राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पिछली हुड्डा सरकार में गठित और मनोहर सरकार में एक्सटेंशन पाए हरियाणा वेतन विसंगति आयोग को आखिरकार कर्मचारियों की याद आ गई है। सर्व कर्मचारी संघ के सीएम सिटी करनाल में राज्य स्तरीय आंदोलन के एलान के बाद आयोग ने कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया है। सर्व कर्मचारी
संघ के पदाधिकारी 30 सितंबर को वेतन विसंगति आयोग के अध्यक्ष जी. माधवन के साथ मीटिंग करेंगे। 1हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित वेतन) और सिविल सेवाएं (एसीपी) नियम 2008 के माध्यम से वेतन संशोधनों के क्रियान्वयन से पैदा हुई वेतन विसंगतियों एवं वेतन असमानताओं को दूर करने के लिए यह आयोग गठित हुआ था। पिछली सरकार में गठित इस आयोग ने हालांकि कर्मचारी संगठनों से सुझाव मांगे थे, लेकिन हरियाणा में कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन सर्व कर्मचारी संघ को आज तक वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया था। भाजपा सरकार ने आयोग को तीन माह की एक्सटेंशन दी है, ताकि दीपावली के आसपास आयोग राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट दे सके। इसके लिए आयोग ने सर्व कर्मचारी संघ को बातचीत का निमंत्रण भेजा है। 1सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार सरकार ने पांचवें वेतनमान की विसंगतियां दूर किए बिना छठा वेतनमान लागू कर दिया था। अभी इसकी विसंगतियों को दूर नहीं किया गया है। अब सातवें वेतनमान के लिए डाटा मांगा जा रहा है। इससे और विसंगतियां बढ़ेंगी। कर्मचारी लंबे समय से पंजाब के समान वेतनमान देने और भविष्य के लिए हरियाणा का अलग वेतन आयोग गठित करने की मांग कर रहे हैं।www.facebook.com/teacherharyana
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