महिलाओं के लिए हो सकती है 5वीं पास की शर्त
चंडीगढ़, 1 सितंबर (ट्रिन्यू)
पंचायती राज संस्थाओं – ग्राम पंचायतें, पंचायत समितियों व जिला परिषद चुनावों के लिए शैक्षिक योग्यता की शर्तों में बदलाव हो सकता है। शैक्षिक योग्यता की शर्त को लेकर हो रहे विरोध के बाद राज्य सरकार इसमें बदलाव करने के बारे में
सोच रही है। महिलाओं के लिए लगाई गई आठवीं पास होने की शर्त को कम करके पांचवीं पास किया जा सकता है। बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में देर रात तक चली भाजपा विधायक दल की बैठक में इस मुद्दे पर मंथन हुआ। पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी डॉ़ अनिल जैन, प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला व संगठन महामंत्री सुरेश भट्ट भी इस बैठक में मौजूद रहे।
बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार पंचायत चुनावों को लेकर बैठक में काफी देर तक चर्चा हुई। कुछ विधायकों ने इन शर्तों को लागू करने के लिए विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा जारी किए गए आर्डिनेंस को वापस लेने तक की मांग की। बताते हैं कि सरकार इस फैसले से पीछे हटने को राजी नहीं है। विधायकों के सुझावों के बाद इस बात पर सहमति बनी है कि महिलाओं के चुनाव लड़ने पर लगाई गई आठवीं पास होने की अनिवार्यता को कम करके पांचवीं पास कर दिया जाए। इस पर अंतिम फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व ग्रामीण विकास मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को अधिकृत किया गया है।
बैठक में कुछ विधायकों ने यह भी कहा कि गांवों में पढ़े-लिखे लोग मिलना मुश्किल है। मेवात जैसे जिले में तो समस्या और भी बढ़ी हुई है। विधायकों ने यह सुझाव भी दिए उन निवर्तमान पंच-सरपंचों एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों को अनुभव का लाभ देते हुए शैक्षिक योग्यता से छूट देनी चाहिए, जो अनपढ़ हैं या फिर कम पढ़े-लिखे हैं लेकिन सरकार इस बात पर भी राजी नहीं हुई। बैठक में यह तय हुआ कि खट्टर व धनखड़ के सुझावों के बाद मानसून सत्र में ही सरकार संशोधन बिल पेश करेगी।
www.facebook.com/teacherharyana www.teacherharyana.blogspot.in (Recruitment , vacancy , job , news)
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सोच रही है। महिलाओं के लिए लगाई गई आठवीं पास होने की शर्त को कम करके पांचवीं पास किया जा सकता है। बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में देर रात तक चली भाजपा विधायक दल की बैठक में इस मुद्दे पर मंथन हुआ। पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी डॉ़ अनिल जैन, प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला व संगठन महामंत्री सुरेश भट्ट भी इस बैठक में मौजूद रहे।
बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार पंचायत चुनावों को लेकर बैठक में काफी देर तक चर्चा हुई। कुछ विधायकों ने इन शर्तों को लागू करने के लिए विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा जारी किए गए आर्डिनेंस को वापस लेने तक की मांग की। बताते हैं कि सरकार इस फैसले से पीछे हटने को राजी नहीं है। विधायकों के सुझावों के बाद इस बात पर सहमति बनी है कि महिलाओं के चुनाव लड़ने पर लगाई गई आठवीं पास होने की अनिवार्यता को कम करके पांचवीं पास कर दिया जाए। इस पर अंतिम फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व ग्रामीण विकास मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को अधिकृत किया गया है।
बैठक में कुछ विधायकों ने यह भी कहा कि गांवों में पढ़े-लिखे लोग मिलना मुश्किल है। मेवात जैसे जिले में तो समस्या और भी बढ़ी हुई है। विधायकों ने यह सुझाव भी दिए उन निवर्तमान पंच-सरपंचों एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों को अनुभव का लाभ देते हुए शैक्षिक योग्यता से छूट देनी चाहिए, जो अनपढ़ हैं या फिर कम पढ़े-लिखे हैं लेकिन सरकार इस बात पर भी राजी नहीं हुई। बैठक में यह तय हुआ कि खट्टर व धनखड़ के सुझावों के बाद मानसून सत्र में ही सरकार संशोधन बिल पेश करेगी।
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