी करना होता है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार कोई वैकल्पिक व्यवस्था करे और शुक्रवार तक हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करे। हाईकोर्ट ने सबंधित पक्षों शिक्षा विभाग के अधिकारिओं, उपायुक्त कुरुक्षेत्र आदि को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब तलब किया है।

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