आक्रोश रैली में शिक्षकों ने निकाली भड़ास,,सरकार को नई शिक्षा नीति को दी चुनौती





करनाल : प्रदेश स्तरीय शिक्षक आक्रोश रैली में शिक्षक नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। सरकार की शिक्षा नीतियों पर गरजते हुए शिक्षक नेताओं ने नई शिक्षा नीति पर खुली बहस करने की चुनौती
भी दे डाली। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि रैली में आए शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग किसी भी तरह की उत्पीड़न की कार्रवाई करेगा तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। चूंकि रविवार को शिक्षकों का अवकाश रद्द होने के बावजूद भी हजारों शिक्षक रैली में पहुंचे थे। दूसरी ओर शिक्षकों की रैली के चलते खुफिया तंत्र सक्रिय रहा। शिक्षक नेताओं ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह ज्ञापन देने के लिए सीएम कैंप आफिस की ओर कूच करेंगे। इसके साथ ही उनका ज्ञापन रैली स्थल पर भी आकर अधिकारी ले सकते हैं। ऐसे में सीटीएम सतीश कुमार को ज्ञापन लेने के लिए प्रशासन की ओर से भेजा गया। चूंकि यदि शिक्षक सीएम कैंप आफिस की ओर कूच करते तो शहर में यातायात व्यवस्था चरमरा सकती थी।

सरकार को नई शिक्षा नीति को दी चुनौती
ये हैं मुख्य मांगें
रेशनेलाइजेशन नीति को व्यवहारिक बनाया जाए। अध्यापक छात्र अनुपात प्राइमरी में 1:20, माध्यमिक में 1:30 व वरिष्ठ माध्यमिक में 1:40 किया जाए। प्रत्येक विषय का अलग अध्यापक हो, हटाए गए अध्यापकों को दोबारा विभाग में लें, 2000 में लगे जेबीटी शिक्षकों को पदोन्नति कर सभी लाभ दिए जाएं, सभी वर्गों की पदोन्नति सूची जारी हो, अंतर जिला स्थानांतरण नीति जारी करे, मेवात में लगे अध्यापकों को गृह जिलों में आने का अवसर मिले, सार्वजनिक शिक्षा का विस्तार हो, शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए, पुरानी पेंशन नीति बहाल करें, उच्च योग्यता के आधार पर अतिरिक्त वेतन वृद्धि मिले, बाजारीकरण व निजीकरण को बंद किया जाए व अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेने पर रोक लगाकर बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त किया जाए।
नई शिक्षा नीति का नहीं कोई ड्राफ्ट तैयार : वजीर
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वजीर ¨सह ने हरियाणा सरकार को चुनौती दी कि संघ नई शिक्षा नीति पर खुली बहस के लिए तैयार है। लेकिन सरकार ने न तो पुरानी शिक्षा की समीक्षा की। इसमें क्या-क्या खामियां है। उन्हें दूर कैसे करेंगे और ना ही नई शिक्षा का कोई ड्राफ्ट तैयार किया गया है। जब ड्राफ्ट तैयार नहीं है तो बहस किस पर करेंगे। पंचायत कार्य ही नहीं कर रही है। इनका कार्यकाल समाप्त हो गया। जब गांव के निर्वाचित प्रतिनिधि ही नहीं है तो बहस व सुझाव किससे लें। असम में ड्रामा करके भाजपा व आरएसएस अपने छुपे हुए एजेंडे को शिक्षा में लागू करना चाहते हैं।
राजस्थान के शिक्षकों की आवाज भी उठाई
प्रदेश स्तरीय रैली में राजस्थान शिक्षक संघ के महासचिव महावीर ¨सह सिहाग ने अपने राज्य के शिक्षकों की आवाज भी उठाई। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 1700 से ज्यादा विद्यालय बंद कर दिए गए और 70 हजार शिक्षकों के पद समाप्त कर दिए गए हैं। पचास हजार से ज्यादा शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी है। देश को एक समान व सर्व समावेशी शिक्षा चाहिए।
सरकार को सुनाई खरी-खरी
सर्व कर्मचारी संघ के राज्य महासचिव सुभाष सुभाष लांबा, राज्य संगठन सचिव बलबीर ¨सह व राज्य प्रेस सचिव जगरोशन ने सरकार को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि सरकार ठेका प्रथा व निजीकरण को समाप्त करके सार्वजनिक ढांचे का विस्तार करे।

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करनाल : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की प्रदेश स्तरीय शिक्षक आक्रोश रैली में शिक्षकों के तेवरों को देखते हुए उनके प्रतिनिधिमंडल को तीन सितंबर को सीएम से मिलवाने का समय प्रशासन ने दिलवाया। शिक्षक नेताओं ने चेतावनी दी कि सीएम से बातचीत के बाद भी उनकी मांगों के प्रति सकारात्मक रुख नहीं अपनाया जाता तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। जबकि रैली में शिक्षकों ने सरकार पर शिक्षा विरोधी होने का आरोप लगाते हुए जमकर भड़ास निकाली।
सेक्टर 12 में आयोजित रैली में प्रदेश के कोने-कोने से शिक्षक आए। जन शिक्षा के विस्तार, गुणवत्ता व अध्यापकों के मुद्दों को रैली में जोरशोर से उठाया गया। रैली के बाद शिक्षकों को अपनी मांगों का ज्ञापन देने के लिए सीएम कैंप ऑफिस जाना था। लेकिन सीटीएम सतीश कुमार ने रैली स्थल पर आकर शिक्षकों से बातचीत की और उनका ज्ञापन लिया। इसके साथ ही उन्हें तीन सितंबर को चंडीगढ़ में मिलवाने का समय भी दिलवाया। शिक्षकों का आरोप है कि खट्टर सरकार ने स्कूलों से हजारों गेस्ट टीचरों को सरप्लस बता कर नौकरियों से बाहर कर दिया है, बाकी को निकालने की तैयारी चल रही है। लैब सहायक कंप्यूटर आपरेटरों की छुट्टी कर दी गई है। उनकी मांग है कि स्कूलों में खाली पड़े हजारों पदों पर स्थाई भर्ती की जाए। गेस्ट टीचर, लैब सहायक , कंप्यूटर आपरेटर व अन्य कच्चे कर्मचारियों को स्थाई किया जाए। रेशनेलाइजेशन नीति के व्यवहारिक करने, शक्तियों का विकेंद्रीकरण करने, शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने, अध्यापकों से किसी भी प्रकार की बेगार लेने सहित कई मांगें शामिल हैं। इस दौरान प्रांतीय उप महासचिव रा¨जद्र ¨सह, जिला प्रधान अनिल सैनी, नरेंद्र चोपड़ा, सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान ओमप्रकाश सिंहमार, सतपाल सैनी, रोशन राणा व कृष्ण कुमार निर्माण मौजूद रहे।






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