स्वच्छता को लेकर पीएमओ टीम ने किया बराड़खेड़ा गांव के स्कूल का निरीक्षण,, New selected JBT


स्वच्छता को लेकर पीएमओ टीम ने किया बराड़खेड़ा गांव के स्कूल का निरीक्षण

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जुलाना | स्वच्छताअभियान के तहत पीएमओ टीम ने गुरुवार को बराड़ खेड़ा गांव के सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया।
निरीक्षण में स्कूल के शौचालय साफ-सफाई व्यवस्था की जांच की गई। पीएमओ दफ्तर से डायरेक्टर ऑफ टेलिकम्युनिकेशन राजेंद्र प्रसाद, जिला शिक्षा अधिकारी जोगेंद्र सिंह हुड्डा, डीईईओ सतबीर सरोहा, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी आदर्श राजन ने बराड़ खेड़ा गांव के सरकारी स्कूल का दौरा किया। टीम ने स्कूल में कुछ समय बनवाएं गए शौचालयों का निरीक्षण किया। साथ में टीम में सफाई व्यवस्था की जांच भी की। निरीक्षण के बाद टीम ने स्कूल में पौधरोपण किया और विद्यार्थियों को पेड़-पौधों के बारे में विस्तार से बताया। जोगेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने में जीवन में एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और उसकी देखभाल अपने बच्चों की तरह करनी चाहिए। स्कूल के हेडमास्टर सतीश गुप्ता ने बताया कि स्कूल में कुछ समय पहले इंडियन ऑयल द्वारा शौचालय का निर्माण करवाया गया था। शौचालय की जांच करने सफाई व्यवस्था स्कूल में है कि नहीं इस बारे में टीम ने स्कूल का निरीक्षण किया है। स्कूल में सब कुछ सही पाया गया। बराड़खेड़ा के सरकारी स्कूल में निरीक्षण करती टीम। www.facebook.com/teacherharyana (Recruitment , vacancy , job , news)


चयनित जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति अग्रिम सुनवाई के लिए हाईकोर्ट पहुंची सरकार

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस।चंडीगढ़, 16 जुलाई
चयनित जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रदेश की मनोहर सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम सुनवाई के लिए याचिका दायर की है। हरियाणा के एडवोकेट जनरल (एजी) ने बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट पहुंच कर यह याचिका दायर की। पूर्व की हुड्डा सरकार के कार्यकाल में राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा चयनित किए गए 9455 जेबीटी शिक्षकों की जल्द ज्वाइनिंग के लिए सरकार हाईकोर्ट पहुंची है।
वहीं विगत दिवस हाईकोर्ट के ही निर्देशों पर जारी की गई 1750 और जेबीटी शिक्षकों की ज्वाइनिंग का फैसला भी सुनवाई के बाद ही होगा। इस मामले में नियमित सुनवाई की तारीख पहले से ही 28 जुलाई तय है। सरकार इससे पहले सुनवाई करवाना चाहती है। 9455 नवचयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति को लेकर प्रदेश स्तर का आंदोलन कर चुके हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हुई उनकी वार्ता में यह निर्णय हुआ था कि सरकार अग्रिम सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगी।
अग्रिम सुनवाई की याचिका को लेकर पिछले तीन दिनों से एडवोकेट जनरल के अलावा मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव व शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें हो रही थीं। जवाहर यादव ही जेबीटी शिक्षकों व सरकार के बीच सेतु का काम कर रहे हैं। पात्र अध्यापक संघ, हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा भी अग्रिम सुनवाई की याचिका के लिए जवाहर यादव से लगातार संपर्क बनाए हुए थे। शिक्षकों के साथ हुई वार्ता के अनुसार बृहस्पतिवार को सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
याचिका के साथ ही सरकार ने हाईकोर्ट से नवचयनित जेबीटी शिक्षकों की जल्द नियुक्ति के लिए भी आग्रह किया है।
पूर्व से तैयार थी चयन सूची: पूर्व की हुड्डा सरकार के दौरान 14 अगस्त, 2014 को राज्य शिक्षक भर्ती बोर्ड ने जेबीटी शिक्षकों का परिणाम घोषित किया था। कुल 9780 पदों के लिए हुई भर्ती में बोर्ड ने 9455 शिक्षकों का चयन किया था। दो दिन पहले हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 1750 और जेबीटी शिक्षकों का परिणाम घोषित किया है। इन शिक्षकों की चयन सूची भी पूर्व सरकार के समय से ही तैयार थी।
अध्यापक संघ ने जताई खुशी: अग्रिम सुनवाई के लिए याचिका दायर किए जाने पर पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व सीएम के ओएसडी जवाहर यादव का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार ने 9455 जेबीटी शिक्षकों को न्याय दिलाने की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों का चयन लम्बे आंदोलन के बाद हुआ था। अब ये शिक्षक पिछले करीब 11 महीने से ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे हैं।




अतिथि लेक्चरर्स का रिजल्ट और अन्य ब्यौरा माँगा

शिक्षा निदेशालय खराब रिजल्ट का वास्तविक कारण पता लगाने के लिए हर पहलू की जांच कर रहा है। इसी कड़ी में निदेशालय के नए फरमान ने विभागीय अफसरों और गेस्ट टीचरों में खलबली मचा दी है। निदेशालय के नए निर्देश में 48 घंटे के अंदर ब्लाक स्तर के सभी गेस्ट लेक्चरर और स्कूलों की बोर्ड व नॉन बोर्ड कक्षाओं का पिछले तीन वर्षों के रिजल्ट का ब्यौरा देने की बात कही गई है। निदेशालय ने ये जानकारियां क्यों मांगी हैं,
इसकी भनक किसी अधिकारी तक को नहीं है। शिक्षा निदेशालय प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों से ये जानकारियां जुटाने में लगा है। इसके लिए निदेशालय ने 14 जुलाई को पत्र जारी किया था। अधिकारियों को साफ तौर पर हिदायतें दी गई है कि 16 जुलाई से पहले मांगी गई सूचनाएं मुहैया कराएं। विभागीय अधिकारियों को पूरा ब्यौरा ई-मेल के जरिये देना होगा। चंडीगढ़ से जारी पत्र क्रमांक 15/28-2015 सीओ (4) के तहत सभी खंड शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर तत्काल प्रभाव से विवरण निदेशालय को भेजे जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी रामौतार शर्मा का कहना है निदेशालय को पूरा विवरण समय से पूर्व ही उपलब्ध करवा दिया जाएगा। निदेशालय ने ये जानकारियां क्यों मांगी हैं, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। हमने सारा ब्यौरा तैयार कर लिया है।




यह मांगा है विवरण: पद नाम के अलावा कैटेेगरी, लेक्चरर नाम, पिता नाम, जन्मतिथि, जहां कार्यरत है उस स्कूल का नाम, शैक्षणिक योग्यता, पास प्रतिशत सहित, डिग्री रेगूलर है या दूरस्थ निदेशालय से, कौन से वर्ष में पास की है इस बारे में भी विशेष तौर पर विवरण मांगा गया है। डिग्री किस विश्वविद्यालय की है यह ब्यौरा भी देना होगा। इनके अलावा पात्रता परीक्षा के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। इसमें कहा गया है




15 कंप्यूटर शिक्षक बैठे आमरण अनशन पर


पंचकूला में बृहस्पतिवार को कंप्यूटर शिक्षक हवन करके आंदोलन की शुुरुआत करते हुए।
चंडीगढ़ 16 जुलाई (ट्रिन्यू)
अपनी नौकरी बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे कंप्यूटर शिक्षकों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। बृहस्पतिवार को पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित शिक्षा सदन के पीछे धरने पर बैठे कंप्यूटर शिक्षकों ने आमरण अनशन की शुरुआत की। पहले दिन 15 शिक्षक आमरण अनशन पर बैठे। इनमें 4 महिला शिक्षक शामिल हैं।
कंप्यूटर शिक्षक अपनी नौकरी बहाली की मांग को लेकर 179 दिनों से पंचकूला में धरने पर बैठे हुए हैं। धरने पर बैठे शिक्षकों का कहना है अब सरकार या तो नौकरी बहाल करे या फिर हमारी जान ले।
प्रदेश भर से आये शिक्षकों ने सरकार की सद‍्बुद्धि और शांति के लिए हवन किया और इसके बाद अनशन की शुरुआत की। शिक्षक संघ के प्रधान बलराम धीमान ने बताया कि अगर सरकार जल्द ही समस्या का समाधान नहीं करती है तो जल्द ही सड़कों पर उग्र आंदोलन भी होगा। धीमान ने कहा कि सरकार के साथ 74 बार बैठक हो चुकी हैं। जिसमें मुख्यमंत्री के साथ 11 बार शिक्षा मंत्री के साथ 10 बार मुख्यमंत्री के ओएसडी के साथ 18 बार स्वास्थ्य मंत्री से 15 बार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ 20 बार बैठक हो चुकी हैं। मगर सरकार ने आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं दिया।

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