जंतर-मंतर पर “सत्याग्रह” के लिए बीएड टेट धारकों को दिल्ली पुलिस से मिली अनुमति।

जंतर-मंतर पर “सत्याग्रह” के लिए बीएड टेट धारकों को दिल्ली पुलिस से मिली अनुमति।
-दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने “सत्याग्रह” के लिए दिया तीन दिन का समय
-2 से 4 अक्तूबर तक चलेगा बीएड टेट धारकों का यह आंदोलन
-पहले बापू की जयंती पर कैबिनेट मंत्री स्मृति ईऱानी के घर पर करने जा रहे थे प्रदर्शन

कानपुर। यूपी के लाखों बेरोजगार बीएड टेट धारक अब केंद्र सरकार की मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के घर के बाहर प्रदर्शन नहीं करेंगे। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति प्रदान कर दी है। पुलिस ने यह फैसला सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर लिया है। दिल्ली पुलिस की तरफ से जंतर-मंतर पर तीन दिन का समय दिया गया है। हजारों की संख्या में बीएड टेट धारक अब 2 से 4 अक्तूबर तक “सत्याग्रह” केंद्र सरकार से यह मांग करेंगे कि यूपी सरकार के इशारे पर एनसीटीई की गाइड लाइन में किसी तरह का बदलाव न किया जाए। साथ ही सूबे की सरकार ने उनके साथ जो सौतेला व्यवहार किया है उस पर हस्तक्षेप कर बीएड टेट धारकों को नौकरी हर कीमत पर दी जाए।
यूपी के करीब 2 लाख 70 हजार बीएड टेट धारक बेरोजगार हैं। तमाम जद्दोजहद के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है। जबकि महज कुछ साल की ट्रेनिंग के बाद ही सूबे की सरकार ने इंटर पास शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर कर दिया। सप्ताह भर पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले को खारिज कर शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक लगाते हुए तगड़ा झटका दे दिया। सूबे की सरकार हर मोर्चे पर शिक्षामित्रों के साथ खड़ी रही। सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल से साफ कह दिया कि सरकार उनके साथ है। इधर, बीएड टेट धारकों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने का लक्ष्य बनाकर महाअभियान शुरू कर दिया। इतना ही नहीं सोशल मीडिया फेसबुक और वाट्सएप पर भी इसे खूब वायरल किया गया। दो दिन पहले टेट धारकों ने इलाहाबाद में बैठक कर फैसला लिया कि वह लोग बापू की जयंती के दिन 2 अक्तूबर को कैबिनेट मंत्री के घर के बाहर प्रदर्शन कर उनका घेराव करेंगे। बीएड टेट धारक केंद्र सरकार से यह मांग करेंगे कि सूबे की सरकार के कहने पर केंद्र सरकार का मानव संसाधान मंत्रालय एनसीटीई की गाइड लाइन में किसी तरह का बदलाव न करें नहीं तो लाखों योग्य बीएड टेट धारकों के भविष्य से खिलवाड़ होगा। गाइड लाइन में बदलाव होने से शिक्षामित्रों को सीधे तौर पर लाभ मिलेगा और प्रदेश सरकार यह चाह भी रही है। उधर, दिल्ली पुलिस ने पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए टीईटी 2011 उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशू राणा के उस प्रार्थना पत्र पर अपनी स्वीकृति दे दी, जिसमें उन्होंने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमित मांगी थी। सोमवार की देर शाम जंतर-मंतर पर अनुमति मिलने के बाद बीएड टेट धारकों में खुशी की लहर है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर को टेट धारकों ने शपथ दिया है कि उनका प्रदर्शन पूरी तरह से अहिंसात्मक रहेगा। जिसमें लाखों बीएड टेट धारक सिर्फ अपनी मांगों के लिए धरना देकर “सत्याग्रह” करेंगे। माना जा रहा है कि 30 सिंतबर से ही बीएड टेट धारकों की भीड़ दिल्ली पहुंचने लगेगी। हाईकोर्ट से फैसले के बाद बीएड टेट धारक पूरी तरह से जोश में हैं। सभी का कहना है कि जंग अब आरपार की होगी। सरकार पर भरोसा नहीं लेकिन न्यायालय पर उन लोगों को पूरी भरोसा है। जरूरत पड़ी तो सभी टेट धारक राष्ट्रपति के पास भी अपनी गुहार लगाएंगे। उत्तर प्रदेश के टेट पास युवाओं को भारत के अन्य राज्यों के टेट पास युवाओं से मिल रहे समर्थन से भी सरकार की सांसे फूल रही है। प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, बिहार,राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब आदि राज्यों के टेट पास व उनके प्रतिनिधि संगठन भी अपनी शिरकत कर सकते है जिससे केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ रहा है।
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